चाकसू (जयपुर).भारत विविधताओं से परिपूर्ण देश है. यहां पर्व त्योहार एकता और समरसता का प्रतीक है. शीतलाष्टमी एक ऐसा ही त्योहार है. सहनशीलता और सहिष्णुता की देवी शीतला माता को प्रत्येक वर्ष चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पूजा जाता है. शीतलाष्टमी को बासौड़ा अष्टमी भी कहते हैं. चाकसू में शीतलाष्टमी पर आयोजित वार्षिक लक्खी मेले को लेकर व्यवस्थाएं पूरी तरह चाक चौबंद है. यहां अटूट आस्था की देवी मां शीतला के भोग के लिए घर-घर में विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते है और रांधा पुआ मनाया जाता है.
बता दें कि राजधानी जयपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर व चाकसू कस्बे से महज 3 किलोमीटर दूरी पर शील की डूंगरी (पहाड़ी) पर स्थित है शीतला माता का मंदिर, जो अति शोभित व रमणीय स्थल है. वैसे तो यहां सालभर भक्त दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन चैत्र माह की शीतलाष्टमी यानी बास्योड़ा के मौके पर यहां दो दिवसीय लक्खी मेला हर साल भरता है. इस बार 31 मार्च से 1 अप्रैल तक लक्खी मेला पूरे परवान पर रहेगा.
शीतला माता मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हनुमान प्रजापति के अनुसार ट्रस्ट की ओर से मेले में आने वाले दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर तक सुगम आवागमन और सुरक्षा व्यवस्था के विशेष इंतजाम है. साथ ही पानी-शौचालय, पार्किंग इत्यादि आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ रांधा पुआ मनाया जा रहा है. 31 मार्च की शाम से ही रात्रि को जागरण के साथ मेले का शुभारंभ होगा, जो 1 अप्रैल तक चलेगा. उधर, पुलिस के जिला प्रशासन एवं चाकसू एसीपी सुरेंद्र सिंह, थानाप्रभारी कैलाश दान समेत पुलिस अधिकारियों ने मेला स्थल पर कैंप लगाया है. यहां सुरक्षा व्यवस्था के तौर पर 350 जवान तैनात किए गए हैं. साथ ही 80 क्लोजर सीक्रेट कैमरों से मेला क्षेत्र में हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है. मंदिर पर परिसर में कंट्रोल यूनिट स्थापित किया गया है. शनिवार को विधायक रामावतार बैरवा ने भी कार्यकर्ताओ के साथ मंदिर में पहुंचकर शीतला माता के दर्शन किए और व्यवस्थाओं की जांच की. इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश शर्मा सहित अन्य उनके साथ मौजूद रहें.