रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सदन के बाहर तख्ती बैनर के साथ बांग्लादेशी घुसपैठ और संथाल परगना में हो रहे डेमोग्राफिक चेंज के मुद्दे पर प्रदर्शन किया. सत्ताधारी दल कांग्रेस और झामुमो के कई विधायक और शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी प्रदर्शन किया.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. भाजपा विधायकों ने सरकार पर वोट के लिए तुष्टिकरण करने और इसके खिलाफ उठने वाली आवाज को लाठी डंडे से दबाने का आरोप लगाया. भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सरकार संथाल परगना में आदिवासी होस्टल में रात के अंधेरे में पुलिस के सहयोग से आदिवासी छात्रों की पिटाई के मामले की जांच SIT बनाकर कराए और दोषियों को कठोर सजा दिलाई जाए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सदन के बाहर और सदन के अंदर जनता के मुद्दों पर सरकार का जवाब चाहते हैं. आज सहायक पुलिस, पंचायत स्वयंसेवक और अन्य अनुबंधकर्मी आंदोलन पर हैं. राज्य के स्नातक और स्नातकोत्तर बेरोजगार आज भी बेरोजगारी भत्ता के इंतजार में हैं, राज्य की विधि व्यवस्था चौपट है, हत्या लूट की हर दिन वारदातें हो रही हैं. इस पर हम सरकार से पांच साल का हिसाब चाहते हैं. अमर बाउरी ने कहा कि सरकार के अब गिनती के दिन बचे हैं, वह अपने पांच साल के काम का हिसाब दे या फिर राज्य की जनता से माफी मांगें.
मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन के बाहर एक ओर जहां भाजपा के विधायक बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगे थे. वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी दल कांग्रेस और झामुमो के कई विधायक और शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर हाथ में तख्ती बैनर लेकर निशिकांत दुबे के उस बयान का विरोध कर रहे थे जिसमें उन्होंने संथाल परगना, कोसी प्रमंडल और पश्चिम बंगाल के दो जिले मालदा और मुर्शिदाबाद को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश प्रदेश बनाने की बात लोकसभा में की थी.
कांग्रेस विधायक ने कहा कि भाजपा के लोग झारखंड को डिवाइड एंड रूल के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं. इनके पूर्वजों ने भी आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया था. उन्होंने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद झारखंड मिला है. इसे तोड़ने या बांटने की किसी भी साजिश को हम सफल नहीं होने देंगे. शिक्षामंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि केंद्र से हमारा हिस्सा नहीं मिल रहा है. बजट में झारखंड को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है. संसद में भाजपा सांसद नया केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग करते हैं यह किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है.