मॉस्को: यूक्रेन में चल रहे युद्ध, इमिग्रेशन और सामाजिक चुनौतियों के बीच रूस जनसंख्या में ऐतिहासिक गिरावट से जूझ रहा है. इसके चलते देश ने अपने गंभीर जनसांख्यिकीय संकट का मुकाबला करने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं. इन उपायों का उद्देश्य युवा महिलाओं, विशेष रूप से महिला कॉलेज छात्राओं के बीच बच्चे पैदा करने को प्रोत्साहित करना शामिल है.
फिलहाल रूस की जन्म दर 25 साल के निचले स्तर पर है. 2024 में रूस में केवल 599600 बच्चे पैदा हुए, जो पिछले साल से भी कम है. इतना ही नहीं यह संख्या 1999 के बाद से सबसे कम है. जून 2024 में स्थिति उस समय और खराब हो गई, जब मासिक जन्म दर रिकॉर्ड किए गए इतिहास में पहली बार 100,000 से नीचे गिर गई.
इन रुझानों ने संयुक्त राष्ट्र सहित विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द देश ने आबादी बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया तो रूस की आबादी जो वर्तमान में लगभग 146 मिलियन है, वह 2100 तक 74 मिलियन तक कम हो सकती है.
यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण समस्या और भी गंभीर हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप 600,000 से अधिक लोग हताहत हुए हैं और दस लाख से अधिक युवा, शिक्षित रूसी देश छोड़कर भाग गए हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जुलाई 2024 में स्थिति को राष्ट्र के भविष्य के लिए विनाशकारी बताया था.
कितना मिल रहा पैसा?
संकट से निपटने के लिए रूस उन युवा महिलाओं को वित्तीय पुरस्कार दे रहा है, जो बच्चे पैदा करना चाहती हैं. 1 जनवरी 2025 से लगभग एक दर्जन क्षेत्रीय सरकारें 25 साल से कम आयु की उन कॉलेज छात्राओं को 100,000 रूबल (लगभग 80 हजार रुपये ) का भुगतान करेंगी, जो स्वस्थ शिशुओं को जन्म देती हैं. उदाहरण के लिए, करेलिया और टॉम्स्क में पात्र महिलाओं को फुल टाइम स्टूडेंट और स्थानीय निवासी होना चाहिए. हालांकि,अगर बच्चा मृत पैदा होता है तो महिला का भुगतान जब्त कर लिया जाएगा.
वहीं, राष्ट्रीय सरकार ने भी अपने मातृत्व भुगतान में भी वृद्धि की है. पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को अब 2025 में 677,000 रूबल (5 लाख 27 हजार रुपये) मिल सकते हैं, जो पिछले वर्ष 630,400 रूबल से अधिक है. दूसरे बच्चा पैदा करने वाली माताएं 8,94,000 रूबल (6 लाख 97 हजार रुपये ) की पात्र होंगी.
फर्स्ट पोस्ट के मुताबिक निजनी नोवगोरोड ओब्लास्ट के गवर्नर ग्लेब निकितिन ने 2025 से प्रति बच्चा एक मिलियन रूबल (लगभग साढ़े आठ लाख रुपये) की पेशकश करते हुए एक अनूठी नीति के साथ बच्चे पैदा करने के लिए महिलाओं को और अधिक प्रोत्साहित किया है.
परिवारों के लिए बढ़ाई गई सहायता
वित्तीय भुगतानों के अलावा रूस ने 'प्रो फैमिली कल्चर' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई तरह की नीतियों को लागू किया है. सरकार ने महिलाओं को गर्भधारण को पूर्ण अवधि तक ले जाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गर्भपात से संबंधिच नियम कड़े किए हैं.
चाइल्ड फ्री प्रचार पर प्रतिबंध
नवंबर 2024 में स्टेट ड्यूमा ने चाइ्ल्ड फ्री लाइफस्टाइल या गैर-पारंपरिक पारिवारिक अप्रोच को बढ़ावा देने वाले मटेरियल पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान किया. इसका उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है.
वर्कप्लेस पर प्रजनन को प्रोत्साहन
क्षेत्रीय स्वास्थ्य मंत्रियों ने अपरंपरागत दृष्टिकोण सुझाए हैं, जैसे कि महिलाओं को कार्यस्थल पर अवकाश के दौरान प्रजनन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना. स्वास्थ्य मंत्री येवगेनी शेस्तोपालोव ने रूसी टीवी पर कहा, "जीवन बहुत तेजी से बीत जाता है. काम में व्यस्त रहना कोई बहाना नहीं है." कुछ क्षेत्रों में गर्भधारण की संभावना बढ़ाने के लिए नवविवाहितों के होटल में ठहरने के लिए धन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पेश किया गया है.
फेडरेशन काउंसिल की अध्यक्ष वैलेंटिना मतविएन्को को इन प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए नामित किया गया है. इस रणनीति का उद्देश्य पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों को उजागर करना है और एक पुरुष और एक महिला के बीच मैरिज इंस्टिट्यूशन को मजबूत करना है.
बता दें कि रूस के अलावा जापान, चीन और कनाडा सहित कई देश इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, कनाडा की प्रजनन दर 2023 में प्रति महिला 1.26 बच्चों तक गिर गई, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है. आलोचकों का तर्क है कि नकद भुगतान के माध्यम से बच्चे के जन्म को प्रोत्साहित करना आर्थिक अस्थिरता, बुनियादी ढांचे की कमी और महिलाओं पर सामाजिक दबाव जैसे मुद्दों की अनदेखी करता है.
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