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अमेरिका न दे बर्थराइट सिटीजनशिप, तो इन देशों की हासिल कर सकते हैं नागरिकता - BIRTHRIGHT CITIZENSHIP

बर्थराइट सिटीजनशिप के तहत किसी देश में पैदा होने वाले किसी भी बच्चे को उस देश में ऑटोमैटिकली ही नागरिकता प्रदान कर दी जाती है.

Trump
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 24, 2025, 3:39 PM IST

हैदराबाद: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में राष्ट्रपति पद पर वापसी की. पद संभालते ही उन्होंने अमेरिका में बर्थराइट सिटीजनशिप को समाप्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया. ट्रंप के इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद, नागरिक अधिकार और आव्रजन समूहों के गठबंधन ने इसे चुनौती देते हुए मुकदमा दायर किया, जिसपर अमेरिका के फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी.

कोर्ट ने ट्रंप के इस कदम को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक बताया.बता दें कि अगर ट्रंप के आदेश को लागू होने दिया जाता है, तो हर साल 150,000 से ज्यादा नवजात बच्चों को नागरिकता से वंचित रह जाएंगे. इससे भारत भी काफी प्रभावित होगा.

दरअसल. भारत के अधिकतर लोग तकनीकी क्षेत्र में काम करने के लिए अमेरिका आते हैं. बर्थ राइट सिटीजनशिप के तहत उनके बच्चे अमेरिकी नागरिक बन जाते थे, जिससे उन्हें शिक्षा और रोजगार के मामले में फायदा होता था. इससे भारतीय प्रवासियों के लिए अमेरिका में एक स्थायी ठिकाना स्थापित करना आसान हो जाता था. यह आदेश के लागू होने से भारतीय नागरिकों के लिए एक संकंट बन सकता था.

कितने देश देते हैं बर्थराइट सिटीजनशिप?
बता दें कि बर्थराइट सिटीजनशिप एक सरकारी नीति है, जिसके तहत किसी देश की सीमाओं या क्षेत्र में पैदा होने वाले किसी भी बच्चे को उस देश में ऑटोमैटिकली ही नागरिकता प्रदान कर दी जाती है. भले ही उसके माता-पिता नागरिक न हों. अमेरिका दुनिया का एकलौता देश नहीं हो, जो अपने देश में पैदा होने वाले बच्चों को बर्थराइट सिटिजनशिप देता है. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 30 से देश बर्थराइट सिटीजनशिप देते हैं.

इन देशों में एंटीगुआ एंड बारबुडा, अर्जेंटीना, बारबाडोस, बेलीज, बोलीविया, ब्राजील, कनाडा, चाड, चाइल्ड, कोस्टा रिका, क्यूबा, ​​डोमिनिका, इक्वाडोर, अल साल्वाडोर, फिजी, ग्रेनेडा, ग्वाटेमाला, गुयाना, होंडुरास, जमैका, लेसोथो, मैक्सिको, निकारागुआ, पनामा, पैराग्वे, पेरू, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, तंजानिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुवालु, उरुग्वे और वेनेजुएला शामिल हैं.

अमेरिका का लगभग हर देश देता है बर्थराइट सिटिजनशिप
दिलचस्प बात यह है कि जन्मसिद्ध नागरिकता प्रदान करने वाला लगभग हर देश उत्तर या दक्षिण अमेरिका में स्थित है.इसकी शुरुआत औपनिवेशिक काल में हुई थी, जिसमें नई दुनिया में अपनी बस्तियों को आबाद करने के इच्छुक यूरोपीय देशों ने अधिक उदार और आप्रवास-अनुकूल नागरिकता नीतियां स्थापित कीं.

जन्मसिद्ध नागरिकता प्रदान करने वाले देश में रहने के लाभ
जन्मसिद्ध नागरिकता को बनाए रखने वाले देश में रहने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह उस देश में जन्मे किसी भी व्यक्ति को बिना किसी अन्य आवश्यकता के नागरिकता प्रदान करता है. यह बच्चे को मूल्यवान कानूनी अधिकार दे सकता है, जैसे कि उन्हें अनुचित प्रत्यर्पण से बचाना या उन्हें उन सामाजिक कार्यक्रमों से लाभ उठाने में सक्षम बनाना जो अन्यथा उन्हें उपलब्ध नहीं होते.

