शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला शिमला के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिक्कर में स्टाफ की कमी पर कड़ा संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से इस बाबत दायर शपथ पत्र का अवलोकन किया, जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस शपथ पत्र में सीएचसी टिक्कर में स्टाफ की नियुक्ति, कार्यभार ग्रहण/उपलब्धता के संबंध में पूरी सूचना नहीं है. यह भी स्पष्ट है कि कुछ पदों पर अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उपरोक्त स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले इस बारे में पूरे विवरण के साथ अपना अनुपालन शपथ पत्र दाखिल करें.
उल्लेखनीय है कि टिक्कर के सीएचसी में स्टाफ की कमी के संबंध में कहा था कि यह मामला दयनीय स्थिति को दर्शाता है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा था कि स्टाफ की स्पष्ट रूप से काफी कमी है. यह बात इस से स्पष्ट है कि उक्त स्वास्थ्य केंद्र में तीन चिकित्सा अधिकारियों के पद के स्थान पर केवल एक चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति की गई है.
यहां कोई मुख्य फार्मेसी अधिकारी नियुक्ति नहीं किया गया है. चार स्टाफ नर्सों के मुकाबले यहां केवल एक स्टाफ नर्स की अपनी सेवा दे रही है. इस स्वास्थ्य केंद्र में कोई नेत्र रोग अधिकारी नहीं है. इसके अलावा छह क्लर्कों की जगह केवल एक क्लर्क तैनात किया गया है. यहां ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर और काउंसलर भी नहीं है. दो डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद होने पर भी एक ही तैनाती की गई है, वह भी आउटसोर्स के आधार पर रखा गया हैं.
कोर्ट ने कहा कि इस बात पर विवाद नहीं किया जा सकता कि खाली पड़े हैं, ये सभी पद कार्यात्मक हैं. इसलिए सरकार को इन पदों को एक पखवाड़े के भीतर तुरंत प्रभाव से भरे जाने के आदेश जारी हुए थे. ये सीएचसी एक बड़े क्षेत्र की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करता है.
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