नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व आईएएस प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेडकर को बड़ी राहत दी है. 14 फरवरी तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.
पूजा के वकील ने क्या दी दलीलः सुनवाई के दौरान खेडकर के अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणियां की हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि खेडकर के साथ अभी तक कुछ नहीं हुआ है और "किसी ने उन्हें छुआ तक नहीं है". लूथरा ने कहा कि यदि मामला सुनवाई के लिए जाता है, तो उच्च न्यायालय द्वारा मजबूत निष्कर्ष दिए जाने के कारण यह दोषसिद्धि में परिणत होगा.
कोर्ट ने क्या दिये निर्देशः शीर्ष न्यायालय ने खेडकर की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछा, तो लूथरा ने कहा कि उसने अपनी नौकरी खो दी है और कानूनी उपायों का सहारा ले रही है. पीठ ने सुनवाई के बाद निर्देश दिया, "नोटिस 14 फरवरी, 2025 को वापस किया जाना है. सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा."
सुप्रीम कोर्ट क्यों दायर की याचिकाः खेडकर ने 23 दिसंबर 2024 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला बनता है. व्यवस्था में हेरफेर करने की बड़ी साजिश’ का पता लगाने के लिए जांच की आवश्यकता है. गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. बता दें कि पिछले साल 12 अगस्त को जब उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया था, तब खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था, जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया.
क्या है मामलाः खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी एवं गलत तरीके से ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और दिव्यांग श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाने का आरोप है. आरक्षण का लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में कथित रूप से गलत जानकारी दी है. यूपीएससी ने फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में खेडकर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने के साथ कई कार्रवाई शुरू की.
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