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करनाल के पधाना का टमाटर है खास, पाकिस्तान भी है दिवाना, रिलायंस जैसी कंपनी आती है खेत तक माल खरीदने - TOMATO FARMING IN PADHANA

हरियाणा के इस गांव में सबसे अधिक टमाटर की खेती होती है. यहां के टमाटर की डिमांड देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है.

tomato farming in karnal
करनाल में टमाटर की खेती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 24, 2025, 12:34 PM IST

करनाल: हरियाणा के किसान परंपरागत तरीके से खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक से खेती कर रहे हैं. किसानों का मानना है कि आधुनिक तकनीक से खेती में अच्छा मुनाफा होता है. साथ ही आधुनिक तरीके से फसल चक्र अपना कर किसान समृद्ध भी बन रहे हैं. इससे किसान कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं. इस बीच प्रदेश का एक गांव टमाटर की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है. खास बात यह है कि इस गांव से बड़ी-बड़ी कंपनियां टमाटर खरीदकर मार्केट में बेच रही है.

टमाटर की खेती वाला गांव: जी हां, हम बात कर रहे हैं करनाल जिले के पधाना गांव की. यह एक ऐसा गांव है, जहां के किसानों ने दूसरे किसानों से अलग खेती को अपना कर अपने आप को और गांव को समृद्ध बनाया है. अब इस गांव की पहचान भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. यहां पर बड़े स्तर पर टमाटर की खेती की जाती है. यहां का टमाटर खरीदने रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां आती है. दूसरे राज्यों के व्यापारी भी यहां पर टमाटर खरीदने के लिए पहुंचते हैं. यहां का टमाटर पाकिस्तान में भी सप्लाई होता है. अन्य देशों में भी इस गांव का टमाटर भेजा जाता है.

पधाना की टमाटर (ETV Bharat)

35 सालों से हो रही गांव में टमाटर की खेती: पधाना गांव के किसान प्रदीप राणा ने बताया, "हमारे गांव में पिछले 35 सालों से टमाटर की खेती हो रही है. गांव के किसानों ने साल 1990 में टमाटर की खेती शुरू की थी, जो अब तक की जा रही है. पहले छोटे स्तर पर टमाटर की खेती की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे किसानों ने टमाटर की खेती को बड़े स्तर पर करना शुरू किया. अब पूरा गांव टमाटर की खेती कर रहा है."

सबसे ज्यादा टमाटर की खेती वाला गांव: किसान प्रदीप राणा ने आगे कहा, "पधाना हरियाणा का एकमात्र ऐसा गांव है, जहां पर सबसे बड़े स्तर पर टमाटर की खेती की जा रही है. इस गांव में करीब 3000 एकड़ किसानों की जमीन है, जबकि 500 एकड़ पंचायत की जमीन है. गांव के 3500 एकड़ जमीन में से 50 फीसद जमीन पर टमाटर की खेती की जा रही है."

1 एकड़ जमीन से 5 से 6 लाख का मुनाफा: किसान प्रदीप राणा ने बताया, "पहले किसान बेड पर लगने वाले टमाटर लगाया करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से वह बेल वाले टमाटर लगा रहे हैं. जिसकी ऊंचाई 6 फीट से भी ज्यादा होती है. अगर कोई बांस और तार पर टमाटर की बेल लगाता है तो उसके खेत से 1800 से 2000 क्रेट निकल जाती है. एक क्रेट में 25 किलो टमाटर आता है. अगर बिना बेल वाला टमाटर लगाया जाता है, तो वह 700 से 1000 क्रेट 1 एकड़ से निकल जाती है."

