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बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न; यूपी में धरना-प्रदर्शन, आजमगढ़-आगरा-मथुरा समेत पूरे प्रदेश में सड़क पर उतरे हिंदू

आजमगढ़ में हिंदू रक्षा संघर्ष समिति ने विरोध किया. जितेंद्रानंद सरस्वती बोले- बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए बने अलग राष्ट्र.

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बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन करते आजमगढ़ के लोग. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 17 hours ago

Updated : 11 hours ago

आजमगढ़: बांग्लादेश में हिंदू मठ मंदिरों पर हमले, तोड़फोड़ व महिलाओं बच्चियों संग दुष्कर्म, दुकानों में लूटपाट जैसी घटनाओं के विरोध में यूपी में आजमगढ़, मथुरा, बस्ती, शाहजहांपुर, बरेली और आगरा समेत प्रदेश के जिलों में धरना प्रदर्शन हिंदू संगठन के लोग कर रहे हैं.

आजमगढ़ में हिंदू रक्षा संघर्ष समिति की ओर से धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. अपने संबोधन में यहां आए हिंदू व इस्कॉन तथा अन्य मठ मंदिरों से आए धर्माचार्यों ने बांग्लादेश में हिंदू धर्मावलंबियों पर अत्याचारों को मुखरता से उठाया.

आजमगढ़ में मीडिया से बात करते अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती. (Video Credit; ETV Bharat)

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने मीडिया से कहा कि इतिहास ने देखा है कि हिंदुओं पर इस देश में कितना अत्याचार हुआ. जो लोग पूछते हैं कि कैसे हिंदू मठ मंदिर तोड़े गए और साजिश के तहत हिंदुओं का नरसंहार हुआ था, वह बांग्लादेश में देख सकते हैं कि ऐसे ही हुआ था. चाहे कश्मीर में हिंदुओं का सफाया हो या अन्य स्थान पर एक बार वही दोहराया जा रहा है.

विश्व में 129 देश में बसे हिंदुओं को दिखाना होगा कि आज भारत में कैसे गांव-गांव में हिंदू एकजुट है और सभी जाति मत से ऊपर उठकर एकजुटता का परिचय दे रहा है. 1971 में बांग्लादेश की आजादी के समय जिस प्रकार से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ के बीच वार्तालाप में युद्ध के समय को लेकर चर्चा हुई थी. तब सेना अध्यक्ष ने कहा था कि आपको युद्ध लड़ना है कि जीतना है यह तय कर लीजिए.

तब सरकार ने युद्ध जीतने की बात कही थी. वही स्थिति आज भी है. सरकार इस मामले में पूरे तरीके से गंभीर है. मोदी सरकार निश्चित रूप से इस मामले में कदम उठाएगी. लेकिन हम समय तय करने के पक्ष में नहीं हैं. सरकार ही समय तय करे कि कब कैसे क्या कार्रवाई करनी है.

उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश में एक करोड़ 20 लाख हिंदू हैं. जब इजरायल 55 लाख लोगों के लिए एक अलग देश बन सकता है तो बांग्लादेश में जहां हिंदुओं की बहुत संख्या है, उसको भी हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए.

भारत के मुसलमान के लिए अलग देश के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले ही जब बंटवारा हो रहा था तब 23 परसेंट मुसलमान के लिए 30% भूमि दे दी गई थी. जिनको अलग राष्ट्र में रहने की इच्छा है वह पाकिस्तान में चले जाएं. धरना प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया.

डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने पीएम मोदी से की अपील: डॉ. आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय का 90% हिस्सा दलित समाज से है जो वर्तमान में गंभीर संकट का सामना कर रहा है. विभाजन के समय बंगाल के प्रमुख दलित नेता योगेंद्र नाथ मंडल, डॉ. आंबेडकर के समकालीन थे जो मुस्लिम लीग के प्रभाव में पूर्वी पाकिस्तान चले गए.

