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मुख्यमंत्री आतिशी के सरकारी बंगले में मनीष सिसोदिया को रहने की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज - DELHI HC ON CM BUNGALOW

याचिका खारिज करते हुए बेंच की तरफ से कहा गया कि मामले पर सक्षम प्राधिकार फैसला लेने के लिए सक्षम हैं.

हाई कोर्ट ने सरकारी बंगले में रहने की याचिका खारिज की
हाई कोर्ट ने सरकारी बंगले में रहने की याचिका खारिज की (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 15, 2025, 2:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री आतिशी पर सक्षम प्राधिकार से मंजूरी लिए बिना ही अपने आवंटित सरकारी आवास को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रहने की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरु की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर सक्षम प्राधिकार फैसला लेने के लिए सक्षम हैं और इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.

याचिका संजीव जैन ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री आतिशी ने खुद के लिए आवंटित सरकारी आवास को मनीष सिसोदिया को रहने के लिए दे दिया, जबकि मनीष सिसोदिया मंत्रिमंडल के सदस्य भी नहीं हैं. यह भी कहा गया कि मनीष सिसोदिया को जब मार्च 2023 में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, उस समय उनका पूरा परिवार उनके लिए आवंटित सरकारी बंगले में ही रह रहा था. ऐसा करना सरकारी बंगलों के आवंटन नियमों का उल्लंघन है. खासकर तब जब सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.

इतना ही नहीं, याचिका में कहा गया कि मनीष सिसोदिया और उसके बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बावजूद उन्हें पहले से आवंटित आवास में उनके परिवार का रहना नियमों का सरासर उल्लंघन है. साथ ही कहा गया था कि नियमों के मुताबिक हर मंत्री को अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सरकारी बंगले का हक है. इस सरकारी बंगले में आवंटियों के परिवार के सदस्यों और आमतौर पर उनके साथ रहने वाले लोगों को रहने की अनुमति दी जाती है.

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याचिका संजीव जैन ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री आतिशी ने खुद के लिए आवंटित सरकारी आवास को मनीष सिसोदिया को रहने के लिए दे दिया, जबकि मनीष सिसोदिया मंत्रिमंडल के सदस्य भी नहीं हैं. यह भी कहा गया कि मनीष सिसोदिया को जब मार्च 2023 में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, उस समय उनका पूरा परिवार उनके लिए आवंटित सरकारी बंगले में ही रह रहा था. ऐसा करना सरकारी बंगलों के आवंटन नियमों का उल्लंघन है. खासकर तब जब सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.

इतना ही नहीं, याचिका में कहा गया कि मनीष सिसोदिया और उसके बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बावजूद उन्हें पहले से आवंटित आवास में उनके परिवार का रहना नियमों का सरासर उल्लंघन है. साथ ही कहा गया था कि नियमों के मुताबिक हर मंत्री को अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सरकारी बंगले का हक है. इस सरकारी बंगले में आवंटियों के परिवार के सदस्यों और आमतौर पर उनके साथ रहने वाले लोगों को रहने की अनुमति दी जाती है.

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