रांची/खूंटी: झारखंड डीजीपी के नेतृत्व में अफीम की खेती पर रोक लगाने को लेकर बैठक हुई. जहां डीजीपी ने खूंटी और रांची जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हुए वृहद पैमाने पर अफीम की फसल को नष्ट करने का निर्देश राज्य के गृह सचिव और दोनों जिलों के अधिकारियों को दिया.
जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करने का निर्देश
अफीम की खेती को रोकने के लिए सभी विभाग के पदाधिकारी में आपसी संबंध स्थापित कर जीरो टॉलरेंस के नीति पर काम करने का सख़्त निर्देश मिला है. बैठक में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल आयुक्त, रांची जोन आईजी, डीसी रांची, डीसी खूंटी, रांची एसपी, खूंटी एसपी, रांची जिला ग्रामीण एसपी, एसडीएम रांची, एसडीएम बुंडू, डीएसपी बुंडू, उप समाहर्ता बुंडू, आसपास के सभी थानाप्रभारी, बीडीओ, सीओ समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे.
रोक के साथ लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा
गृह सचिव वंदना डाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता की अगुवाई में अफीम की खेती और तस्करी पर गहन विचार विमर्श किया गया. बैठक में अफीम विनष्टीकरण को लेकर रणनीति भी बनाई गई. इसके तहत प्रारंभिक अवस्था में ही अफीम की खेती को नष्ट करने का दिशा निर्देश दिया गया. साथ ही ग्रामीणों को जागरूक कर अफीम की खेती नहीं करने के लिए प्रेरित करने की रणनीति भी बनाई गई.
झारखंड के कई जिलों में बड़े पैमाने पर अफीम समेत अन्य नशीले पदार्थों का कारोबार हो रहा है. इसकी खरीद-बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है. बता दें कि लगातार खूंटी और बुंडू पुलिस प्रशासन द्वारा अवैध अफीम की खेती को विनष्ट करने का कार्य किया जा रहा है. खूंटी में अबतक एनडीपीएस एक्ट के तहत कई मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही जिन खेतों में अवैध अफीम के पौधे लहलहा रहे हैं, वहां के रैयतों पर भी नकेल कसने की तैयारी प्रशासनिक स्तर पर की जा रही है.
संलिप्तता पाने वाले थानेदारों को भेजा जाएगा जेल: डीजीपी
गृह सचिव और डीजीपी ने डीसी एवं एसपी से अफीम के खिलाफ कार्रवाई और अबतक अफीम की खेती और तस्करों के खिलाफ हुए एफआईआर की भी की समीक्षा की. गृह सचिव और डीजीपी ने राज्य के आठ जिलों पर बढ़ते अफीम की खेती पर चिंता प्रकट करते हुए कठोर कदम उठाने का आवश्यक दिशा निर्देश दिया. विशेषकर बुंडू अनुमंडल और खूंटी जिला के सभी थाना क्षेत्र में बढ़ते अफीम खेती पर कठोर कार्रवाई एवं जमीन मालिक, रैयतों पर प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया.
डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि यदि पुलिस अधिकारी अफीम की खेती में तस्करों के साथ संलिप्तता पाए गए तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा. साथ ही वैसे पुलिसकर्मियों को सीधे जेल भेज दिया जाएगा. बैठक में गृह सचिव और डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में नशे कारोबारी पर 3500 से अधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि आमजनता को जागरूक करें और किसानों एवं ग्रामीणों को अन्य खेती पर आय के स्रोत के बारे में जागरूकता करने की अपील करें.
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