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श्रीनगर में सागर भंडारी और पुलिस से बीच हुई नोकझोंक, जमकर हुई धक्का-मुक्की, जानें कारण - Ankita Bhandari murder case

Ankita Bhandari murder case श्रीनगर में आज पहाड़ पार्टी के कार्यकर्ताओं का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला है. पहाड़ पार्टी के महासचिव सागर भंडारी जल समाधि लेने जा रहे थे. तभी पुलिस प्रशासन और उनके बीच बहसबाजी हुई. सागर भंडारी ने सरकार को 10 दिन के अंदर डीजीपी अभिनव कुमार को हटाने का अल्टीमेटम दिया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 12, 2024, 10:53 PM IST

श्रीनगर में सागर भंडारी और पुलिस से बीच हुई नोकझोंक

श्रीनगर: पहाड़ पार्टी के महासचिव सागर भंडारी जल समाधि लेने के लिए श्रीनगर पहुंचे. तभी पुलिस प्रशासन के साथ उनकी जमकर तू-तू मैं-मैं और धक्का मुक्की हुई. 2 घंटे तक नगर पालिका रोड पर नारेबाजी की और उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार को हटाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. भारी पुलिस बल की सुरक्षा के चलते पहाड़ पार्टी के महासचिव सागर भंडारी जल समाधि लेने के लिए अल्केश्वर घाट नहीं पहुंच सके. तहसील प्रशासन के समझाने के बाद पहाड़ पार्टी के महासचिव सागर भंडारी ने 10 दिनों के लिए अपना जल समाधि लेने का निर्णय स्थगित किया.

अंकिता भंडारी के परिजनों को समर्थन दे रही पहाड़ पार्टी:दरअसल, पहाड़ पार्टी के कार्यकर्ता पूर्व से ही अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अंकिता भंडारी के परिजनों को अपना समर्थन दे रहे हैं. इस दौरान एससी एसटी एक्ट में पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी आंदोलन के दौरान की गई. आशुतोष पर सरकारी कार्य में बाधा डालने के संबंध में दूसरा मुकदमा भी पंजीकृत किया गया. वहीं, जब इस मामले में प्रदेश के डीजीपी का बयान सामने आया, तो पार्टी के कार्यकर्ता भड़क गए.

पहाड़ पार्टी ने सरकार को दिया अल्टीमेटम:पार्टी के महासचिव सागर भंडारी ने कहा कि आंदोलन में शामिल सभी लोगों को डीआईजी अभिनव कुमार द्वारा बयानों के जरिये टारगेट किया गया. उन्होंने कहा कि अगर 10 दिन के अंदर डीजीपी को नहीं हटाया जाता है, तो वे जलसमाधि लेने के लिए मजबूर होंगे. वहीं, पहाड़ पार्टी के संगठन महासचिव मोहन सिंह नेगी ने कहा कि प्रशासनिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति को बयान बाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि अपराधियों को पकड़ना उनका कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है और ना ही रिजॉर्ट तोड़ने के आदेश देने वाले अधिकारी और विधायक पर कार्रवाई की गई है. जबकि आंदोलन पर बैठे व्यक्ति पर केस दर्ज कर जेल भेजा गया है.

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