नई दिल्ली: अगर आप एटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए जरुरी है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पांच मुफ्त लेनदेन की सीमा पार करने पर बैंकों द्वारा ग्राहकों से वसूले जाने वाले अधिकतम शुल्क और एटीएम इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाने पर विचार कर रहा है. हिंदू बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार शुल्क में इस बढ़ोतरी से बैंकिंग ग्राहकों को एटीएम से नकदी निकालने पर अधिक भुगतान करना पड़ेगा. विशेष रूप से शुल्क में इस वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंकिंग ग्राहकों को एटीएम से नकदी निकालने के लिए अपनी जेब से अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे.
एटीएम निकासी शुल्क में बढ़ोतरी तय
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पांच मुफ्त सीमा पूरी होने के बाद अधिकतम नकद लेनदेन शुल्क को मौजूदा 21 रुपये प्रति लेनदेन से बढ़ाकर 22 रुपये करने की सिफारिश की है. भुगतान नियामक NPCI ने उद्योग के साथ परामर्श के बाद नकद लेनदेन के लिए एटीएम इंटरचेंज शुल्क को 17 रुपये से बढ़ाकर 19 रुपये करने की भी सिफारिश की है. गैर-नकद लेनदेन के लिए शुल्क को 6 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये करने की सिफारिश की गई है.
एटीएम इंटरचेंज शुल्क क्या है?
एटीएम इंटरचेंज शुल्क एक ऐसा शुल्क है जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम सेवाओं का उपयोग करने के लिए देता है. यह शुल्क आमतौर पर लेन-देन का एक फीसदी होता है और अक्सर ग्राहक के बिल में जोड़ा जाता है. बैंक और व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर मेट्रो और गैर-मेट्रो क्षेत्रों के लिए शुल्क बढ़ाने की एनपीसीआई की योजना से सहमत हैं. भारतीय रिजर्व बैंक और एनपीसीआई ने इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है.