ETV Bharat / bharat

ट्रेन में कितनी तरह के होते हैं डिब्बे? थर्ड AC और AC इकोनॉमी डिब्बे में क्या है अंतर.. यहां जानिए - INDIAN RAILWAY

भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को विभिन्न प्रकार के कोच उपलब्ध कराता है, आइए जानते हैं इन डिब्बों में मिलने वाली विशिष्ट सुविधाओं के बारे में.

ट्रेनों में डिब्बों के प्रकार
सांकेतिक तस्वीर (Canva)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 6, 2025, 5:34 PM IST

हैदराबाद: भारतीय रेलवे, देश की जीवन रेखा है. लोकल ट्रेनों से लेकर राजधानी और तेजस एक्सप्रेस तक, हर तरह की ट्रेन में सफर करने का अपना अलग ही मजा है. एक्सप्रेस ट्रेनों में सुविधाओं के अनुसार अलग-अलग कोच होते हैं. हर कोच का अपना एक क्लास होता है और उस क्लास के अनुसार किराया भी तय होता है. यात्री अपनी सुविधानुसार अलग-अलग क्लास में यात्राएं करते हैं.

अक्सर लोग छोटी यात्राओं के लिए जनरल कोच में सफर कर लेते हैं, वहीं लंबी दूरी के लिए स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन कराते हैं. अगर एसी में सफर करना हो तो 3AC से लेकर फर्स्ट क्लास तक के विकल्प मौजूद हैं. अब तो 3AC इकोनॉमी क्लास भी शुरू हो चुका है. तो आइए जानते हैं ट्रेनों में कितने तरह के डिब्बे होते हैं और डिब्बों पर लिखे कोड का क्या मतलब होता है.

UR/GEN (जनरल कोच)

  • विशेषता: ये सामान्य कोच होते हैं जिनमें बिना रिजर्वेशन के यात्रा की जा सकती है.
  • सुविधा: सबसे सस्ती यात्रा, लेकिन भीड़-भाड़ अधिक रहती है.
  • वैधता: इस कोच के लिए कटा टिकट 24 घंटे के भीतर, उसी रूट पर किसी भी ट्रेन के लिए मान्य होता है.
  • किसे उपयुक्त: कम बजट वाले या कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए.

2S (सेकेंड सीटर) / CC (चेयर कार)

  • विशेषता: इसे चेयर कार भी कहते हैं. इसमें यात्रा के लिए रिजर्वेशन कराना होता है.
  • सुविधा: जनरल कोच से थोड़ा आरामदायक, सीटें तय होती हैं. आमतौर पर ये कोच एयर-कंडीशन्ड नहीं होते हैं.
  • उपलब्धता: जनशताब्दी या इंटरसिटी एक्सप्रेस में इस तरह के कोच अधिक होते हैं.
  • किसे उपयुक्त: दिन में लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए, जो जनरल कोच से ज्यादा आराम चाहते हैं.

SL (स्लीपर क्लास)

  • विशेषता: बैठने के साथ ही सोकर यात्रा करने के लिए ये सबसे साधारण कोच होते हैं.
  • सुविधा: लंबी दूरी की यात्रा के लिए ज्यादातर लोग इसमें ही सफर करते हैं. एक कोच में 72 सीटें होती हैं. रिजर्वेशन कराने के बाद आप आराम से यात्रा कर सकते हैं. हालांकि इसमें एयर कंडीशनिंग जैसी सुविधा नहीं होती है.
  • किसे उपयुक्त: लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए जो बिना एसी के आराम से सफर करना चाहते हैं.

EC (एग्जीक्यूटिव चेयर कार)

  • विशेषता: यह AC कोच है जिसमें सिर्फ बैठने के लिए सीटें होती हैं.
  • सुविधा: आराम के लिए इसमें लेग रूम स्पेस ज्यादा होता है. ये दिन के सफर के लिए अच्छा विकल्प है. इसमें एक लाइन में चार सीटें होती हैं.
  • किसे उपयुक्त: दिन में आरामदायक AC यात्रा के लिए.

