गया: क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के हेलीकाप्टर शॉट के सभी दिवाने हैं. वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. उसके बाद धोनी बिजनेस की पिच पर भी पिछले कई सालों से कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग से कमाल दिखा रहे हैं. धोनी से प्रेरणा लेकर परैया बाजार के दो भाई ने एमबीए और एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू की. आज इससे दोनों भाई सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. कुमार गौतम बीएचयू से एमबीए जबकि इनके भाई कुमार सौरभ मगध विश्वविद्यालय से एमए पास हैं.
मध्यप्रदेश के झाबुआ से लाए थे चूजे: कुमार गौतम ने बताया कि 2021 के बाद उन्होंने फार्मिंग शुरू की थी. मध्यप्रदेश के झाबुआ से 400 कड़कनाथ लाया था. यहीं फिर कड़कनाथ मुर्गी के अंडे से खास तकनीक के द्वारा चूजे निकलने शुरू कर दी. ठंड के मौसम में 2200 से अधिक कड़कनाथ का प्रोडक्शन कर लेते हैं. दिसंबर से होली तक इसकी मांग अधिक होती है. उसको पूरा करने के लिए अगस्त से प्रोडक्शन शुरू करते हैं.
1200 रुपये प्रति किलोग्राम होती है कीमत: कड़कनाथ मुर्ग की फार्मिंग करने का कारण इसकी महंगी कीमत भी है. सामान्य देसी मुर्ग 300 से 400 रूपये प्रति किलोग्राम कीमत होती है. जबकि कड़कनाथ की कीमत ठंड के सीजन में 1000 से 1200 रुपये प्रति किलोग्राम होती है. अलबत्ता गर्मी में इसकी कीमत कम हो जाती है लेकिन फिर भी 800 रुपये किलो से कम नहीं बिकता है. इस का वजन दो से ढाई किलोग्राम तक होता है. इसको एक केजी से अधिक वजन होने में तीन महीने तक का समय लगता है.
प्रति दिन 50 केजी की बिक्री: कुमार गौतम ने बताया कि ठंड जब अधिक पड़ती है या फिर बोधगया में पर्यटन सीजन में प्रति दिन 30 केजी तक कड़कनाथ की बिक्री हो जाती है. जनवरी में बिक्री सब से अधिक होती है. 1000 से 1200 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत पर कड़कनाथ की बिक्री है. अगर एक दिन में 30 केजी 1000 रुपये प्रति केजी हिसाब से बिकता है तो एक दिन में 30 हजार रुपये का कारोबार हो जाता है. उन्होंने बताया कि ठंड के सीज़न में दो तीन महीने तक 2 से 3 लाख रुपये प्रति माह की बिक्री हो जाती है.
2 हजार से अधिक कड़कनाथ मुर्गा: ठंड तक पर्याप्त मात्रा में कड़कनाथ उनके पास हो लेकिन पिछले साल से डिमांड बढ़ने के कारण वह डिमांड पूरी नहीं कर पाते हैं. गया में कड़कनाथ मुर्गा की पिछले दो-तीन वर्षों में मांग बढ़ी है. ठंड के मौसम में इसकी अधिक खपत होती है. ठंड के सीजन में सात लाख से अधिक का व्यापार कर लेते हैं. आज इनके पास 2 हजार से अधिक कड़कनाथ मुर्गा है.
तीन प्रजाति के होते हैं कड़कनाथ: कड़कनाथ मुर्ग एक खास प्रजाति है. जानकार बताते हैं कि ये सिर्फ भारत में पाया जाता है. हाल के कुछ सालों में बाजार में इसकी मांग बढ़ी है. मूल रूप से कड़कनाथ मुर्ग की प्रजाति मध्यप्रदेश राज्य में मिलती है. दूसरी जगहों पर लोग अब इसकी फार्मिंग कर रहे हैं, कड़कनाथ मुर्ग की एक दुर्लभ प्रजाति काले रंग की होती है.वैसे तो कड़कनाथ मुर्ग की तीन प्रजातियां होती हैं. इस में एक जेड ब्लैक, गोल्डन ब्लैक और पेसिल्ड ब्लैक है.
"क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरित होकर कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू की थी. 1000 से 1200 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत पर कड़कनाथ की बिक्री है. एक दिन में 30 हजार रुपये का कारोबार हो जाता है. उन्होंने बताया कि ठंड के सीज़न में दो तीन महीने तक 2 से 3 लाख रुपये प्रति माह की बिक्री हो जाती है." -कुमार गौतम
मांस और हड्डी भी काली: जानकार बताते हैं कि अधिकतर फार्मिंग करने वाले ब्लैक रंग की प्रजाति की फार्मिंग करते हैं, क्यों कि दो प्रजातियों में ब्लैक सब से महंगी प्रजाति मानी जाती है. ब्लैक कड़कनाथ का मांस और हड्डी दोनों ही ब्लैक होती हैं. कड़कनाथ मुर्ग की बाजार तेजी से बढ़ रही है. मांसाहारी भोजन खाने वालों के लिए इसका मांस पसंदीदा डिश होता जा रहा है. छोटे शहरों के होटलों में भी इस की रेसिपी परोसे जाने लगी है.
पौष्टिक औषधियों से भरपूर है: डॉ संजय प्रसाद बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्ग में सामान्य मुर्ग के मुकाबले में ये काफी पौष्टिक सेहतमंद औषधीय गुणों से भरपूर और स्वादिष्ट होता है. कड़कनाथ मुर्गी के अंडे में भी सामान्य अंडों से कहीं अधिक औषधीय गुण होते हैं. इसकी औषधीय गुण ऐसे भी समझ सकते हैं कि इस में 25 प्रतिशत अधिक प्रोटीन होता है. जबकि आम मुर्ग में प्रोटीन की मात्र इस से बहुत कम होती है. सामान्य देसी मुर्ग में प्रोटीन लगभग 15 से 20 प्रतिशत तक होता है.
45 रुपये बिकता है अंडा: कड़कनाथ मुर्ग का ना सिर्फ मांस लोग पसंद कर रहे हैं, बल्कि कड़कनाथ मुर्गी के अंडे की भी खूब डिमांड है. ठंडे में एक अंडे की कीमत 45 रुपये होती है. जबकि आम दिनों में इसकी कीमत 35 रुपये तक होती है. इस की फार्मिंग में अंडा से भी अच्छी आय हो जाती है.
कड़कनाथ मुर्ग को जी आई टैग: कुमार गौतम कहते हैं कि कड़कनाथ मुर्गे को जब GI टैगिंग मिला और भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी भी जब इसका पालन करने लगे. तब से लोगों के बीच इस मुर्गे के पालन का चलन बढ़ गया. कड़कनाथ मुर्गे बड़े चाव से खाने भी लगे हैं. हम गांव में इस मुर्गे को 800 रुपये प्रति किलो में बेच रहे हैं. गया में इसी मुर्गे की कीमत 1000 रुपये किलो तक पहुंच गई है. बड़े शहर जैसे दिल्ली ,मुंबई ,कोलकाता में इसी मुर्गे का रेट 1800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं.
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