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कैदियों ने डासना जेल के बैरक को बनाया क्लासरूम, कैद में रहकर पास की UP बोर्ड परीक्षा - UP Board 2024 Result - UP BOARD 2024 RESULT

डासना जेल में रहकर 38 कैदियों ने यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की है. जिला कारागार गाजियाबाद के जेल अधीक्षक आलोक सिंह का कहना है कि जेल प्रशासन का प्रयास रहता है कि जेल में सकारात्मक माहौल रहे. ताकि जेल में मौजूद बंदी अपने समय का सदुपयोग कर सकें.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 25, 2024, 6:23 PM IST

डासना जेल के बैरक को बनाया क्लासरूम

नई दिल्ली/गाजियाबाद:उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में डासना जेल के बंदियों का प्रदर्शन बढ़िया रहा. यहां यूपी बोर्ड हाई स्कूल की परीक्षाओं के लिए 17 बंदियों और इंटरमीडिएट के लिए 23 बंदियों ने पंजीकरण कराया था. जिसमें से हाई स्कूल में 17 और इंटरमीडिएट में 21 बंदियों ने परीक्षा दी थी. ऐसे में बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत में जिला कारागार गाजियाबाद पहुंचकर जेल में रहकर परीक्षा पास करने वाले बंदियों से बातचीत की.

"इंटरमीडिएट की परीक्षा यूपी बोर्ड से पास की है. आर्ट, साइड से फर्स्ट डिवीजन इंटरमीडिएट पास किया है. कोशिश रहती थी कि हर दिन 4 घंटे पढ़ाई करूं. रात को 8:00 बजे से पढ़ना शुरू करता था और देर रात तक पढ़ाई करता था. जेल में मौजूद लाइब्रेरी में पढ़ाई की और रात के वक्त बैरक में रहकर दो से तीन घंटे पढ़ाई करता था. जेल में मौजूद लाइब्रेरी में इंटरमीडिएट की सभी किताबें मिल जाती थी. जेल में मौजूद अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर गाइडेंस मिलती रही. आगे अब ग्रेजुएशन करने की सोचा है." -धीरज, बंदी

"यूपी बोर्ड से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है. फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायो स्ट्रीम मेरे पास थी. शुरुआत में उम्मीद नहीं थी की जेल में रहकर इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर सकूंगा लेकिन जेल प्रशासन का काफी सहयोग रहा और फर्स्ट डिवीजन इंटरमीडिएट पास किया है. इंटरमीडिएट के बाद अब बीएससी करुंगा."- अंकित, बंदी

जिला कारागार गाजियाबाद के जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक, जेल प्रशासन का प्रयास रहता है कि जेल में सकारात्मक माहौल रहे. जेल प्रशासन की कोशिश रहती है कि जेल में मौजूद बंदी अपने समय का सदुपयोग कर सकें. जो बंदी निरक्षर हैं, उनको साक्षर करने का प्रयास किया जाता है. जो बंदी पढ़ना लिखना जानते हैं, लेकिन किसी कारणवश आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए, उनको पढ़ाया जाता है. जेल में मौजूद बंदी जो हाई स्कूल, इंटर, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएट करना चाहते हैं उन्हें इग्नू यूपी बोर्ड आदि के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है.

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