लखनऊ : योजना भवन में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के चेयरमैन जस्टिस एएम सप्रे ने सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक कर यूपी में रोड सेफ्टी की स्थिति जानी. इस दौरान परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि सड़क सुरक्षा की प्रगति में काफी सुधार है. वहीं परिवहन विभाग के आंकड़ों में हादसों और मौतों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ी हैं. ब्लैक स्पॉट की संख्या में भी इजाफा हुआ है. बैठक में परिवहन विभाग, पुलिस, निर्माण इकाइयों समेत 18 विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.
करोड़ों खर्च, नतीजा सिफर :सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों ने हादसों पर मंथन करना शुरू कर दिया है. सरकार की प्राथमिकताओं में हर साल करोड़ों रुपये सड़क सुरक्षा पर खर्च किए जाते हैं. इसमें परिवहन विभाग के साथ लोक निर्माण विभाग, जिला प्रशासन समेत कई विभाग होते हैं. परिवहन विभाग नोडल है. करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. पिछले पांच वर्षों में लगातार बढ़ते हादसे सड़क सुरक्षा में लगे विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं.
ओवरस्पीडिंग से काल के गाल में समाए सबसे ज्यादा लोग
- 49 फीसदी मौतें ओवरस्पीडिंग से.
- 12 फीसदी मौतें रॉन्ग साइड ड्राइविंग से.
- सात फीसदी मौतें वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग से.
- आठ फीसदी मौतें ड्रंकन ड्राइव से.
- 23 फीसदी मौतें अन्य वजहों से.
- 36 फीसदी मौतें दोपहिया व साइकिल से चलने वालों के.
- 17 फीसदी चार पहिया वाहनों वालों की मौतें.
- 15 फीसदी ट्रक व बस से चलने वालों की मौतें.
- नौ फीसद पैदल चलने वालों की मौतें.
अपराध चालान