खूंटीः सामाजिक सह राजनीतिक कार्यकर्ता दिलीप मिश्र ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने खूंटी समेत पूरे झारखंड में 10 से 15 वर्षों से कार्यरत पुलिसकर्मियों की स्थानांतरण की मांग की है. उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि खूंटी सहित झारखंड के अन्य जिलों में कई पुलिसकर्मी एक ही स्थान पर लंबे समय से जमे हुए हैं. प्रशासनिक दृष्टिकोण और जनहित को ध्यान में रखते हुए ऐसे पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण आवश्यक है. एक ही स्थान पर जमे रहने से चुनाव कार्य में गोपनीय बातों के उजागर होने और चुनाव प्रभावित होने का अंदेशा रहता है. उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से ऐसे पुलिसकर्मियों का तबादला दूसरे जिले में करने का मांग की है.
खूंटी के समाजसेवी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखा पत्र, वर्षों से एक ही स्थान पर जमे पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण की मांग
Demand transfer of policemen in Khunti.खूंटी में वर्षों से जमे पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण की मांग एक बार फिर उठी है. सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप मिश्र ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर वर्षों से जमे पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर करने की मांग की है.
Published : Jan 21, 2024, 3:00 PM IST
जिला गठन के बाद से पुलिसकर्मियों की नहीं हुई ट्रांसफर-पोस्टिंगः जिला गठन से पूर्व खूंटी में बड़ी संख्या में सिपाही और पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग हुई थी. 12 सितंबर 2007 को खूंटी जिला बना था. इसके बाद पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग खूंटी जिले में हुई थी, लेकिन उसके बाद पुलिसकर्मियों का कभी ट्रांसफर ही नहीं हुआ. इस मामले को लेकर कई बार राज्य सरकार से वर्षों से एक ही स्थान पर जमे पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण की मांग की गई है. पहली बार सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप मिश्रा ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर सस्थानांतरण करने की मांग की गई है.
सैकड़ों सिपाही और दर्जनों पुलिस पदाधिकारी वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हैंःबताते चलें कि खूंटी जिला गठन के पूर्व और बाद में हुई पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के बाद कुल 500 सिपाही खूंटी में पदस्थापित हैं. वर्ष 2011 में स्थानांतरित होकर खूंटी योगदान दिए अफसरों की संख्या भी लगभग एक दर्जन है. इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर से लेकर सहायक अवर निरीक्षक का ट्रांसफर पोस्टिंग होता रहा है, लेकिन 500 से अधिक सिपाही और दर्जनों पुलिस अफसरों का ट्रांसफर नहीं हुआ है. यही नहीं जिले में कुछ इंस्पेक्टर भी शामिल हैं, जो पांच वर्षों से खूंटी में जमे हुए हैं.