यह भी पढ़ें- अमेरिकी जज ने ट्रंप के बर्थराइट सिटीजनशिप खत्म करने वाले आदेश पर क्यों रोक लगाई? जानें

हैदराबाद: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में राष्ट्रपति पद पर वापसी की. पद संभालते ही उन्होंने अमेरिका में बर्थराइट सिटीजनशिप को समाप्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया. ट्रंप के इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद, नागरिक अधिकार और आव्रजन समूहों के गठबंधन ने इसे चुनौती देते हुए मुकदमा दायर किया, जिसपर अमेरिका के फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी.

कोर्ट ने ट्रंप के इस कदम को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक बताया.बता दें कि अगर ट्रंप के आदेश को लागू होने दिया जाता है, तो हर साल 150,000 से ज्यादा नवजात बच्चों को नागरिकता से वंचित रह जाएंगे. इससे भारत भी काफी प्रभावित होगा.

दरअसल. भारत के अधिकतर लोग तकनीकी क्षेत्र में काम करने के लिए अमेरिका आते हैं. बर्थ राइट सिटीजनशिप के तहत उनके बच्चे अमेरिकी नागरिक बन जाते थे, जिससे उन्हें शिक्षा और रोजगार के मामले में फायदा होता था. इससे भारतीय प्रवासियों के लिए अमेरिका में एक स्थायी ठिकाना स्थापित करना आसान हो जाता था. यह आदेश के लागू होने से भारतीय नागरिकों के लिए एक संकंट बन सकता था.

कितने देश देते हैं बर्थराइट सिटीजनशिप?
बता दें कि बर्थराइट सिटीजनशिप एक सरकारी नीति है, जिसके तहत किसी देश की सीमाओं या क्षेत्र में पैदा होने वाले किसी भी बच्चे को उस देश में ऑटोमैटिकली ही नागरिकता प्रदान कर दी जाती है. भले ही उसके माता-पिता नागरिक न हों. अमेरिका दुनिया का एकलौता देश नहीं हो, जो अपने देश में पैदा होने वाले बच्चों को बर्थराइट सिटिजनशिप देता है. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 30 से देश बर्थराइट सिटीजनशिप देते हैं.

इन देशों में एंटीगुआ एंड बारबुडा, अर्जेंटीना, बारबाडोस, बेलीज, बोलीविया, ब्राजील, कनाडा, चाड, चाइल्ड, कोस्टा रिका, क्यूबा, ​​डोमिनिका, इक्वाडोर, अल साल्वाडोर, फिजी, ग्रेनेडा, ग्वाटेमाला, गुयाना, होंडुरास, जमैका, लेसोथो, मैक्सिको, निकारागुआ, पनामा, पैराग्वे, पेरू, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, तंजानिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुवालु, उरुग्वे और वेनेजुएला शामिल हैं.

अमेरिका का लगभग हर देश देता है बर्थराइट सिटिजनशिप
दिलचस्प बात यह है कि जन्मसिद्ध नागरिकता प्रदान करने वाला लगभग हर देश उत्तर या दक्षिण अमेरिका में स्थित है.इसकी शुरुआत औपनिवेशिक काल में हुई थी, जिसमें नई दुनिया में अपनी बस्तियों को आबाद करने के इच्छुक यूरोपीय देशों ने अधिक उदार और आप्रवास-अनुकूल नागरिकता नीतियां स्थापित कीं.

जन्मसिद्ध नागरिकता प्रदान करने वाले देश में रहने के लाभ
जन्मसिद्ध नागरिकता को बनाए रखने वाले देश में रहने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह उस देश में जन्मे किसी भी व्यक्ति को बिना किसी अन्य आवश्यकता के नागरिकता प्रदान करता है. यह बच्चे को मूल्यवान कानूनी अधिकार दे सकता है, जैसे कि उन्हें अनुचित प्रत्यर्पण से बचाना या उन्हें उन सामाजिक कार्यक्रमों से लाभ उठाने में सक्षम बनाना जो अन्यथा उन्हें उपलब्ध नहीं होते.

यह भी पढ़ें- अमेरिकी जज ने ट्रंप के बर्थराइट सिटीजनशिप खत्म करने वाले आदेश पर क्यों रोक लगाई? जानें

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