ETV Bharat / state

हाईकोर्ट की खरी-खरी, कर्मियों को बकाया वित्तीय लाभ न देने के लिए नहीं चलेगा आर्थिक संकट का बहाना, एचआरटीसी से जुड़ा है केस - HC ON HRTC EMPLOYEES OUTSTANDING

एचआरटीसी कर्मियों को बकाया वित्तीय लाभ न देने पर हाईकोर्ट ने खरी-खरी सुनाई है. हाईकोर्ट के सरकार से कहा आर्थिक संकट का बहाना नहीं चलेगा.

हिमाचल हाईकोर्ट
हिमाचल हाईकोर्ट (FILE)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 18, 2025, 7:48 PM IST

शिमला: कर्मचारियों के बकाया वित्तीय लाभ से जुड़े एक और मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि अदालत के आदेश पर कर्मचारियों के बकाया वित्तीय लाभ जारी न करने के लिए सरकार आर्थिक संकट का बहाना नहीं बना सकती है. अदालत के आदेश के अनुसार कर्मियों के वित्तीय लाभ देने को लेकर आर्थिक संकट के बहाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. मामला हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) से जुड़ा है.

दरअसल, बकाया वित्तीय लाभ न मिलने के कारण परिवहन निगम के प्रभावित कर्मियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट से पिछले साल याचिका दाखिल करने वाले पात्र कर्मियों के बकाया वित्तीय लाभ अप्रैल 2024 तक जारी करने के आदेश दिए गए थे. राज्य सरकार अदालत के आदेश के अनुसार वित्तीय लाभ नहीं दे पाई. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को खरी-खरी सुनाते हुए कहा है कि आर्थिक संकट का बहाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. एचआरटीसी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेश का अक्षरश: अनुपालन किया जाना जरूरी है. ये अनुपालना उस समय और भी जरूरी हो जाती है, जब अदालत का निर्णय अंतिम हो गया हो.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की खंडपीठ ने मामले में सैकड़ों प्रभावित कर्मियों की तरफ से दाखिल की गई अनुपालना याचिका का निपटारा करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश भी दिए. साथ ही स्टेटस रिपोर्ट के संदर्भ में मामले की सुनवाई सुनवाई 27 मार्च को निर्धारित करने के आदेश जारी किए.

मामले की सुनवाई के दौरान एचआरटीसी की तरफ से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार समय-समय पर वेतन, सब्सिडी और पूंजी निवेश के लिए अनुदान सहायता प्रदान करके परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही है. एचआरटीसी ने अदालत के समक्ष कहा कि आर्थिक संकट के कारण हाईकोर्ट के आदेशानुसार कर्मियों के बकाया वित्तीय लाभ चुकाने में मुश्किल हो रही है. इस पर हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक संकट का बहाना बनाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया.

उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर 2023 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचआरटीसी के उन कर्मियों को एक साल के बाद नियमित करने के आदेश जारी किए थे जो वर्ष 2003 से 2006 तक अनुबंध के आधार पर नियुक्त हुए थे. हाईकोर्ट ने विभिन्न याचिकाओ का एक साथ निपटारा करते हुए यह स्पष्ट किया था कि इन कर्मियों को नियमितिकरण से उपजे सभी सेवा लाभ 30 अप्रैल 2024 तक अदा करने होंगे. यदि 30 अप्रैल 2024 तक यह लाभ नहीं दिए तो देय राशि पर छह प्रतिशत ब्याज भी अदा करना होगा. अदालती आदेशों की अनुपालना न होने पर प्रार्थियों को हाईकोर्ट के समक्ष अनुपालना याचिकाएं दायर करनी पड़ी थीं, जिनकी सुनवाई के दौरान अदालत ने ये सख्त टिप्पणियां की हैं.

ये भी पढ़ें: गुड़िया रेप एंड मर्डर से जुड़े सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में IG जहूर जैदी व अन्य दोषी करार, सीबीआई कोर्ट का फैसला

शिमला: कर्मचारियों के बकाया वित्तीय लाभ से जुड़े एक और मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि अदालत के आदेश पर कर्मचारियों के बकाया वित्तीय लाभ जारी न करने के लिए सरकार आर्थिक संकट का बहाना नहीं बना सकती है. अदालत के आदेश के अनुसार कर्मियों के वित्तीय लाभ देने को लेकर आर्थिक संकट के बहाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. मामला हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) से जुड़ा है.

दरअसल, बकाया वित्तीय लाभ न मिलने के कारण परिवहन निगम के प्रभावित कर्मियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट से पिछले साल याचिका दाखिल करने वाले पात्र कर्मियों के बकाया वित्तीय लाभ अप्रैल 2024 तक जारी करने के आदेश दिए गए थे. राज्य सरकार अदालत के आदेश के अनुसार वित्तीय लाभ नहीं दे पाई. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को खरी-खरी सुनाते हुए कहा है कि आर्थिक संकट का बहाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. एचआरटीसी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेश का अक्षरश: अनुपालन किया जाना जरूरी है. ये अनुपालना उस समय और भी जरूरी हो जाती है, जब अदालत का निर्णय अंतिम हो गया हो.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की खंडपीठ ने मामले में सैकड़ों प्रभावित कर्मियों की तरफ से दाखिल की गई अनुपालना याचिका का निपटारा करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश भी दिए. साथ ही स्टेटस रिपोर्ट के संदर्भ में मामले की सुनवाई सुनवाई 27 मार्च को निर्धारित करने के आदेश जारी किए.

मामले की सुनवाई के दौरान एचआरटीसी की तरफ से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार समय-समय पर वेतन, सब्सिडी और पूंजी निवेश के लिए अनुदान सहायता प्रदान करके परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही है. एचआरटीसी ने अदालत के समक्ष कहा कि आर्थिक संकट के कारण हाईकोर्ट के आदेशानुसार कर्मियों के बकाया वित्तीय लाभ चुकाने में मुश्किल हो रही है. इस पर हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक संकट का बहाना बनाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया.

उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर 2023 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचआरटीसी के उन कर्मियों को एक साल के बाद नियमित करने के आदेश जारी किए थे जो वर्ष 2003 से 2006 तक अनुबंध के आधार पर नियुक्त हुए थे. हाईकोर्ट ने विभिन्न याचिकाओ का एक साथ निपटारा करते हुए यह स्पष्ट किया था कि इन कर्मियों को नियमितिकरण से उपजे सभी सेवा लाभ 30 अप्रैल 2024 तक अदा करने होंगे. यदि 30 अप्रैल 2024 तक यह लाभ नहीं दिए तो देय राशि पर छह प्रतिशत ब्याज भी अदा करना होगा. अदालती आदेशों की अनुपालना न होने पर प्रार्थियों को हाईकोर्ट के समक्ष अनुपालना याचिकाएं दायर करनी पड़ी थीं, जिनकी सुनवाई के दौरान अदालत ने ये सख्त टिप्पणियां की हैं.

ये भी पढ़ें: गुड़िया रेप एंड मर्डर से जुड़े सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में IG जहूर जैदी व अन्य दोषी करार, सीबीआई कोर्ट का फैसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.