3AC (थ्री-टियर AC) और 3AC इकोनॉमी

  • 3AC: इस एयर कंडीशन वाले कोच में स्लीपर की तरह ही 72 बर्थ होती हैं और सीटों का अरेंजमेंट भी स्लीपर की तरह ही होता है.
  • 3AC इकोनॉमी: इसमें भी सीटें स्लीपर की तरह ही होती हैं लेकिन बर्थ की संख्या 72 की जगह 84 होती है. हर बर्थ के लिए पर्सनल एसी वेंट और रीडिंग लाइट होती है.
  • किसे उपयुक्त: लंबी दूरी की यात्रा करने वाले उन यात्रियों के लिए जो AC में आराम से सफर करना चाहते हैं और कम बजट में बेहतर सुविधा चाहते हैं.

2AC (टू-टियर AC)

  • विशेषता: एसी टू-टियर कोच में 64 बर्थ होती हैं.
  • सुविधा: थ्री-टियर की अपेक्षा बर्थ में ज्यादा स्पेस मिलता है. इनमें पर्दे लगे होते हैं (हालांकि सुरक्षा कारणों से कोरोना काल में हटा दिए गए थे).
  • किसे उपयुक्त: अधिक स्पेस और प्राइवेसी चाहने वाले AC यात्रियों के लिए.

AC FIRST CLASS (AC प्रथम श्रेणी)

  • विशेषता: ये ट्रेन का सबसे महंगा कोच होता है.
  • सुविधा: ये कोच दो तरह के होते हैं: फुल AC फर्स्ट क्लास कोच में 8 केबिन होते हैं और हाफ AC फर्स्ट क्लास कोच में 3 केबिन होते हैं. इस कोच में आपकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाता है. इसमें शानदार पर्सनल रूम जैसी सुविधाएं मिलती हैं.
  • किसे उपयुक्त: सबसे आरामदायक और प्राइवेट यात्रा चाहने वाले यात्रियों के लिए जो कीमत को लेकर चिंतित नहीं हैं.

यह भी पढ़ें- पटना-दिल्ली के बीच चलेगी पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, जानें कितने घंटे में पूरा होगा सफर

हैदराबाद: भारतीय रेलवे, देश की जीवन रेखा है. लोकल ट्रेनों से लेकर राजधानी और तेजस एक्सप्रेस तक, हर तरह की ट्रेन में सफर करने का अपना अलग ही मजा है. एक्सप्रेस ट्रेनों में सुविधाओं के अनुसार अलग-अलग कोच होते हैं. हर कोच का अपना एक क्लास होता है और उस क्लास के अनुसार किराया भी तय होता है. यात्री अपनी सुविधानुसार अलग-अलग क्लास में यात्राएं करते हैं.

अक्सर लोग छोटी यात्राओं के लिए जनरल कोच में सफर कर लेते हैं, वहीं लंबी दूरी के लिए स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन कराते हैं. अगर एसी में सफर करना हो तो 3AC से लेकर फर्स्ट क्लास तक के विकल्प मौजूद हैं. अब तो 3AC इकोनॉमी क्लास भी शुरू हो चुका है. तो आइए जानते हैं ट्रेनों में कितने तरह के डिब्बे होते हैं और डिब्बों पर लिखे कोड का क्या मतलब होता है.

UR/GEN (जनरल कोच)

  • विशेषता: ये सामान्य कोच होते हैं जिनमें बिना रिजर्वेशन के यात्रा की जा सकती है.
  • सुविधा: सबसे सस्ती यात्रा, लेकिन भीड़-भाड़ अधिक रहती है.
  • वैधता: इस कोच के लिए कटा टिकट 24 घंटे के भीतर, उसी रूट पर किसी भी ट्रेन के लिए मान्य होता है.
  • किसे उपयुक्त: कम बजट वाले या कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए.

