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घटना के दिन एसआई नहीं था थाना इंचार्ज तो उसे कैसे किया दंडित : हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा, जब घटना के दिन एसआई नहीं था थाना इंचार्ज तो उसे कैसे किया दंडित?

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राजस्थान हाईकोर्ट (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 6 hours ago

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब याचिकाकर्ता एसआई शिकायतकर्ता को गिरफ्तार कर थाने लाने के दौरान थाना इंचार्ज की ड्यूटी पर ही नहीं था तो उसे क्यों दंडित किया गया. इसके साथ ही अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता को दिए गए परिनिंदा के दंड के प्रभाव पर रोक लगा दी है. वहीं, अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश बेगाराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में चौमूं थाने के इंचार्ज पद पर कार्यरत था. इस बीच वह इंचार्ज पद का कार्यभार दूसरे पुलिसकर्मी को सौंपकर विभागीय कार्य से गया था. इस दौरान शिकायतकर्ता दिनेश कुमार जांगिड़ को सीआरपीसी की धारा 151 में गिरफ्तार किया गया था. इस पर दिनेश कुमार ने विभाग में इसकी शिकायत दी थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने 30 अक्टूबर, 2021 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता की एक वेतन वृद्धि रोक ली.

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इसकी विभागीय अपील करने पर अपीलीय अधिकारी ने 17 अगस्त, 2022 को आदेश जारी कर दंड को कम कर परिनिंदा में बदल दिया. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता दंड का अधिकारी नहीं है, क्योंकि घटना के दिन थाने पर हुई कार्रवाई के लिए वह जिम्मेदार नहीं है. याचिकाकर्ता उस दिन थाना इंचार्ज ही नहीं था. ऐसे में उसे दंडित करना उचित नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने परिनिन्दा के दंड के प्रभाव पर रोक लगा दी है.

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