हिसार: देने वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के. इस कहावत को हिसार के समीपवर्ती गांव डोभी के रहने वाले 26 वर्षीय सचिन सुथार ने चरितार्थ किया है. लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करने वाले सचिन को हरियाणा में बीते एक साल के भीतर एक नहीं चार-चार नौकरियां मिल चुकी है.
खानदान में केवल सचिन को ही सरकारी नौकरी : बता दें कि सचिन के पिता राजेंद्र सिंह राज मिस्त्री का काम करते हैं और माता सरला देवी गृहणी है. सबसे खास बात ये कि उनके खानदान में सचिन को ही सरकारी नौकरी मिली है. इसके लिए सचिन सुथार ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के सीएम नायब सैनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त किया है.
कॉलेज प्रोफेसर बनना है सपना : सचिन के पिता राजेंद्र राजमिस्त्री ने बताया कि सचिन को मेहनत-मजदूरी करके पढ़ाया लिखाया, जिसकी वजह से वह आज कामयाब हुआ है. सचिन ने भी उसकी सफलता का श्रेय माता पिता को दिया है. सचिन ने बताया कि वह रोजाना पांच-छह घंटे पढ़ाई करता था. ऐसे में माता-पिता और अध्यापकों का उसे पूरा सहयोग मिला है. उसने कहा कि मोबाइल का इस्तेमाल जरूरी चीजों को देखने के लिए किया है.
सचिन ने बताया कि वह पीएचडी की तैयारी कर रहा है. उसका असिस्टेंट प्रोफेसर बनना जीवन का सपना है. अभी सफर समाप्त नहीं हुआ है. जिंदगी भर अगले कदम के लिए प्रयास करता रहूंगा. अभी मेरा सपना कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनना है. मेहनत जारी रखूंगा. सचिन ने बताया कि उसकी बहन की शादी हो चुकी है उसकी बहन रेनू ने भी बारहवीं की परीक्षा में (98.8 ) अंक हासिल किए थे.