"टमाटर के रेट में उतार-चढ़ाव बना रहता है. इस समय करीब ढाई सौ रुपए से ₹300 टमाटर क्रेट बेची जा रही है, लेकिन कई बार रेट अच्छा होता है तो वह 500 से ₹600 प्रति क्रेट भी चली जाती है. इस रेट में भी करीब ढाई लाख से लेकर ₹300000 प्रति एकड़ टमाटर निकल जाता है. जब रेट अच्छा हो तो उसमें 5 से 6 लाख रुपए का टमाटर एक सीजन में निकल जाता है, जिसकी वजह से ग्रामीण समृद्ध हो रहे हैं." -प्रदीप राणा, किसान

बड़ी कंपनी आती है माल खरीदने: पधाना गांव के एक अन्य किसान सुरेंद्र राणा ने कहा, "पधाना गांव हरियाणा या भारत ही नहीं विदेश में भी टमाटर की खेती में प्रसिद्ध है. इस गांव का टमाटर भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ ही पाकिस्तान सहित अन्य देशों में जाता है. टमाटर की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां उनके खेत में ही टमाटर खरीदने के लिए आती है. गांव में कुछ ऐसे किसान भी हैं, जिनका पिछले करीब 15 सालों से रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ अनुबंध है. वह उनके टमाटर को अच्छे दामों पर खरीद कर लेकर जाते हैं."

गांव में ही है टमाटर की मंडी: किसान सुरेंद्र राणा ने आगे कहा, "गांव के बहुत से किसानों का रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट है. अगर किसी किसान का उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, तो उनका टमाटर गांव के ही मंडी में बिक जाता है. यहां से दूसरे राज्यों में टमाटर की सप्लाई की जाती है. साथ मंडी पर दिल्ली सहित अन्य राज्यों से व्यापारी टमाटर खरीदने के लिए आते हैं. इससे किसानों का खर्च भी बच जाता है. साथ ही उनको टमाटर लेकर दिल्ली या किसी अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ता. समय के साथ-साथ पैसों की भी बचत होती है."

फायदे की खेती है टमाटर: पधाना गांव के किसान राजकुमार ने बताया, "मैं काफी सालों से टमाटर की खेती करते आ रहा हूं. यह काफी फायदे की खेती है. इस खेती में पानी की बचत भी होती है. इसके साथ-साथ किसान टमाटर की खेती से अच्छा मुनाफा भी लेते हैं. जब टमाटर छोटा होता है, तब उसमें दूसरी फसल भी ली जा सकती है. इससे आमदनी बढ़ती है. अगर हम धान और गेहूं की फसल करते हैं तो उसमें इतना मुनाफा नहीं होता. अगर टमाटर का भाव अच्छा ना मिले, फिर भी 2 लाख से ऊपर का टमाटर एक बार में निकल जाता है. जो किसान परंपरागत तरीके से खेती करते आ रहे हैं, उनको भी आधुनिक तरीके से खेती करने की तरफ बढ़ना चाहिए, ताकि वह खेती को मुनाफे का सौदा बना सके."

Why is Padhanas tomato special
क्यों खास है पधाना का टमाटर (ETV Bharat)

"अगर कोई किसान टमाटर की नई खेती शुरू करता है तो करीब 1 लाख रुपया खर्चा एक एकड़ में आता है, जिसमें सिर्फ बागवानी विभाग के द्वारा बांस और तार लगाने पर अनुदान भी दिया जाता है. अगर जिसने पहले ही यह योजना ली हुई है तो उसी पर टमाटर की खेती करने पर खर्च करीब 50000 रुपये का आता है. मुनाफा बहुत ही ज्यादा होता है और वो किसान फसल चक्र भी अपनाते हैं. -राजकुमार, किसान

बना रोजगार का जरिया: पधाना गांव के किसान सुरेंद्र ने बताया, "यहां पर टमाटर की ज्यादा खेती होती है, इसलिए गांव में जो गरीब लोग हैं, जिनके पास जमीन नहीं है तो वह मजदूरी करके ही अपना काम कर रहे हैं. ऐसे में जो महिलाएं हैं, उनको मजदूरी करने के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ता. इतना ही नहीं आसपास के गांव की महिलाएं भी गांव में टमाटर के खेत में मजदूरी करने के लिए आती है, क्योंकि गांव में बड़े स्तर पर टमाटर की खेती हो रही है." वहीं, खेत में मजदूरी करने वाली महिलाओं का कहना है कि गांव में जितनी भी महिलाएं गरीब परिवार से है, उन सभी को टमाटर लगाने वाले किसानों की वजह से रोजगार मिला हुआ है. पूरे साल में ऐसा एक भी दिन नहीं होता, जब उनके पास रोजगार न हो. वो गांव में ही रहकर अच्छा रोजगार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है.

