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हरिद्वार में जानलेवा चाइनीज मांझों का कहर जारी, प्रवासी पक्षियों समेत कई पंछी भी हो रहे घायल - HARIDWAR CHINESE MANJHA

चाइनीज मांझों से हरिद्वार में 2 लोगों की पहले ही जान जा चुकी है, अनेक लोग घायल हो चुके हैं

HARIDWAR CHINESE MANJHA
चाइनीज मांझों से पक्षी हो रहे घायल (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 5, 2025, 3:01 PM IST

Updated : Feb 5, 2025, 5:01 PM IST

हरिद्वार: जिले में चाइनीज मांझा आमजन के साथ-साथ पक्षियों के लिए भी काल बनता जा रहा है. चाइनीज मांझों से कुछ लोगों की मौत हो चुकी है, तो कई गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं. इस चाइनीज मांझे की मौत की डोर में फंसकर कई पक्षी घायल हो गए हैं. घायल पक्षियों में गिद्ध, बाज, उल्लू और बगुले के साथ ही आईबीस और इजिप्शियन वल्चर जैसे प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं.

चाइनीज मांझों से कई पक्षी हो चुके घायल: हरिद्वार के डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि-

चाइनीज मांझे से पक्षियों के घायल होने के करीब 10 मामले सामने आ चुके हैं. इनमे विंटर सीजन में वेटलैंड पर आने वाले प्रवासी पक्षी भी घायल हुए हैं, जिनका रेस्क्यू कर सफल इलाज किया गया है. इन घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा विशेष दल का गठन किया जाएगा. इसमें प्रशासन और पुलिस का सहयोग लिया जाएगा. साथ ही हम आमजन से भी अपील करते हैं कि चाइनीज मांझे का इस्तेमाल न किया जाए.
-वैभव सिंह, डीएफओ, हरिद्वार-

जंगल में चलाया जाएगा अभियान: हरिद्वार के डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि-

हमारे द्वारा जंगलों में भी एक विशेष अभियान चलाएगा जाएगा. जिसके तहत पतंग के माध्यम से जंगलों में पहुंची चाइनीस डोर को जलाने का कार्य हरिद्वार के वन विभाग की टीम करेगी. यह आदेश भी हमारे द्वारा दिए गए हैं. साथ ही सभी कर्मचारियों को कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में गश्त करें और जहां भी चाइनीज मांझा या डोर दिखती है, उसे जलाकर नष्ट करें.
-वैभव सिंह, डीएफओ, हरिद्वार-

हरिद्वार जिले की ही बात कर तो यहां पर एक दो नहीं बल्कि 30 से ज्यादा लोग चाइनीज मांझे का शिकार हुए हैं. इनमें से दो लोगों की जान भी चली गई है.

चाइनीज मांझों से पक्षी हो रहे घायल (ETV BHARAT)

नमामि गंगे प्रोजेक्ट में चालक की हुई थी मौत: 2 जनवरी को राजा गार्डन के पास चाइनीज मांझे की चपेट में आने से अशोक कुमार नाम के व्यक्ति की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाले अशोक हरिद्वार में नमामि गंगे प्रोजेक्ट में हाइड्रा चलाते थे. हाइड्रा चलाते समय अचानक चाइनीज मांझा उनकी गर्दन में फंसा और उससे उनकी गर्दन कट गई थी.

रेलवे के इंजीनियर की भी चाइनीज मांझे ने ली जान: 2 फरवरी को हरिद्वार में चाइनीज मांझे ने एक और व्यक्ति की जान ले ली थी. गुरुकुल इलाके में बाइक सवार व्यक्ति के गले में अचानक से मांझा फंस गया था. इससे उसका गला कट गया और मौत हो गई थी. चाइनीज मांझा का शिकार हुआ व्यक्ति सुलेख चंद पंजाब में रेलवे में जूनियर इंजीनियर के पद पर था. वो अपनी पत्नी अरुणा देवी को एम्स ऋषिकेश से दिखाकर लौट रहे थे. तभी रास्ते में चाइनीज मांझे ने उनकी भी जान ले ली.

खतरनाक क्यों होता है चाइनीज मांझा? चाइनीज मांझा का प्रयोग लोग पंतग उड़ाने में करते हैं. दरअसल पतंगबाज दूसरे की पतंग को काटने पर अपनी जीत समझते हैं. इसलिए लिए वो चाइनीज मांझे का प्रयोग करते हैं. चाइनीज मांझे में प्लास्टिक और धातु का मिश्रण होता है. इसमें पिसे कांच का मिश्रण भी होता है. इस कारण ये सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार होता है. इसके साथ ही इसमें धातु होने के कारण ये विद्युत का सुचालक भी है. इस कारण इसके विद्युत लाइन को छूने से करंट आने का भी खतरा होता है. ये मांझा इतना सख्त होता है कि आसानी से टूटता भी नहीं है. इसी कारण इसमें फंसने से इंसानों और पक्षियों के साथ जानवरों को भी घाव हो जाते हैं या फिर मौत हो जाती है. प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे पतंग की दुकानों पर बिक रहे हैं.

