संभल : जिले के तमाम तीर्थस्थलों को संरक्षित करने पर तेजी से काम किया जा रहा है. DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने खुद इसकी कमान संभाल ली है. उनके द्वारा लगातार तीर्थस्थलों, कुओं और कूपों का निरीक्षण किया जा रहा है. शासन की वंदन योजना से इन तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार होगा. वहीं, प्राचीन तालाबों की भी तस्वीर बदलने पर प्रशासन काम कर रहा है. अब तालाबों पर से अवैध कब्जा हटाया जाएगा. DM के निरीक्षण में एक तालाब पर अवैध पट्टा मिला तो उसे निरस्त कर दिया गया.
गुरुवार को संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने संभल सदर इलाके के पांच तीर्थ स्थलों चतुर्मुख कूप, अशोक कूप, चतुर सागर, एकान्ति तीर्थ और शंख माधव का निरीक्षण किया. इस दौरान DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि सामान्य रूप से जितने भी तीर्थ स्थान और कूप हैं, वह सभी कागजों में दर्ज हैं. किसी कारणवश उन पर कब्जा हो गया तो उनको अब निकलवाया जा रहा है. कहा कि यहां जो तीर्थ हैं, वह मूलरूप से तालाब हैं. तालाब पर ही तीर्थ स्थल होता था, उसी पर स्नान,पूजा आदि होते थे. उन तालाबों को निकलवा रहे हैं.
बताया कि यहां एक तालाब एकान्ति तीर्थ है. उस पर दो वर्ष पहले एक पट्टा हो गया था, उसको हटवाया गया. पट्टे को निरस्त किया गया. अब उसका मनरेगा के तहत पुनरुद्धार किया जाएगा. बताया कि ग्राम क्षेत्र में जितने भी तीर्थ स्थान हैं, उन्हें मनरेगा और ग्राम निधि से काम कराकर संरक्षित किया जाएगा. जबकि जो नगर क्षेत्र में हैं, उन्हें नगर पालिका के तहत शासन की योजनाओं से काम कराया जाएगा. साथ ही वंदन योजना से काम कराया जाएगा.
डीएम ने बताया कि फिलहाल चतुर्मुख कूप पर काम हो रहा है. वहीं अशोक कूप पर थोड़ा बहुत काम होना बाकी है. उसे वंदन योजना के तहत सुधार कराएंगे. इसके अलावा चतुर सागर और एकांति तीर्थ तथा शंख माधव कुल 5 स्थान, जो तालाब और कूप थे, उनका निरीक्षण किया है. अब इनका भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा. बताया कि संभल को पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित करने के लिए काम किया जा रहा है. जल्द ही संभल को नई पहचान मिलेगी.