नई दिल्ली: इंडियन रेलवे ने नए साल और संक्रांति त्योहार के दौरान ट्रैक्शन ओवरहेड के पास पतंग उड़ाने से बचने के लिए सलाह जारी की है, ताकी ट्रेन की आवाजाही में बाधा और बिजली के झटके की घटनाओं से बचा जा सके. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह देखा गया है कि कई पतंगबाज रेलवे परिसर में ओवरहेड इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के पास खेलते समय बिजली के झटके से झुलस गए हैं, जिसमें यार्ड और आसपास के नागरिक इलाकों के ट्रैक शामिल हैं.
रेलवे अधिकारी ने कहा कि चीन से आयातित पतंग के धागों में बिजली का प्रवाह होता हैं, जो मानव जीवन और रेलवे के महत्वपूर्ण विद्युत ढांचे दोनों के लिए बड़ा जोखिम पैदा करते हैं. अधिकांश लोग इन चीनी धागों का इस्तेमाल करते हैं.
वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों ने बताया, "पिछले संक्रांति त्योहार के समय भारतीय रेलवे के कई क्षेत्रों द्वारा कुछ मामलों की सूचना दी गई थी, जिसमें लोगों को 25 केवी ट्रैक्शन ओवरहेड कंडक्टर में उलझे पतंग के धागे के संपर्क में आने के बाद बिजली के झटके लगे थे या करंट लग गया था."
इस मुद्दे पर बात करते हुए दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ए. श्रीधर ने कहा, "इस संबंध में, दक्षिण मध्य रेलवे जनता से सहयोग की अपील करता है और रेलवे पटरियों के पास पतंग उड़ाने से बचने की सलाह देता है क्योंकि ओवरहेड लाइनों में हाई वोल्टेज बिजली का प्रवाह होता है और संपर्क में आने पर मानव जीवन के लिए बड़ा खतरा पैदा करती हैं."
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से, अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे ओवरहेड कंडक्टर से लटके पतंग के धागे को देखे जाने की सूचना दें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा धागे को सुरक्षित रूप से हटाया जाए.
ट्रेनों की टाइमिंग और सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक
इस बीच, ट्रेनों की टाइमिंग और सुरक्षा की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की गई, जिसमें रेलवे के छह डिवीजनों सिकंदराबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, गुंटकल, गुंटूर और नांदेड़ ने भाग लिया. बैठक में अधिकारियों को सुरक्षा संबंधी परिसंपत्तियों और स्टेशन परिसंपत्तियों के कामकाज पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्रीय निरीक्षण तेज करने के निर्देश दिए गए हैं. रेलवे बोर्ड के सुरक्षा दिशा-निर्देशों और परामर्श का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया गया.
रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से स्थानीय समुदायों को शामिल करने जैसे कई कदम उठा रहा है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने कहा कि यह सराहनीय प्रयास रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) द्वारा आयोजित निरंतर जागरूकता कार्यक्रमों और बैठकों तथा स्थानीय समुदायों के उत्साह का परिणाम है, जिन्होंने स्वेच्छा से अपने खर्च पर बाड़ लगाने का काम किया.
सामुदायिक पुलिसिंग का अनूठा उदाहरण रेलवे और स्थानीय समुदायों के बीच विश्वास और सहयोग बनाने के महत्व को दर्शाता है. शर्मा ने कहा कि यह दृष्टिकोण न केवल सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करता है, बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए भी उदाहरण पेश करता है.
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