पटनाः लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को दूसरा बड़ा झटका लगा. राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के विधायकों को सत्ता पक्ष पसंद आ रहा है. बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान तीन विधायकों ने पाला बदल लिया और एनडीए खेमे में जाकर बैठ गए. एनडीए नेताओं ने महागठबंधन में भगदड़ की ओर इशारा किया है. वहीं महागठबंधन के नेता चिंता में पड़ गए हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. कहीं न कहीं शीर्ष नेतृत्व में कमजोरी है?
6 विधायकों ने महागठबंधन को छोड़ाः सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल विधायक संगीता कुमारी और कांग्रेस के दो विधायक पूर्व मंत्री मुरारी गौतम और कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ एनडीए खेमे में बैठ गए हैं. आपको बता दें कि इससे पहले राजद विधायक चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी विश्वास मत के दिन ही सत्ता पक्ष की ओर चले गए थे. अब तक 6 विधायकों ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया है.
'पीएम से हुए प्रेरित': चर्चा है कि कहीं इन विधायकों के ऊपर कोई दबाव तो नहीं है. इसको लेकर जदयू विधायक संजीव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों के चलते विधायक एनडीए खेमे में आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता भी उन्हें आकर्षित कर रही है. जदयू विधायक ने कहा कि खेल अभी शुरू हुआ है आगे बहुत कुछ देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के लिए जरूरी हैं.
"मुझे नहीं लगता है कि इनपर कोई दबाव होगा. अपनी इच्छा से सबलोग शामिल हुए हैं. मैं तो बार-बार बोल रहा हूं कि देश को नरेंद्र मोदी की जरूरत है. उन्हीं के विकास कार्यों से प्रेरित होकर ये लोग एनडीए में शामिल हुए हैं. ये खुशी की बात है कि हमारा एनडीए मजबूत हो रहा है."-डॉ. संजीव कुमार, जदयू विधायक
'उन्होंने शुरू किया हम अंजाम तक पहुंचाएंगे': इधर, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि उन्होंने न्योता दिया था तो हमने विजो करवा दिया. विजय सिन्हा ने कहा कि खेल महागठबंधन के लोगों ने शुरू किया था और हम लोग अंजाम तक पहुंचाने का काम करेंगे. मेरा नाम विजय है और नाम के मुताबिक हमने काम करना भी सीखा है. यह सिलसिला अभी शुरू हुआ है आगे और देखिए क्या क्या होता है?
"हम तो कोई खेला नहीं करते हैं. ये सच्चाई है कि न्योता उन्होंने ही दिया था. जब उन्होंने न्योता दिया दो विजय का काम है विजो करवाना. ये तो शुरुआत है. उनके कई विधायक छोड़कर भागने के लिए परेशान हैं. विधायक बंधुआ मजदूर की तरह नहीं रहना चाहते हैं."-विजय सिन्हा, डिप्टी सीएम, बिहार