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चाइनीज मांझों से कई पक्षी हो चुके घायल: हरिद्वार के डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि-

चाइनीज मांझे से पक्षियों के घायल होने के करीब 10 मामले सामने आ चुके हैं. इनमे विंटर सीजन में वेटलैंड पर आने वाले प्रवासी पक्षी भी घायल हुए हैं, जिनका रेस्क्यू कर सफल इलाज किया गया है. इन घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा विशेष दल का गठन किया जाएगा. इसमें प्रशासन और पुलिस का सहयोग लिया जाएगा. साथ ही हम आमजन से भी अपील करते हैं कि चाइनीज मांझे का इस्तेमाल न किया जाए.
-वैभव सिंह, डीएफओ, हरिद्वार-

जंगल में चलाया जाएगा अभियान: हरिद्वार के डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि-

हमारे द्वारा जंगलों में भी एक विशेष अभियान चलाएगा जाएगा. जिसके तहत पतंग के माध्यम से जंगलों में पहुंची चाइनीस डोर को जलाने का कार्य हरिद्वार के वन विभाग की टीम करेगी. यह आदेश भी हमारे द्वारा दिए गए हैं. साथ ही सभी कर्मचारियों को कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में गश्त करें और जहां भी चाइनीज मांझा या डोर दिखती है, उसे जलाकर नष्ट करें.
-वैभव सिंह, डीएफओ, हरिद्वार-

हरिद्वार जिले की ही बात कर तो यहां पर एक दो नहीं बल्कि 30 से ज्यादा लोग चाइनीज मांझे का शिकार हुए हैं. इनमें से दो लोगों की जान भी चली गई है.

चाइनीज मांझों से पक्षी हो रहे घायल (ETV BHARAT)

नमामि गंगे प्रोजेक्ट में चालक की हुई थी मौत: 2 जनवरी को राजा गार्डन के पास चाइनीज मांझे की चपेट में आने से अशोक कुमार नाम के व्यक्ति की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाले अशोक हरिद्वार में नमामि गंगे प्रोजेक्ट में हाइड्रा चलाते थे. हाइड्रा चलाते समय अचानक चाइनीज मांझा उनकी गर्दन में फंसा और उससे उनकी गर्दन कट गई थी.

रेलवे के इंजीनियर की भी चाइनीज मांझे ने ली जान: 2 फरवरी को हरिद्वार में चाइनीज मांझे ने एक और व्यक्ति की जान ले ली थी. गुरुकुल इलाके में बाइक सवार व्यक्ति के गले में अचानक से मांझा फंस गया था. इससे उसका गला कट गया और मौत हो गई थी. चाइनीज मांझा का शिकार हुआ व्यक्ति सुलेख चंद पंजाब में रेलवे में जूनियर इंजीनियर के पद पर था. वो अपनी पत्नी अरुणा देवी को एम्स ऋषिकेश से दिखाकर लौट रहे थे. तभी रास्ते में चाइनीज मांझे ने उनकी भी जान ले ली.

खतरनाक क्यों होता है चाइनीज मांझा? चाइनीज मांझा का प्रयोग लोग पंतग उड़ाने में करते हैं. दरअसल पतंगबाज दूसरे की पतंग को काटने पर अपनी जीत समझते हैं. इसलिए लिए वो चाइनीज मांझे का प्रयोग करते हैं. चाइनीज मांझे में प्लास्टिक और धातु का मिश्रण होता है. इसमें पिसे कांच का मिश्रण भी होता है. इस कारण ये सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार होता है. इसके साथ ही इसमें धातु होने के कारण ये विद्युत का सुचालक भी है. इस कारण इसके विद्युत लाइन को छूने से करंट आने का भी खतरा होता है. ये मांझा इतना सख्त होता है कि आसानी से टूटता भी नहीं है. इसी कारण इसमें फंसने से इंसानों और पक्षियों के साथ जानवरों को भी घाव हो जाते हैं या फिर मौत हो जाती है. प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे पतंग की दुकानों पर बिक रहे हैं.

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Last Updated : Feb 5, 2025, 5:01 PM IST
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