डॉ. आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल की पत्रकार वार्ता (Video Credit- ETV Bharat)

वहां वे कानून मंत्री बने, लेकिन जल्द ही उन्हें दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और जनसंहार का सामना करना पड़ा. लाखों दलितों की हत्या और महिलाओं के साथ बलात्कार के बाद उनका मोहभंग हो गया. आखिरकार आठ अक्टूबर 1950 को उन्होंने पाकिस्तान से भागकर भारत की शरण ली और अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. डॉ. निर्मल ने बताया कि मंडल के भारत लौटने के बाद पूर्वी पाकिस्तान में दलितों पर बड़े पैमाने पर अत्याचार हुए. डॉ. लालजी निर्मल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मांग पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है.

कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण बोले- समय आ चुका है शस्त्र उठाने का: मथुरा में गांधी प्रतिमा के पास हिंदू स्वाभिमान मंच के बैनर तले सामाजिक संगठन साधु संतों ने एक साथ धरना प्रदर्शन किया. कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे. केंद्र सरकार सख्त कदम उठाए. कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा हमेशा से हिंदू सनातन को आगे बढ़ाने का काम करता है.

हिंदू कभी हिंसक नहीं हुआ. हिंदू कभी कत्लेआम नहीं करता. हिंदू ने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया. हिंदू शास्त्र का ज्ञान रखता है. अब समय आ चुका है कि शस्त्र भी उठाना चाहिए. बांग्लादेश में रह रहे हिंदू शस्त्र उठाकर विरोध करें क्योंकि, हिंदू कभी किसी को छेड़ता नहीं है. हिंदुओं पर अत्याचार अब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होंगे.

बस्ती में हिंदू संगठनों ने किया प्रदर्शन: हिंदू रक्षा वाहिनी संघर्ष समिति के बैनर तले तमाम हिंदू संगठनों ने जन आक्रोश रैली निकालकर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध किया. बस्ती जिले के शास्त्री चौक पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे हुए और वहां से पैदल मार्च करते हुए कंपनी बाग, तहसील होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जिलाधिकारी के माध्यम से हिंदू संगठनों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज कर बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाए जाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है.

शाहजहांपुर में विरोध प्रदर्शन: शाहजहांपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान मानव अधिकार रक्षा मंच ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. बांग्लादेश के मामले को संसद में उठाने और बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं पर अत्याचार रोकने की कड़ी चेतावनी दी गई है. विरोध प्रदर्शन में आरएसएस समेत कई हिंदू संगठन शामिल हुए. पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती भी शामिल हुए. उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी बांग्लादेश के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

बरेली में हिंदू संगठनों ने किया प्रदर्शन: बरेली कॉलेज में एक विशाल आक्रोश प्रदर्शन सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कई हिंदू संगठनों ने शामिल होकर बांग्लादेश सरकार के प्रति गुस्सा जहर किया. आक्रोश प्रदर्शन सभा में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के विधायक संजीव अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में बांग्लादेश सरकार को इस अत्याचार का जवाब दिया जाएगा.

चूड़ियों के शहर में सभी धर्मों के लोगों ने बुलंद कीआवाज:'मजहब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना'. कुछ ऐसी ही मिशाल बुधवार को फिरोजाबाद में भी देखने को मिली. जहां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम, सिक्ख,जैन और ईसाई धर्म के अनुयायियों ने भी आवाज बुलंद की. सभी ने एक स्वर से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुर्म और अत्याचारों की निंदा की. साथ ही यह मांग भी की गयी कि बांग्लादेश की सरकार तत्काल कोई ऐसा कदम उठाए, जिससे वहां हिंसा रुके और उपद्रवियों को जेल भेजे. न्यायायिक मानवाधिकार संस्था के बैनर तले फिरोजाबाद में एक सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया. जिसमें हिंदुओं के साथ साथ मुस्लिम, जैन,सिक्ख धर्म के अनुयायी मौजूद थे. सभी ने बांग्लादेश सरकार से मांग की कि वह हिंदुओं को सुरक्षा दे. साथ ही उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल में डाले.

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