हल्द्वानी: महिला से दुष्कर्म और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ के आरोप में हल्द्वानी उप कारागार में बंद नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा जेल में पैर स्लिप होने से गिर गए. इस वजह से उनके पैर में पड़ी रॉड की पिन खिसक गई. इसीलिए मुकेश बोरा को डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज किया गया. हालांकि अब उन्हें छुट्टी दे दी गई है.
वहीं पॉक्सो कोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी उप कारागार में आज 5 फरवरी को नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की बोर्ड की बैठक होनी थी. लेकिन आज बोर्ड की बैठक नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि मुकेश बोरा ने बीमार होने का हवाला देकर न्यायालय से बोर्ड की बैठक आगे करने की मांग की है.
जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि मुकेश बोरा के पैर का पहले आपरेशन हुआ था. शनिवार को मुकेश के जेल में फिसलकर गिर जाने के चलते पैर में गंभीर चोट आ गई थी. जिसकी वजह से उनके पैर में तेज दर्द हुआ. उन्हें फौरन ही डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने पैर का एक्सरे कराया. जहां इलाज के बाद मुकेश बोरा को छुट्टी दे दी गई है. हल्द्वानी जेल अधीक्षक प्रमोद पांडे ने बताया कि मुकेश बोरा ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया है जिसके चलते बोर्ड की बैठक स्थगित कर दी गई है.
बता दें कि पूर्व बीजेपी नेता और नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर लालकुआं कोतवाली में पिछले वर्ष एक सितंबर में महिला से दुष्कर्म और पीड़िता की नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. दुग्ध संघ में काम करने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी नौकरी पक्की करने के नाम पर मुकेश ने उसके साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी नाबालिग बेटी से भी छेड़छाड़ की. तभी से आरोपी हल्द्वानी जेल में बंद है. हालांकि मुकेश बोरा ने इन आरोपों को साजिश करार दिया था.
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