2S (सेकेंड सीटर) / CC (चेयर कार)

  • विशेषता: इसे चेयर कार भी कहते हैं. इसमें यात्रा के लिए रिजर्वेशन कराना होता है.
  • सुविधा: जनरल कोच से थोड़ा आरामदायक, सीटें तय होती हैं. आमतौर पर ये कोच एयर-कंडीशन्ड नहीं होते हैं.
  • उपलब्धता: जनशताब्दी या इंटरसिटी एक्सप्रेस में इस तरह के कोच अधिक होते हैं.
  • किसे उपयुक्त: दिन में लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए, जो जनरल कोच से ज्यादा आराम चाहते हैं.

SL (स्लीपर क्लास)

  • विशेषता: बैठने के साथ ही सोकर यात्रा करने के लिए ये सबसे साधारण कोच होते हैं.
  • सुविधा: लंबी दूरी की यात्रा के लिए ज्यादातर लोग इसमें ही सफर करते हैं. एक कोच में 72 सीटें होती हैं. रिजर्वेशन कराने के बाद आप आराम से यात्रा कर सकते हैं. हालांकि इसमें एयर कंडीशनिंग जैसी सुविधा नहीं होती है.
  • किसे उपयुक्त: लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए जो बिना एसी के आराम से सफर करना चाहते हैं.

EC (एग्जीक्यूटिव चेयर कार)

  • विशेषता: यह AC कोच है जिसमें सिर्फ बैठने के लिए सीटें होती हैं.
  • सुविधा: आराम के लिए इसमें लेग रूम स्पेस ज्यादा होता है. ये दिन के सफर के लिए अच्छा विकल्प है. इसमें एक लाइन में चार सीटें होती हैं.
  • किसे उपयुक्त: दिन में आरामदायक AC यात्रा के लिए.

3AC (थ्री-टियर AC) और 3AC इकोनॉमी

  • 3AC: इस एयर कंडीशन वाले कोच में स्लीपर की तरह ही 72 बर्थ होती हैं और सीटों का अरेंजमेंट भी स्लीपर की तरह ही होता है.
  • 3AC इकोनॉमी: इसमें भी सीटें स्लीपर की तरह ही होती हैं लेकिन बर्थ की संख्या 72 की जगह 84 होती है. हर बर्थ के लिए पर्सनल एसी वेंट और रीडिंग लाइट होती है.
  • किसे उपयुक्त: लंबी दूरी की यात्रा करने वाले उन यात्रियों के लिए जो AC में आराम से सफर करना चाहते हैं और कम बजट में बेहतर सुविधा चाहते हैं.

2AC (टू-टियर AC)

  • विशेषता: एसी टू-टियर कोच में 64 बर्थ होती हैं.
  • सुविधा: थ्री-टियर की अपेक्षा बर्थ में ज्यादा स्पेस मिलता है. इनमें पर्दे लगे होते हैं (हालांकि सुरक्षा कारणों से कोरोना काल में हटा दिए गए थे).
  • किसे उपयुक्त: अधिक स्पेस और प्राइवेसी चाहने वाले AC यात्रियों के लिए.

AC FIRST CLASS (AC प्रथम श्रेणी)

  • विशेषता: ये ट्रेन का सबसे महंगा कोच होता है.
  • सुविधा: ये कोच दो तरह के होते हैं: फुल AC फर्स्ट क्लास कोच में 8 केबिन होते हैं और हाफ AC फर्स्ट क्लास कोच में 3 केबिन होते हैं. इस कोच में आपकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाता है. इसमें शानदार पर्सनल रूम जैसी सुविधाएं मिलती हैं.
  • किसे उपयुक्त: सबसे आरामदायक और प्राइवेट यात्रा चाहने वाले यात्रियों के लिए जो कीमत को लेकर चिंतित नहीं हैं.

यह भी पढ़ें- पटना-दिल्ली के बीच चलेगी पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, जानें कितने घंटे में पूरा होगा सफर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.