नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक दाखिले की तीसरी सूची जारी करने की तैयारी चल रही है. साथ ही आज शाम को विद्यार्थियों के लिए मिड एंट्री का विकल्प भी खोल दिया जाएगा. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि मिड एंट्री में आखिर कौन से छात्र-छात्राओं को मौका मिलेगा. साथ ही मिड एंट्री में शामिल होने से उनका क्या लाभ हो सकता है. इसको लेकर ईटीवी संवाददाता राहुल चौहान ने डीयू के दौलत राम कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर सविता राय से बातचीत की.
डीयू में स्नातक दाखिले की तीसरी सूची की तैयारी
प्रोफेसर सविता राय ने बताया कि जिस तरह से अभी तक स्नातक दाखिले की दो सूची की दाखिला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब तीसरी सूची आने की तैयारी है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को एक सूचना यह देना चाहूंगी कि जिन बच्चों ने अभी तक फ्रिज का विकल्प नहीं चुना है, उनके लिए अपग्रेड के थोड़े से विकल्प कम तो हुए हैं लेकिन खत्म नहीं हुए हैं. ऐसे विद्यार्थियों को मेरी सलाह है कि वह अपग्रेड करते समय अपने पहले के ही कॉलेज और कोर्सेज को वरीयता ना दें क्योंकि उनके पहली वरीयता के कॉलेज कोर्सेज में उनको शायद इसलिए सीट नहीं मिल पाई क्योंकि दूसरे बच्चों का स्कोर उनसे ज्यादा था.
मिड एंट्री में शामिल छात्रों को फिर से सब्जेक्ट मैपिंग का मौका
मिड एंट्री में शामिल होने वाले बच्चों को फिर से अपने सब्जेक्ट की मैपिंग करने का मौका दिया जाएग इसलिए अपने पहले के कॉलेज और कोर्स को बदलना होगा. प्रोफेसर सविता राय ने बताया कि स्नातक की कुल 71600 सीटों में से अभी 45000 सीटों को ही बच्चों ने फ्रिज करके दाखिला लिया है. इस तरह से 71600 में से करीब 25000 सीटें और एक्स्ट्रा 10-15 परसेंट आवंटित सीटों की बात करें तो कुल मिलाकर करीब 30000 सीटों पर अभी तक दाखिले फाइनल नहीं हुए हैं. इन सीटों पर बच्चों द्वारा विकल्प फ्रीज करने का इंतजार है.
1000 की मिड एंट्री में रजिस्ट्रेशन करके फिर से सब्जेक्ट मैपिंग की सुविधा
प्रोफेसर सविता राय ने बताया कि वे बच्चे मिड एंट्री में शामिल हो सकते हैं. जिन्हें अभी तक किसी भी कोर्स और कॉलेज में सीट नहीं आवंटित हुई है. वे 1000 का मिड एंट्री में रजिस्ट्रेशन करके फिर से अपनी सब्जेक्ट मैपिंग के अनुसार विषय चुन सकते हैं और कॉलेज और कोर्स की वरीयताओं को भर सकते हैं. बस इस बात का ध्यान जरूर रखें कि उन्होंने दाखिले के लिए पहले जो कॉलेज और कोर्स भरे थे उनको फिर से ना भरें, क्योंकि उनमें सीटें भर चुकी हैं. इसलिए उनको दूसरी बार में अपग्रेड करने से भी वहां सीट नहीं मिली तो अब भी नहीं मिलेगी.
साइंस, हिंदी और संस्कृत में अभी खाली हैं सीटें
प्राचार्या प्रोफेसर राय ने बताया कि अभी मुख्यतः साइंस, हिंदी और संस्कृत विषयों के लिए बीए प्रोग्राम में काफी सीटें खाली हैं. जिनकी संख्या 25 से 28000 है. अगर स्टूडेंट सही से सब्जेक्ट मैपिंग करके फिर से दाखिले का प्रयास करते हैं तो उन्हें तीसरी सूची में सीट मिल जाएगी. खासकर साइंस, हिंदी और संस्कृत के छात्र छात्राओं के पास अभी भी दाखिले का मौका है.
