किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur) जयपुर. प्रदेश के नाकारा और भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को लेकर प्रदेश की भजनलाल सरकार सख्त हो गई है. लगातार भ्रष्ट आचरण और प्रशासनिक कर्तव्य निभाने में असमर्थ कर्मचारियों और अधिकारियों को सरकार अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की प्रक्रिया शुरू की है. इसके लिए संबंधित विभागों को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई कर प्रस्ताव संबंधित प्रशासनिक विभाग को भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं.
सरकार के इस फैसले के सामने आने के साथ प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने तेवर गरम कर लिए है. अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी एकीकृत महासंघ और अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ दोनों ही प्रमुख संगठनों ने सरकार के फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे आतंक फैलाने वाला करार देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.
आतंक फैला रही सरकार : अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह ने राठौड़ ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रतिदिन कोई न कोई आदेश निकाल कर कर्मचारियों में आतंक फैला रही है. कभी औचक निरीक्षण के नाम पर निलंबित करना, मोबाइल ऐप से हाजिरी करवाना और लोकेशन ऑन रखवाना, जींस टी-शर्ट को मुद्दा बनाना और अब 15 वर्ष से अधिक सेवा वाले अथवा 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की इरादतन स्क्रीनिंग करना और उनको अनिवार्य सेवा निवृत्ति प्रदान करने का हाल ही का आदेश इसका ज्वलंत उदाहरण है. महासंघ एकीकृत इसका कड़ा विरोध करता है.
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उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की अकर्मण्यता की परिभाषा क्या है ? सरकार कर्मचारियों पर दिन प्रतिदिन नई-नई पाबंदियां लग रही है, लेकिन उनके कल्याण के लिए कुछ नहीं कर रही है. वर्षों से विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों और अन्य मांगों को पूरा करने के लिए की बजाए सरकार ईमानदारी के साथ अपना कर्तव्य पालन कर रहे कर्मचारियों को भयभीत कर रही है. इस प्रकार के आदेशों से कर्मचारियों में आतंक व्याप्त हो गया है, जिससे उनकी कार्य क्षमता भी प्रभावित होगी. इस प्रकार की आदेश अधिकारियों को मनमानी करने के लिए बढ़ावा देंगे और कर्मचारियों में चापलूसी की भावना बढ़ेगी. सरकार के पास विभिन्न संवर्गों के मांग पत्र पड़े हैं. सरकार उन पर एक निर्धारित समय में कार्रवाई के लिए कैलेंडर जारी करे, ताकि कर्मचारी और जोश के साथ सरकार की नीतियों का क्रियान्वन कर जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सके.
कर्मचारियों का हो रहा अपमान : अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा कि राजस्थान में सरकार की ओर से पिछले कुछ महीनों में कर्मचारियों के सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. आए दिन कई तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं. कई बार कर्मचारियों को नाकारा करार दिया जा रहा है. सरकार को ये नही भूलना चाहिए कि कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में भी राजस्थान में कर्मचारियों ने आगे बढ़कर काम किया था. पूरे देश मे राजस्थान एक रोल मॉडल बना. अब ऐसा क्या हो गया कि यही कर्मचारी सरकार को नाकारा, भ्रष्ट, लापरवाह दिखाई देने लगा. सरकार में इस तरह के व्यवहार को कर्मचारी र्दाश्त नहीं करेगा. किसी भी सूरत में कर्मचारियों के सम्मान को ठेस पहुंचती है तो उसके लिए कर्मचारी हर संभव सरकार के खिलाफ न केवल विरोध करेगा, बल्कि आंदोलन का विकल्प हो जाएगा.