ये भी पढ़ें: हरे टमाटर बड़े 'मजेदार', सेहत के लिए जबरदस्त फायदेमंद है इसके ढेरों पोषक तत्व

करनाल: हरियाणा के किसान परंपरागत तरीके से खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक से खेती कर रहे हैं. किसानों का मानना है कि आधुनिक तकनीक से खेती में अच्छा मुनाफा होता है. साथ ही आधुनिक तरीके से फसल चक्र अपना कर किसान समृद्ध भी बन रहे हैं. इससे किसान कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं. इस बीच प्रदेश का एक गांव टमाटर की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है. खास बात यह है कि इस गांव से बड़ी-बड़ी कंपनियां टमाटर खरीदकर मार्केट में बेच रही है.

टमाटर की खेती वाला गांव: जी हां, हम बात कर रहे हैं करनाल जिले के पधाना गांव की. यह एक ऐसा गांव है, जहां के किसानों ने दूसरे किसानों से अलग खेती को अपना कर अपने आप को और गांव को समृद्ध बनाया है. अब इस गांव की पहचान भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. यहां पर बड़े स्तर पर टमाटर की खेती की जाती है. यहां का टमाटर खरीदने रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां आती है. दूसरे राज्यों के व्यापारी भी यहां पर टमाटर खरीदने के लिए पहुंचते हैं. यहां का टमाटर पाकिस्तान में भी सप्लाई होता है. अन्य देशों में भी इस गांव का टमाटर भेजा जाता है.

पधाना की टमाटर (ETV Bharat)

35 सालों से हो रही गांव में टमाटर की खेती: पधाना गांव के किसान प्रदीप राणा ने बताया, "हमारे गांव में पिछले 35 सालों से टमाटर की खेती हो रही है. गांव के किसानों ने साल 1990 में टमाटर की खेती शुरू की थी, जो अब तक की जा रही है. पहले छोटे स्तर पर टमाटर की खेती की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे किसानों ने टमाटर की खेती को बड़े स्तर पर करना शुरू किया. अब पूरा गांव टमाटर की खेती कर रहा है."

सबसे ज्यादा टमाटर की खेती वाला गांव: किसान प्रदीप राणा ने आगे कहा, "पधाना हरियाणा का एकमात्र ऐसा गांव है, जहां पर सबसे बड़े स्तर पर टमाटर की खेती की जा रही है. इस गांव में करीब 3000 एकड़ किसानों की जमीन है, जबकि 500 एकड़ पंचायत की जमीन है. गांव के 3500 एकड़ जमीन में से 50 फीसद जमीन पर टमाटर की खेती की जा रही है."

1 एकड़ जमीन से 5 से 6 लाख का मुनाफा: किसान प्रदीप राणा ने बताया, "पहले किसान बेड पर लगने वाले टमाटर लगाया करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से वह बेल वाले टमाटर लगा रहे हैं. जिसकी ऊंचाई 6 फीट से भी ज्यादा होती है. अगर कोई बांस और तार पर टमाटर की बेल लगाता है तो उसके खेत से 1800 से 2000 क्रेट निकल जाती है. एक क्रेट में 25 किलो टमाटर आता है. अगर बिना बेल वाला टमाटर लगाया जाता है, तो वह 700 से 1000 क्रेट 1 एकड़ से निकल जाती है."

"टमाटर के रेट में उतार-चढ़ाव बना रहता है. इस समय करीब ढाई सौ रुपए से ₹300 टमाटर क्रेट बेची जा रही है, लेकिन कई बार रेट अच्छा होता है तो वह 500 से ₹600 प्रति क्रेट भी चली जाती है. इस रेट में भी करीब ढाई लाख से लेकर ₹300000 प्रति एकड़ टमाटर निकल जाता है. जब रेट अच्छा हो तो उसमें 5 से 6 लाख रुपए का टमाटर एक सीजन में निकल जाता है, जिसकी वजह से ग्रामीण समृद्ध हो रहे हैं." -प्रदीप राणा, किसान