सीडबल्यू और ईसीए कैटेगरी में सोच समझकर करें अपग्रेड
प्रोफेसर सविता राय ने बताया कि सीडबल्यू, ईसीए या स्पोर्ट्स कैटेगरी में दाखिले के लिए अपग्रेड करने के लिए छात्र-छात्राओं को सबसे पहले यह हिसाब लगाना चाहिए कि इन तीनों कैटेगरी में जो सीटें होती हैं वह सुपर न्यूमेररी सीटें होती हैं. यानी कि किसी कॉलेज में अगर कुल सीटें 1000 हैं तो उसकी 5% सीटें ही ईसीए, सीडबल्यू या स्पोर्टस के छात्रों को दी जाएगी, क्योंकि इसीए और स्पोर्ट्स कैटेगरी की पहली सूची आ चुकी है तो उन सीटों में से भी काफी सीटें भर चुकी हैं. इसलिए अगर इन कैटिगरी में छात्र-छात्राएं अपग्रेड करना चाहते हैं तो उनको यह देखना होगा कि जिस कोर्स में वह एडमिशन चाहते हैं वह कोर्स कितने कॉलेज में है. साथ ही क्या उनका स्कोर बहुत ही अच्छा है. और उनके पसंद का कोर्स भी कई सारे कॉलेज उपलब्ध है तो वह अपडेट का विकल्प चुनेंगे.
ईसीए और स्पोर्ट्स कैटेगरी में बची कम सीटें
उन्हें पसंद का कोर्स कॉलेज मिल सकता है. लेकिन अगर जिस कोर्स में एडमिशन चाहते हैं और वह ईसीए और स्पोर्ट्स कैटेगरी के बहुत ही कम कॉलेज में है और उसमें सीटें भी कम बची हैं तो फिर उन्हें उस कॉलेज और कोर्स में दाखिला मिलना मुश्किल होगा. इसी तरह युद्ध में मारे गए विधवाओं के बच्चे चाइल्ड ऑफ विडो (सीडबल्यू) कैटेगरी में भी यही स्थिति रहती है. हालांकि, इस कैटेगरी में बच्चे बहुत कम होते हैं. लेकिन उसी के अनुसार सीटें भी बहुत कम होती हैं तो इस कैटेगरी के बच्चों को भी सारी कैलकुलेशन करके ही अपग्रेड का विकल्प चुनना चाहिए
शूटिंग और स्विमिंग जैसे खेलों में बहुत कम हैं सीटें
दौलतराम कॉलेज की प्राचार्या ने आगे बताया कि स्पोर्ट्स कैटेगरी की अगर हम बात करें तो कुछ ऐसे खेल भी हैं जो बहुत ही कम कॉलेज में हैं और इसी के अनुसार उसमें सीटें भी बहुत कम होती हैं. ऐसे खेलों में शूटिंग और स्विमिंग के खेल शामिल हैं तो इनमें अगर कोई सीट बची होगी तो गिनी चुनी सीट होगी. इन दो खेलों की कैटेगरी में अगर कोई बच्चा अपग्रेड का विकल्प चुनना चाहता है तो उसको भी बहुत ध्यान रखना होगा. क्योंकि उसके पास बहुत ही लिमिटेड विकल्प बचे हैं.
साइंस, संस्कृत और लैंग्वेज के कोर्सेज में अभी खाली हैं 50 सीटें
प्रोफेसर ने बताया कि हमारे दौलत राम कॉलेज में साइंस, संस्कृत और लैंग्वेज के कोर्सेज में अभी 50 सीटें खाली हैं, जो तीसरी सूची में भर जाएंगी. हालांकि, हमारे पास एक्स्ट्रा दाखिले भी हुए हैं, जो कि विश्वविद्यालय की पॉलिसी के अनुसार 20% एक्स्ट्रा बच्चे अलौट किए गए थे उसके अनुसार हुए हैं.
आज शाम से मिलेगा मिड एंट्री का विकल्प
मिड एंट्री के लिए छात्र छात्राओं को 1000 रुपये शुल्क जमा करना होगा. मिड एंट्री का यह विकल्प विद्यार्थियों के लिए आज शाम 5 बजे से 9 सितंबर की शाम 5 बजे तक सीएसएएस पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा. डीयू के ईसीए, स्पोर्ट्स, सीडबल्यू और वार्ड कोटा की श्रेणी में दाखिले के लिए पहली सूची 3 सितंबर को शाम पांच बजे तक जारी की गई थी. जबकि ईसीए, स्पोर्ट्स, वार्ड कोटा और सीडब्लू की बची हुई सीटों और अन्य सामान्य सीटों के लिए तीसरी सूची 11 सितंबर को शाम 5 बजे जारी की जाएगी. इसके बाद सीटों को स्वीकार करने और कॉलेज द्वारा दाखिले को अप्रूव करने सहित फीस जमा करने की प्रक्रिया 15 सितंबर तक छात्र पूरी कर सकेंगे. फीस जमा करने के बाद ही दाखिला सुनिश्चित माना जाएगा.
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