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जानिए क्यों हिमाचल को सोनम वांगचुक ने कहा THANK YOU, ये है पूरा मामला - Sonam Wangchuk Delhi Chalo yatra - SONAM WANGCHUK DELHI CHALO YATRA

Sonam Wangchuk Delhi Chalo yatra: सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लेह से निकली पदयात्रा गुरुवार को लाहौल स्पीति पहुंची थी. इस दौरान चिकित्सा और अन्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने हिमाचल का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें यहां लोगों का आपार समर्थन मिला है.

सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक (FACEBOOK@Sonam Wangchuk)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 15, 2024, 1:39 PM IST

शिमला: पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लद्दाख के लोगों की मांगों को लेकर लेह से दिल्ली तक की पदयात्रा के लिए निकले हैं. दिल्ली चलो पदयात्रा के दौरान शनिवार को केलांग पहुंचे सोनम वांगचुक का लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने स्वागत किया और पदयात्रा में भाग लिया.

सोनम वांगचुक के नेतृत्व में ये यात्रा गुरुवार को लाहौल स्पीति पहुंची थी. शुक्रवार को लाहौल स्पीति में सोनम वांगचुक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि,'हम शांतिपूर्ण पदयात्रा पर हैं. पिछले 11 दिनों में बार-बार मांग करने के बाद भी लद्दाख यूटी प्रशासन ने उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई. बड़े बूढ़े, औरतें हमारें साथ हैं. हमारे पास कोई चिकित्सा सुविधा नहीं, लेकिन हम जैसे ही हिमाचल प्रदेश में आए हैं यहां सिक्योरिटी ऑफिसर, एंबुलेंस, डॉक्टर आए हैं, सब लोग अपना चेकअप करवा रहे हैं, पिछले 11 दिनों में ये क्यों नहीं हुआ है. आज क्यों हो रहा है, जबकि हम पड़ोसी राज्य में हैं. हमें चिकित्सा सुविधा 12 दिनों के बाद लद्दाख यूटी से निकलने के बाद मिली है. ये सोचने वाली बात है कि क्यों लद्दाख को अपने नागरिकों की चिंता नहीं है.'

सोनम वांगचुक ने कहा कि, 'जैसे ही हमने हिमाचल प्रदेश में प्रवेश किया, हमें सभी गांवों और घाटियों में अपार समर्थन मिला. हमारा उद्देश्य हिमालय के संरक्षण का संदेश सभी तक पहुंचाना है. हिमाचल में बहुत सारे लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं. और हमें प्रदेश सरकार से चिकित्सा, सुरक्षा आदि को लेकर भरपूर सहयोग मिल रहा है. हम लद्दाख से 100 लोग निकले थे, लेकिन बुजुर्गों को ऊंचे दर्रों पर कुछ परेशानी हुई, इसलिए वो यहीं रुक गए और हम 75 लोग यहां पहुंचे थे, लेकिन यहां के लोगों के साथ आने से हमारी संख्या 150-200 की हो गई. हम सरकार को पांच साल पहले किए गए वादे को पूरा करने की याद दिलाने के मिशन पर हैं.'

बता दें कि 1 सितंबर को सोनम वांगचुक लेह के एनडीएस मेमोरियल पार्क से लेह एपेक्स बॉडी के पदाधिकारियों के साथ 100 से अधिक लद्दाखी नागरिकों सहित दिल्ली के लिए निकलें हैं. इस पदयात्रा के दौरान सोनम वांगचुक और उनके साथ यात्र कर रहे लोग एक दिन में 25 किलोमीटर का सफर करेंगे.

सोनम वांगचुक की नेतृत्व में निकली ये पदयात्रा कुछ मांगों को लेकर शुरू की गई है. लद्दाख को राज्य बनाने, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने, लोकसभा की दो सीटें बनाने जैसी मांगें शामिल हैं. 2 अक्टूबर को ये यात्रा दिल्ली में संपन्न होगी. वांगचुक का कहना है कि वो छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग इसलिए कर रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने के लिए कानून बनाने का अधिकार मिल सके. बता दें कि इससे पहले वांगचुक ने अपनी मांगों को लेकर मार्च में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए 21 दिनों की भूख हड़ताल भी की थी.

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