लाहौल-स्पीति:हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बीते दिनों जमकर बर्फबारी हुई है. किसानों और बागवानों के लिए यह बारिश-बर्फबारी वरदान साबित हो रही है. ऐसे में जहां किसान-बागवान अब अपने कृषि कार्यों को पूरा कर रहे हैं. वहीं, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बर्फबारी के चलते ऊपरी क्षेत्रों में ठंड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हर चीज जमने लगी है. चाहे फिर वो नदी नाले हों, झरने हों या फिर सरसों का तेल, ठंड के चलते सब कुछ जम रहा है.
माइनस में पहुंचा तापमान:मौसम साफ होने के बाद जहां निचले इलाकों में लोग धूप का आनंद ले रहे हैं. वहीं, ऊंचाई वाले इलाकों में शीतलहर के साथ-साथ तापमान भी माइनस में जा रहा है. बात करें लाहौल स्पीति जिले की तो मुख्यालय केलांग में रात के समय पर तापमान -23 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है. जिसके चलते लोगों के घरों और दुकानों में अब सरसों का तेल, दूध और पानी जम गया है.
ठंड से जमने लगा खाने का सामान: हालांकि इससे पहले घाटी में सिर्फ पानी ही जम रहा था, लेकिन अब सरसों के तेल समेत अन्य पदार्थ भी जमने शुरू हो गए हैं. लोगों को खाने में प्रयोग करने से पहले तेल और घी को तंदूर के पास गर्म करना पड़ रहा है. उसके बाद ही वह अपना खाना तैयार कर पा रहे हैं. इसके अलावा अंडे भी जमकर पूरी तरह से ठोस हो गए हैं. रात के समय पारा माइनस में जाने की वजह से रोजाना सुबह सभी पेयजल लाइनें जाम हो रही है. पानी न होने के चलते स्कूल, कॉलेज व नौकरी जाने वाले लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है.
घाटी में ठंड का प्रकोप: केलांग के स्थानीय निवासी वीर सिंह, गंगा बौद्ध, अशोक राणा व कुंदन शर्मा का कहना है कि सुबह के समय सबसे अधिक महिलाओं को दिक्कतें पेश आ रही है, क्योंकि पानी के साथ-साथ तेल और घी भी पूरी तरह से जम जा रहा है. इसके अलावा अब इतनी ठंड में दूध भी जमना शुरू हो गया है. ऐसे में पूरी घाटी में बर्फबारी के बाद शीतलहर का भी प्रकोप चल रहा है.