पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व के जंगलों में विचरण करने वाले बाघों की संख्या का पता लगाने के लिए एक बार फिर से विभागीय स्तर पर गणना कराई जाएगी. दो चरणों में होने वाली इस गणना का पहला चरण 25 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. इसके बाद दूसरा चरण शुरू हो होगा. करीब एक महीने में पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा. पीलीभीत में इसके लिए 402 कैमरे लगाए जाएंगे. बीते दिनों जारी NTCA के आंकड़ों के अनुसार टाइगर रिजर्व में 71 से अधिक बाघ होने का दावा किया गया था. वर्ष 2014 में यहा 24 बाघ होने की पुष्टि हुई थी. इसके 8 साल बाद 2022 तक यह कुनबा 71 बाघों तक पहुंच गया था.
बाघों की संख्या में इजाफा होने पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व को T2X अवार्ड भी मिला था. टाइगर रिजर्व को तमाम अन्य अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं. साल 2024 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन 25 अक्टूबर से करीब 1 महीने तक गणना का काम कराएगा. पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला, महोफ और दियोरिया रेंज में एक महीने तक चलने वाली इस गणना के लिए 201 ग्रिड पर 402 ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरे लगाने का यह काम बाघों की संभावित मौजूदगी वाले स्थान पर होगा, करीब 1 महीने के बाद कैमरे के डाटा के आधार पर बाघों की संख्या का आकलन किया जाएगा.
ऐसे की जाती है गिनती :बाघों की गणना के लिए टाइगर की संभावित लोकेशन पर दो पेड़ों पर ठीक आमने-सामने दो ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं. इन कैमरा में एक खास तरह का सेंसर लगा होता है जो किसी भी वन्य जीव के आने जाने पर उनकी तस्वीर कैद कर लेता है. निर्धारित समय के बाद कैमरे में कैद की गई तस्वीरों में से बाघ की तस्वीरों को अलग किया जाता है और बाघ की शरीर की पर धारी व तमाम अन्य यूनिक आईडी के जरिए संख्या का अनुमान लगाया जाता है. सभी बाघों के शरीर की धारियां अलग-अलग होती है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि गणना को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 201 स्थान पर 402 कैमरे लगाए जाएंगे. पहले चरण की गणना करीब 1 महीने तक चलेगी.