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सीतामढ़ी के 9 मजदूर पंजाब से कराये गये मुक्त, बोले- 'बच्चों को मजदूरी करने बाहर न भेजें'

सीतामढ़ी के 9 मजदूरों को पंजाब से मुक्त कराया गया. उन्हें जबरन बंधक बनाकर रखा गया था. 16-16 घंटे काम लिया जा रहा था.

Sitamarhi
श्रम विभाग की टीम. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 24, 2024, 9:52 PM IST

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिला स्थित सुरसंड प्रखंड के कई बाल मजदूरों को पंजाब में बंधक बनाकर मजदूरी करवाये जाने का मामला प्रकाश में आया था. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जानकारी मिलते ही श्रम संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कपूरथला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर प्रवासी मजदूरों को मुक्त करा लिया है. इनको सुरक्षित सीतामढ़ी लाया गया. इन मजदूरों ने प्रशासन को धन्यवाद दिया.

सीतामढ़ी लाया गयाः श्रम अधीक्षक ने बताया कि 9 बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाया गया. इनमें 4 नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं. जन नायक ट्रेन से मुजफ्फरपुर पहुंचे. 23 नवंबर को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, पुपरी, बाजपट्टी रुन्नीसैदपुर एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आन्दोलन) के प्रतिनिधि मुजफ्फरपुर स्टेशन गये थे. रात्रि में आए श्रमिकों को सुरक्षित सीतामढ़ी लेकर आये.

मिलेगी सरकारी सहायताः श्रम अधीक्षक ने बताया कि 4 नाबालिग बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष नियमानुसार प्रस्तुत किया गया. लाए गए बाल मजदूरों को श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित योजना यथा तत्काल सहायता राशि, मुख्यमंत्री राहत कोष से पात्रता के अनुसार लाभान्वित किया जाएगा. जिला के अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर स्कूल में नामांकन, आवास योजना, राशन कार्ड आदि की सुविधा प्रदान की जाएगी.

16 घंटे करवाया जाता था कामः पंजाब से लौटे मजदूरों ने सुरक्षित घर वापसी के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस के प्रति धन्यवाद प्रकट किया. उनलोगों ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जेल से बहर आए हैं. घर लौटे मजदूरों ने अपने बच्चों को किसी ठेकेदार के हाथों मजदूरी करवाने के लिए नहीं भेजने की अपील की. उनलोगों ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा 8 घंटे की बजाय 16 घंटे काम करवाया जाता था. रोटी खाने के लिए रुपये मांगे जाते तो उनसे अमानवीय व्यवहार किया जाता. मारपीट और गाली-गलौज की जाती थी.

टीम में कौन-कौन थे शामिलः बंधक बनाये गये मजदूरों की घर वापसी हेतु गठित विशेष टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी वरुण कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पिंटु कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पंकज कुमार, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी शामिल थे.

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