उडुपी: कर्नाटक के उडुपी जिले के शिरवा इलाके का एक युवक अपने पिता को बाइक में बैठकर महाकुंभ में स्नान कराने के लिए प्रयागराज पहुंच गया. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज पहुंचकर उसने अपने पिता को संगम में पवित्र स्नान कराया. हैरानी की बात यह है कि, उसने पिता को प्रयागराज ले जाने के लिए 25 साल पुरानी बाइक राइड की.
कर्नाटक से प्रयागराज तक बाइक से पिता को लेकर जाने वाले शख्स का नाम प्रज्वल शेनॉय है. उनके पिता का नाम राजेंद्र शेनॉय है. वे कापू तालुक के कटपडी में शिरवा के मूल निवासी हैं. 6 फरवरी को सुबह 4 बजे पिता-पुत्र शिरवा से निकले और येल्लापुर, हुबली, विजयपुरा, सोलापुर, लातूर, नांदेड़, नागपुर, जबलपुर होते हुए बाइक से काफी लंबी दूरी तय करते हुए प्रयागराज पहुंचे.
उन्होंने संगम में 10 फरवरी को पवित्र स्नान किया और 13 फरवरी को शिरवा लौटकर एक नया इतिहास रच दिया. यात्रा के दौरान, वे रास्ते में पेट्रोल पंपों पर टेंट लगाते, रात बिताते और सुबह अपनी बाइक यात्रा फिर से शुरू करते. उन्होंने जाने और वापस आने के दौरान लगभग 3 हजार किमी की दूरी तय की.
प्रज्वल शेनॉय का अनुभव
प्रज्वल शेनॉय ने बताया कि, प्रयागराज पहुंचने से पहले करीब 250 से 300 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ था. हालांकि, बाइक को आगे जाने दिया गया. संगम में जहां स्नान करते हैं वहां भीड़ नहीं थी. दरअसल, भीड़ से बचने के लिए बैरिकेड लगाकर एहतियाती कदम उठाए गए थे. उन्होंने बताया कि, रास्ते में भी लोग उनकी बाइक देखकर रुक जाते और उनसे बात करते थे.
उन्होंने बताया कि, यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के सिवनी जाते समय कार से जा रहे कुंदापुर के एक व्यक्ति ने उनकी बाइक रोकी और उन्हें अपना महंगा धूप का चश्मा, मिठाई, कोल्ड ड्रिंक और फल-मेवे दिए. इतना ही नहीं वहां की पुलिस ने बहुत उनका काफी सहयोग किया.
पिता-पुत्र ने खारदुंगला में फहराया कन्नड़ ध्वज
जून 2024 में पिता-पुत्र की जोड़ी ने अपनी बाइक पर 10 दिनों की अवधि में ऊबड़-खाबड़ सड़क पर लगभग 2,100 किलोमीटर की यात्रा की. उन्होंने हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख, कारगिल और मनाली राज्यों से यात्रा करते हुए खारदुंगला पहुंचे थे, जो समुद्र तल से लगभग 17,982 फीट की ऊंचाई पर दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा स्थान है. वहां उन्होंने कन्नड़ ध्वज फहराया.
ईटीवी भारत' से बात करते हुए पिता राजेंद्र शेनॉय ने कहा, "मुझे गर्व है कि मैंने अपने बेटे के साथ 144 साल में एक बार आयोजित होने वाले इस महाकुंभ मेले के लिए चार दिनों की यात्रा की. इस दौरान 20 हजार रुपये खर्च हुए. इस यात्रा के गवाह कुंदापुर के एक व्यक्ति ने उन्हें एक नया हेलमेट गिफ्ट किया.
वहीं, प्रज्वल की मां रजनी ने कहा, "मेरे पति और बेटे को बस से आने-जाने की आदत नहीं है और हमारे पास कार भी नहीं है. वे बाइक से आते-जाते हैं और यही बात मुझे खुश करती है. उन्होंने कहा कि, उन्होंने कुछ बचाए हुए पैसों से अपने पति और बेटे को प्रयागराज संगम में स्नान करने के लिए भेजा. महिला ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मेरा बेटा और पति कुंभ मेले में गए... इससे ज्यादा मुझे और क्या चाहिए?"
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