ETV Bharat / state

विदेशी मेहमान परिंदों से गुलजार हुआ हरिद्वार, झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व में पहुंचे हजारों प्रवासी पक्षी - MIGRANT BIRD IN HARIDWAR

हरिद्वार का झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व प्रवासी पक्षियों से गुलजार, पक्षियों के दीदार के लिए सैलानियों और फोटोग्राफरों का लगा तांता

Jhilmil Jheel Conservation Reserve
मेहमान परिंदे (फोटो सोर्स- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 4, 2025, 3:59 PM IST

Updated : Feb 4, 2025, 4:40 PM IST

हरिद्वार: इन दिनों उत्तराखंड के तमाम जलाशय और नदियां विदेशी प्रवासी पक्षियों से गुलजार हैं. हरिद्वार के झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व में भी बड़े पैमाने पर विदेशी पक्षियों का झुरमुट नजर आ रहा है. जिन्हें देखने के लिए सैलानियों और फोटोग्राफरों का तांता लगा हुआ है. झील में खासकर साइबेरियन पक्षी डेरा डाले हुए हैं. जो हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंचे हैं. वहीं, वन विभाग भी विदेशी मेहमानों के संरक्षण के लिए सचेत नजर आ रहा है.

करीब 22 किमी लंबा ट्रैक जंगल सफारी के लिए मुफीद: हरिद्वार स्थित झिलमिल झील संरक्षण रिजर्व का करीब 22 किलोमीटर लंबा ट्रैक जंगल सफारी के लिए बेहद मुफीद है. गंगा तट से लगे इस सफारी ट्रैक में सालभर काफी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं. नवंबर से मार्च के महीने के बीच यहां दुर्लभ प्रजाति के विदेशी पक्षी भी डेरा डाले रहते हैं.

विदेशी मेहमान परिंदों से गुलजार झिलमिल झील (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

हजारों किमी की यात्रा कर पहुंचते हैं विदेशी परिंदे: बेहद ठंडे साइबेरियन इलाकों के पक्षी हजारों किलोमीटर की दूर तय कर अपने अनुकूल वातावरण वाले इस इलाके में प्रवास करते हैं. इनमें सुर्खाब, रिवर लैपविंग, कॉमन टील, पलाश ईगल, ब्लैक विंग्ड, रिवर टर्न, नॉर्दर्न पिनटेल, पनकौआ जैसी प्रजातियों के विदेशी मेहमान गंगा के तट पर उड़ान भरते हुए नजर आ रहे हैं.

Jhilmil Jheel Conservation Reserve
खूबसूरत पक्षी का झोड़ा (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

विदेशी पक्षियों के प्रवास और प्रजनन के लिए मुफीद जगह: वाइल्ड लाइफ के जानकारों का कहना है कि यह स्थान विदेशी पक्षियों के प्रवास और प्रजनन के लिए पूरी तरह अनुकूल है. यहां पर्याप्त मात्रा में पानी है. साथ ही रिजर्व फॉरेस्ट होने की वजह से यहां इंसानी दखल काफी कम है. इसलिए विदेशी पक्षी इस जगह पर आकर सर्दियां काटते हैं. पेशेवर बर्ड फोटोग्राफरों के लिए ये जगह मुफीद है.

Jhilmil Jheel Conservation Reserve
झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व में प्रवासी पक्षी (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

साल 2005 में घोषित किया गया था संरक्षण रिजर्व: गंगा तट वाले इस रिजर्व फॉरेस्ट में साल दर साल प्रवासी पक्षियों की तादाद बढ़ रही है. इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग भी चौकसी बरतता है. मार्च महीने में गर्मियों की शुरुआत हो जाने के साथ विदेशी मेहमान अपने देश वापस लौट जाएंगे. बता दें कि इस झिलमिल झील को साल 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निर्देश पर एक संरक्षण रिजर्व घोषित किया गया था.

ये भी पढ़ें-

हरिद्वार: इन दिनों उत्तराखंड के तमाम जलाशय और नदियां विदेशी प्रवासी पक्षियों से गुलजार हैं. हरिद्वार के झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व में भी बड़े पैमाने पर विदेशी पक्षियों का झुरमुट नजर आ रहा है. जिन्हें देखने के लिए सैलानियों और फोटोग्राफरों का तांता लगा हुआ है. झील में खासकर साइबेरियन पक्षी डेरा डाले हुए हैं. जो हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंचे हैं. वहीं, वन विभाग भी विदेशी मेहमानों के संरक्षण के लिए सचेत नजर आ रहा है.

करीब 22 किमी लंबा ट्रैक जंगल सफारी के लिए मुफीद: हरिद्वार स्थित झिलमिल झील संरक्षण रिजर्व का करीब 22 किलोमीटर लंबा ट्रैक जंगल सफारी के लिए बेहद मुफीद है. गंगा तट से लगे इस सफारी ट्रैक में सालभर काफी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं. नवंबर से मार्च के महीने के बीच यहां दुर्लभ प्रजाति के विदेशी पक्षी भी डेरा डाले रहते हैं.

विदेशी मेहमान परिंदों से गुलजार झिलमिल झील (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

हजारों किमी की यात्रा कर पहुंचते हैं विदेशी परिंदे: बेहद ठंडे साइबेरियन इलाकों के पक्षी हजारों किलोमीटर की दूर तय कर अपने अनुकूल वातावरण वाले इस इलाके में प्रवास करते हैं. इनमें सुर्खाब, रिवर लैपविंग, कॉमन टील, पलाश ईगल, ब्लैक विंग्ड, रिवर टर्न, नॉर्दर्न पिनटेल, पनकौआ जैसी प्रजातियों के विदेशी मेहमान गंगा के तट पर उड़ान भरते हुए नजर आ रहे हैं.

Jhilmil Jheel Conservation Reserve
खूबसूरत पक्षी का झोड़ा (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

विदेशी पक्षियों के प्रवास और प्रजनन के लिए मुफीद जगह: वाइल्ड लाइफ के जानकारों का कहना है कि यह स्थान विदेशी पक्षियों के प्रवास और प्रजनन के लिए पूरी तरह अनुकूल है. यहां पर्याप्त मात्रा में पानी है. साथ ही रिजर्व फॉरेस्ट होने की वजह से यहां इंसानी दखल काफी कम है. इसलिए विदेशी पक्षी इस जगह पर आकर सर्दियां काटते हैं. पेशेवर बर्ड फोटोग्राफरों के लिए ये जगह मुफीद है.

Jhilmil Jheel Conservation Reserve
झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व में प्रवासी पक्षी (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

साल 2005 में घोषित किया गया था संरक्षण रिजर्व: गंगा तट वाले इस रिजर्व फॉरेस्ट में साल दर साल प्रवासी पक्षियों की तादाद बढ़ रही है. इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग भी चौकसी बरतता है. मार्च महीने में गर्मियों की शुरुआत हो जाने के साथ विदेशी मेहमान अपने देश वापस लौट जाएंगे. बता दें कि इस झिलमिल झील को साल 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निर्देश पर एक संरक्षण रिजर्व घोषित किया गया था.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Feb 4, 2025, 4:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.