नई दिल्ली: दिल्ली में महिलाओं को 2100 रुपये मासिक सहायता देने के आम आदमी पार्टी पार्टी के चुनावी वादे के प्रचार पर रोक लगाने का निर्देश चुनाव आयोग को देने की मांग का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. आज सुनवाई के दौरान जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि "यह चुनाव याचिका के रूप में कैसे सुनवाई योग्य है. उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा कि आप जाएं और जनहित याचिका दायर करें."
याचिका विजय कुमार की ओर से दायर किया गया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शिव शंकर पराशर ने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से घोषित मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना पर रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मतदाताओं को ग़लत तरीके से लुभाने के लिए ऐसा कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार खुद इस योजना से इनकार कर चुकी है.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस याचिका को चुनाव याचिका की तरह कैसे सुनवाई की जाए. तब याचिकाकर्ता ने कहा कि 3 जनवरी को उन्होंने निर्वाचन आयोग को इस संबंध में प्रतिवेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने कहा कि आप चुनाव याचिका की बजाय जनहित याचिका क्यों नहीं दायर करते हैं. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आपकी याचिका को चुनाव याचिका के रूप में सुनवाई कैसे की जाए इस पर 10 जनवरी को दलीलें पेश करें.
यह है पूरा मामला: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 12 दिसंबर 2024 को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर "मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना" की घोषणा की. केजरीवाल के नेतृत्व में, आम आदमी पार्टी की सरकार ने "मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना" के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का निर्णय किया था. केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव के बाद यह राशि बढ़ा कर 2100 रुपये की जाएगी. वहीं, इस योजना का भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने काफी विरोध किया था और इसे चुनावी स्टंट करार दिया था.
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