अयान के परिजनों से मिले गणेश गोदियाल श्रीनगर: इन दिनों पौड़ी जिले में गुलदारों का आतंक है. श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में एक दर्जन से अधिक गुलदार होने की आशंका जताई जा रही है. आज मंगलवार को फिर सुबह सात बजे बुगाड़ी रोड पर गुलदार दिखाई दिया. वन विभाग की टीम गुलदार की ढूंढ में लग गयी है. अब तक गुलदारों ने खिर्सू ब्लॉक के दो बच्चों को अपना निवाला बनाया है.
दो बच्चों को मारने वाले गुलदारों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं दो बच्चों को निवाला बनाने वाले गुलदारों को मारने का आदेश: एक ही दिन में दो बच्चों के गुलदारों के हाथों मारे जाने की घटनाओं के बाद से वन विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है. विभाग में प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉक्टर समीर सिन्हा ने इस संबंध में डीएफओ गढ़वाल को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. डॉक्टर सिन्हा ने नौनिहालों को निवाला बनाने वाले गुलदारों को पहले पिंजरे में पकड़े जाने, उसके बाद ट्रैंकुलाइज किए जाने और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंतिम विकल्प के रूप में मारने की अनुमति प्रदान की है.
श्रीनगर में 3 पिंजरे लगाए गए हैं. प्रभावित क्षेत्रों में 12 ट्रैप कैमरे और 5 पिंजरे लगाए: वहीं प्रभावित क्षेत्रों में वन विभाग की टीमें तैनात हो गई हैं. घटना के बाद क्षेत्र में स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है. डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि विभाग ने श्रीनगर में 3 पिंजरे और 7 ट्रैप कैमरे लगाए हैं. ग्वाड़ गांव में 2 पिंजरे और 5 ट्रैप कैमरे लगाए हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में 15 वन कर्मियों और 10 पीआरडी जवानों की टीमें तैनात कर लगातार गश्त की जा रही है.
ग्वाड़ गांव में 2 पिंजरे लगाए गए हैं. अयान के परिजनों से मिले गणेश गोदियाल: वहीं दूसरी तरफ श्रीनगर के पूर्व विधायक और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने गुलदार के हाथों मारे गए 4 साल के अयान के घर जाकर उसके परिजनों को सांत्वना दी. इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार को जमकर कोसा. उन्होंने इस दौरान कहा कि एक तरफ तो सरकार गुलदारों की संख्या को बढ़ाने का कार्य कर रही है, दूसरी तरफ यही गुलदार आबादी वाले इलाकों में लोगों पर हमला कर उनकी मौत का कारण बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारों को गुलदारों की संख्या नियंत्रित कर उन्हें जंगलों तक ही सीमित रखने को लेकर कड़े कदम उठाने चाहिए. वरना मासूम लोगों की जान जाती रहेगी.
अयान की मां का रोकर बुरा हाल: दूसरी तरफ अयान की मां का रो रो कर बुरा हाल है. उन्होंने कहा कि वे कमरे में ही थीं, जब उनके बच्चे को उनकी आंख के सामने गुलदार उठा कर ले गया. वो बेबसी में कुछ ना कर सकीं. उन्होंने आगे कहा कि गरीब की कोई नहीं सुनता है. कईं बार लोग गुलदार को मुहल्ले में देख चुके थे. लेकिन पिंजरे नहीं लगाए गए. वन विभाग की इसी गलती के कारण आज उनका बेटा उनके पास नहीं है.
डीएफओ ने ये कहा: वहीं घटना के तीसरे दिन डीएफओ स्वप्निल ने बताया कि गुलदार के हमले में मौत पर पीड़ित परिवारों को 6-6 लाख का मुआवजा प्रदान किया जाएगा. जिसमें से दोनों पीड़ित परिवारों को 30-30 फीसदी (1 लाख 80 हजार) अग्रिम मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है. शेष 70-70 फीसदी (4 लाख 20 हजार) का मुआवजा पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पीड़ित परिवारों को प्रदान की जाएगी.
गुलदार प्रभावित क्षेत्र में निगरानी के लिए वन विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दे दिए गए हैं. रात्रि गश्त के दौरान जागरूकता संदेश प्रसारित किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन श्रीनगर के अधिकारियों को वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कदम उठाए जाने को कहा गया है.
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