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क्या आपके हाथ में नहीं टिकते पैसे? शुक्रवार के दिन पूजा करते समय करें ये अचूक उपाय, शुक्रदेव बरसाएंगे कृपा! - ASTROLOGY REMEDIES ON FRIDAY

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को सुखों का कारक माना जाता है. धन प्राप्ति हेतु शुक्रवार के दिन विशेष उपाय करने का विधान है.

ASTROLOGY REMEDIES ON FRIDAY
शुक्रदेव (ETV BHARAT and CANVA)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 6, 2025, 2:20 PM IST

Updated : Feb 6, 2025, 4:27 PM IST

हैदराबाद: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को सुखों का कारक माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार यह ग्रह प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, कला, विलासिता और भौतिक समृद्धि का प्रतीक है. जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ और मजबूत होती है, उसे जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही, ऐसे व्यक्ति को सुंदर, सुशील और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. विपरीत इसके, यदि कुंडली में शुक्र कमजोर हो तो व्यक्ति को आर्थिक संकटों से गुजरना पड़ सकता है, प्रेम संबंधों में बाधाएं आती हैं और जीवन में सुखों की कमी महसूस होती है.

इसीलिए ज्योतिष शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, दैत्यों के गुरु शुक्र देव और कुबेर देव की पूजा करने की सलाह देते हैं. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन किए गए विशेष उपाय कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करते हैं, जिससे सुखों में वृद्धि होती है, करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है.

आइये जानते हैं कुछ प्रभावी उपाय
इलायची स्नान: डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार, शुक्रवार के दिन पानी में इलायची मिलाकर स्नान करने से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है. आप चाहें तो इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में भी शामिल कर सकते हैं.

भगवान शिव का अभिषेक: दैत्यों के गुरु शुक्र देव के आराध्य भगवान शिव हैं. अतः शुक्रवार के दिन गंगाजल में सुगंध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें. मान्यता है कि इस उपाय को करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और साधक को मनवांछित फल प्राप्त होता है.

मां लक्ष्मी की पूजा और कौड़ी का उपाय: शुक्रवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें. मां लक्ष्मी को प्रसाद में चावल की खीर अर्पित करें. साथ ही सात कौड़ी मां लक्ष्मी को अर्पित करें. अब अर्पित कौड़ी को पीले रंग के वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें. यह उपाय धन को आकर्षित करने में सहायक माना जाता है.

शुक्र मंत्र: शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है.

  • ऊँ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:
  • ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
  • ऊँ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहा।
  • ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्।।
  • ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत क्षत्रं पय:सेमं प्रजापति:।
  • ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।

शुक्र कवच: शुक्र कवच का पाठ करने से व्यक्ति को शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

  • मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम् । समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥
  • ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः । नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनदयुतिः ॥
  • पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः । जिह्वा मे चोशनाः पातु कंठं श्रीकंठभक्तिमान् ॥
  • भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः । नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः॥
  • कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरु मे सुरपूजितः । जानू जाड्यहरः पातु जंघे ज्ञानवतां वरः ॥
  • गुल्फ़ौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वरांबरः । सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥
  • य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः । न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. ETV BHARAT एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है.

यह भी पढ़ें- दूसरों की बुराई करते हैं तो हो जाइए सावधान! ये 8 आदतें आपको कर सकती है बर्बाद

हैदराबाद: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को सुखों का कारक माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार यह ग्रह प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, कला, विलासिता और भौतिक समृद्धि का प्रतीक है. जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ और मजबूत होती है, उसे जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही, ऐसे व्यक्ति को सुंदर, सुशील और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. विपरीत इसके, यदि कुंडली में शुक्र कमजोर हो तो व्यक्ति को आर्थिक संकटों से गुजरना पड़ सकता है, प्रेम संबंधों में बाधाएं आती हैं और जीवन में सुखों की कमी महसूस होती है.

इसीलिए ज्योतिष शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, दैत्यों के गुरु शुक्र देव और कुबेर देव की पूजा करने की सलाह देते हैं. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन किए गए विशेष उपाय कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करते हैं, जिससे सुखों में वृद्धि होती है, करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है.

आइये जानते हैं कुछ प्रभावी उपाय
इलायची स्नान: डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार, शुक्रवार के दिन पानी में इलायची मिलाकर स्नान करने से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है. आप चाहें तो इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में भी शामिल कर सकते हैं.

भगवान शिव का अभिषेक: दैत्यों के गुरु शुक्र देव के आराध्य भगवान शिव हैं. अतः शुक्रवार के दिन गंगाजल में सुगंध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें. मान्यता है कि इस उपाय को करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और साधक को मनवांछित फल प्राप्त होता है.

मां लक्ष्मी की पूजा और कौड़ी का उपाय: शुक्रवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें. मां लक्ष्मी को प्रसाद में चावल की खीर अर्पित करें. साथ ही सात कौड़ी मां लक्ष्मी को अर्पित करें. अब अर्पित कौड़ी को पीले रंग के वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें. यह उपाय धन को आकर्षित करने में सहायक माना जाता है.

शुक्र मंत्र: शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है.

  • ऊँ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:
  • ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
  • ऊँ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहा।
  • ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्।।
  • ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत क्षत्रं पय:सेमं प्रजापति:।
  • ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।

शुक्र कवच: शुक्र कवच का पाठ करने से व्यक्ति को शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

  • मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम् । समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥
  • ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः । नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनदयुतिः ॥
  • पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः । जिह्वा मे चोशनाः पातु कंठं श्रीकंठभक्तिमान् ॥
  • भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः । नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः॥
  • कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरु मे सुरपूजितः । जानू जाड्यहरः पातु जंघे ज्ञानवतां वरः ॥
  • गुल्फ़ौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वरांबरः । सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥
  • य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः । न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. ETV BHARAT एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है.

यह भी पढ़ें- दूसरों की बुराई करते हैं तो हो जाइए सावधान! ये 8 आदतें आपको कर सकती है बर्बाद

Last Updated : Feb 6, 2025, 4:27 PM IST
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