शिमला/दिल्ली: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है. दरअसल सोमवार को बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता को बरकरार रखा है. कोर्ट ने इनके सदन की कार्यवाही में भाग लेने या वोट करने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया है. इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया के ऑफिस और विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया है. जिस पर चार हफ्ते में जवाब देना होगा.
कांग्रेस ने ली चुटकी
सुप्रीम कोर्ट से बागियों को राहत ना मिलने पर कांग्रेस ने चुटकी ली है. फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद अपने सोशल मीडिया पेज पर चुटकी लेते हुए एक पोस्ट की. जिसमें उन्होंने लिखा कि ' Moye Moye #JaiSupremecourt'. गौरतलब है कि मौजूदा समय मं आए सियासी संकट के बीच सुक्खू सरकार ने भवानी सिंह पठानिय को प्लानिंग बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि सरकार को बचाने के लिए रेवड़ियों की तरह पद बांटे जा रहे हैं.
नाहन से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई तक का वक्त दिया है. नोटिस का जवाब दिया जाएगा. हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने नियमों के तहत ही इन बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, अब कोर्ट अपना फैसला करेगा.
वहीं धर्मशाला नगर निगम की मेयर नीनू शर्मा ने कहा कि "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के क्षेत्र की जनता के साथ इंसाफ किया है. ये आम मतदाता, सच्चाई और संविधान की जीत है. क्योंकि 6 विधायकों ने जो कदम उठाया उससे जनता में रोष और दुखी हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन्हें इंसाफ मिला है."
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ ?