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कुपोषण का दंश झेल रहा ड़ेढ साल का मासूम, मांस हड्डियों से चिपका, शरीर में बचा मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन - panna child suffering malnutrition

पन्ना जिला अस्पताल में कुपोषण से पीड़ित डेढ़ साल का मासूम भर्ती हुआ है. उसके शरीर में मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन बचा है. बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल रक्त की व्यवस्था कराई गई. साथ ही पोषण पुनर्वास केंद्र में खाना और इलाज की व्यवस्था की गई है.

panna child suffering malnutrition
कुपोषण का शिकार मनीष आदिवासी (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 8:19 AM IST

पन्ना। मध्य प्रदेश में कुपोषण की समस्या गंभीर बनी हुई है. सरकार के कुपोषण के खिलाफ उठाए गए कदमों पर भी सवाल उठने लगे हैं. पन्ना जिले में कुपोषण से पीड़ित बच्चा संज्ञान में आया है. पन्ना जिला चिकित्सालय में भर्ती कुपोषित बालक मनीष आदिवासी के शरीर में एक ग्राम ही हीमोग्लोबिन बचा हुआ है. पोषण पुनर्वास केंद्र के कर्मचारियों ने तत्काल ही बालक के लिए रक्त की व्यवस्था कराई. कुपोषित बच्चे की मां जयंती आदिवासी ने इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया है. उसके पिता अल्लू आदिवासी दिल्ली मजदूरी करने गए हुए हैं.

मनीष आदिवासी के शरीर में मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन बचा है (ETV BHARAT)

मासूम के शरीर में मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन

पन्ना जिले में कुपोषण कोई नई बात नहीं है. लेकिन जिला मुख्यालय के नजदीक गंभीर कुपोषण चिंता का विषय आवश्यक है. क्योंकि महिला बाल विकास द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की तमाम योजनाएं चलाई जाती हैं फिर भी पन्ना शहर के नजदीक भी लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. गुरुवार को मनोर के नयापूरा के डेढ़ वर्षीय मनीष आदिवासी को पोषण पुनर्वास केंद्र पन्ना में भर्ती कराया गया, जिसकी स्थिति गंभीर है. पोषण पुनर्वास केंद्र के कर्मचारियों ने तत्काल इलाज और जांच की व्यवस्था कराई. रक्त जांच में पता चला कि कुपोषित मनीष आदिवासी के शरीर में मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन बचा है. जिसके बाद तुरंत रक्त की व्यवस्था कराई.

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अस्पताल में बच्चे का रखा जा रहा खास ख्याल

पोषक प्रशिक्षक रश्मि त्रिपाठी ने बताया कि ''डेढ़ वर्षीय मनीष आदिवासी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण पुनर्वास केंद्र लेकर आई थी. साथ में उसकी मां जयंती आदिवासी है और पिता अल्लू गोड़ मजदूरी करने दिल्ली गया हुआ है.'' सिविल सर्जन डॉ आलोक गुप्ता का कहना है कि ''अस्पताल कि जो व्यवस्थाएं हैं नियमानुसार प्रदान की जा रही हैं. पोषण पुनर्वास केंद्र में खाना और इलाज की व्यवस्था की गई है. हमारा प्रयास है शीघ्र मनीष आदिवासी स्वस्थ हो. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रदीप गुप्ता इस बालक का इलाज कर रहे हैं.

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