पटनाः पूर्व डिप्टी सीएम सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 10 सितंबर से जन संवाद यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं. इस यात्रा की शुरुआत मिथिलांचल से कर रहे हैं. मिथिलांचल शुरू से कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ था. ललित नारायण मिश्र, जगन्नाथ मिश्र नागेंद्र झा के मिथिलांचल में कांग्रेस के बड़े नेता थे. आजादी के बाद से लेकर 80 के दशक तक कांग्रेस का बिहार और मिथिलांचल में बोलबाला था.
राजद ने कांग्रेस को कमजोर किया थाः 90 के दशक में लालू यादव के नेतृत्व में बिहार में जनता दल की सरकार बनी. इसके बाद कांग्रेस का मजबूत किला कमजोर होने लगा. पहले जनता दल और फिर बाद में राजद की पूरे मिथिलांचल में पकड़ मजबूत हो गई. दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी में 15 वर्षों तक आरजेडी का दबदबा कायम रहा.
पूरे मिथिलांचल पर कब्जाः दरभंगा से मोहम्मद अली फातमी 4 बार, झंझारपुर से देवेंद्र प्रसाद यादव 5 बार, सीतामढ़ी से सीताराम यादव 3 बार, मधुबनी से राजद के सहयोगी दल के रूप में कभी भोगेंद्र झा तो कांग्रेस से दो बार शकील अहमद सांसद बने. जहां तक विधानसभा की बात की जाए तो 15 वर्षों से लालू यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल में अधिकांश विधानसभा सीटों पर राजद का कब्जा रहा.
राजद की पकड़ हुई कमजोरः2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बनी. नीतीश कुमार ने बिहार में अपना राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए अति पिछड़ा कार्ड खेला. लालू यादव के वोट बैंक से अति पिछड़ा का वोट नीतीश कुमार ने एनडीए की तरफ शिफ्ट कर दिया. यहीं से लालू प्रसाद की पार्टी का जनाधार कमजोर होने लगा. मिथिलांचल में कभी राजद का सिक्का चलता था लेकिन स्थिति बदली तो इन क्षेत्रों में एनडीए के प्रत्याशी जीतने लगे जो अभी तक जारी है.
नीतीश से अलग होने का नुकसानः वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का मानना है कि अगले साल विधानसभा का चुनाव है. ऐसे में तैयारी करना स्वाभाविक है. राजद एक बड़ी पार्टी है. मिथिलांचल कभी राजद का गढ़ हुआ करता था. तेजस्वी यहीं से यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. मिथिलांचल में पार्टी को और मजबूत करने की जरूरत है. जब तक नीतिश कुमार के साथ थे, यह इलाका सुरक्षित था.
"समता पार्टी बना फिर जदयू का बना. उस समय से पिछड़ा और अति पिछड़ा की राजनीति शुरू हुई. इससे राजद की पकड़ ढीली होती गयी. राजद का मिथिलांचल में पकड़ कमजोर हुआ. फिर से वापसी करने के लिए फिर से काम करने की जरूरत है. तेजस्वी इस बात को समझते हैं इसलिए अपनी यात्रा की शुरुआत मिथिलांचल से कर रहे हैं."-सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
बीजेपी ने ली चुटकीः तेजस्वी प्रसाद यादव की यात्रा पर बीजेपी चुटकी लेना शुरू कर दी है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा ने कहा कि मिथिला से शुरू करें तो अच्छी बात है. हमलोग मिथिला के लोग उनका स्वागत करते हैं. लेकिन उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्यों यात्रा कर रहे हैं, यात्रा का उद्देश्य क्या है? जीवेश मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी यादव कभी घर से नहीं निकलते हैं. जनता की चिंता नहीं करते हैं. अब यात्रा क्यों कर रहे हैं?
'25 सीट का दावा और 4 पर सिमटे':उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कहीं तेजस्वी यादव को यह तो नहीं पता चल रहा है कि घर में बैठकर नेतागिरी नहीं होती है. लोकसभा में 25 सीट का दावा कर रहे थे और 4 सीट पर सिमट गए. आने वाले दिनों में भी विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं हो इसका डर सता रहा है. इसलिए अब यात्रा पर निकल रहे हैं.