बड़ी कंपनी आती है माल खरीदने: पधाना गांव के एक अन्य किसान सुरेंद्र राणा ने कहा, "पधाना गांव हरियाणा या भारत ही नहीं विदेश में भी टमाटर की खेती में प्रसिद्ध है. इस गांव का टमाटर भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ ही पाकिस्तान सहित अन्य देशों में जाता है. टमाटर की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां उनके खेत में ही टमाटर खरीदने के लिए आती है. गांव में कुछ ऐसे किसान भी हैं, जिनका पिछले करीब 15 सालों से रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ अनुबंध है. वह उनके टमाटर को अच्छे दामों पर खरीद कर लेकर जाते हैं."

गांव में ही है टमाटर की मंडी: किसान सुरेंद्र राणा ने आगे कहा, "गांव के बहुत से किसानों का रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट है. अगर किसी किसान का उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, तो उनका टमाटर गांव के ही मंडी में बिक जाता है. यहां से दूसरे राज्यों में टमाटर की सप्लाई की जाती है. साथ मंडी पर दिल्ली सहित अन्य राज्यों से व्यापारी टमाटर खरीदने के लिए आते हैं. इससे किसानों का खर्च भी बच जाता है. साथ ही उनको टमाटर लेकर दिल्ली या किसी अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ता. समय के साथ-साथ पैसों की भी बचत होती है."

फायदे की खेती है टमाटर: पधाना गांव के किसान राजकुमार ने बताया, "मैं काफी सालों से टमाटर की खेती करते आ रहा हूं. यह काफी फायदे की खेती है. इस खेती में पानी की बचत भी होती है. इसके साथ-साथ किसान टमाटर की खेती से अच्छा मुनाफा भी लेते हैं. जब टमाटर छोटा होता है, तब उसमें दूसरी फसल भी ली जा सकती है. इससे आमदनी बढ़ती है. अगर हम धान और गेहूं की फसल करते हैं तो उसमें इतना मुनाफा नहीं होता. अगर टमाटर का भाव अच्छा ना मिले, फिर भी 2 लाख से ऊपर का टमाटर एक बार में निकल जाता है. जो किसान परंपरागत तरीके से खेती करते आ रहे हैं, उनको भी आधुनिक तरीके से खेती करने की तरफ बढ़ना चाहिए, ताकि वह खेती को मुनाफे का सौदा बना सके."

Why is Padhanas tomato special
क्यों खास है पधाना का टमाटर (ETV Bharat)

"अगर कोई किसान टमाटर की नई खेती शुरू करता है तो करीब 1 लाख रुपया खर्चा एक एकड़ में आता है, जिसमें सिर्फ बागवानी विभाग के द्वारा बांस और तार लगाने पर अनुदान भी दिया जाता है. अगर जिसने पहले ही यह योजना ली हुई है तो उसी पर टमाटर की खेती करने पर खर्च करीब 50000 रुपये का आता है. मुनाफा बहुत ही ज्यादा होता है और वो किसान फसल चक्र भी अपनाते हैं. -राजकुमार, किसान

बना रोजगार का जरिया: पधाना गांव के किसान सुरेंद्र ने बताया, "यहां पर टमाटर की ज्यादा खेती होती है, इसलिए गांव में जो गरीब लोग हैं, जिनके पास जमीन नहीं है तो वह मजदूरी करके ही अपना काम कर रहे हैं. ऐसे में जो महिलाएं हैं, उनको मजदूरी करने के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ता. इतना ही नहीं आसपास के गांव की महिलाएं भी गांव में टमाटर के खेत में मजदूरी करने के लिए आती है, क्योंकि गांव में बड़े स्तर पर टमाटर की खेती हो रही है." वहीं, खेत में मजदूरी करने वाली महिलाओं का कहना है कि गांव में जितनी भी महिलाएं गरीब परिवार से है, उन सभी को टमाटर लगाने वाले किसानों की वजह से रोजगार मिला हुआ है. पूरे साल में ऐसा एक भी दिन नहीं होता, जब उनके पास रोजगार न हो. वो गांव में ही रहकर अच्छा रोजगार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है.

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