पटनाःबिहार भाजपा ट्रांजिशन दौर से गुजर रही है. भारतीय जनता पार्टी हमेशा नई पीढ़ी के नेताओं को आगे बढ़ने का अवसर दे रही है. पुरानी पीढ़ी के नेताओं को किनारे लगायी जा रही है. हालांकि कुछ नेता हैं जिन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है. लेकिन कुछ ऐसे हैं जिनका पार्टी में कोई भविष्य नहीं दिखा रहा है. इन्हीं में से वर्तमान में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी हैं, जिनका कार्यकाल जल्द ही खत्म हो रहा है.
तीनों नेताओं की उम्र 70 सालः बिहार भाजपा एक बार फिर जदयू और हम के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने में कामयाब रही. वरीष्ठ नेताओं में कैलाशपति मिश्र की को अगर छोड़ दें तो भाजपा की तिकड़ी का योगदान को भुला नहीं जा सकता है. इसमें सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं, जिन्होंने भाजपा को बिहार के अंदर आगे बढ़ाने का काम किया. तीनों नेता 70 की उम्र पार कर चुके हैं. इसलिए अब इन्हें आराम देने की तैयारी हो रही है.
विस अध्यक्ष होंगे नंदकिशोर यादवः बता दें कि नंदकिशोर यादव 71 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं. सात बार विधायक रह चुके हैं. पटना पश्चिम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. इन्हें दो बार प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका मिला है. 2020 में कैबिनेट में नंदकिशोर यादव को जगह नहीं मिली थी हालांकि इस बार नंदकिशोर यादव को पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया है. इसको लेकर नंदकिशोर यादव ने भाजपा का आभार जताया है.
"पार्टी ने मुझे अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया है, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री का धन्यवाद करता हूं. सबके सहयोग से मैं विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर काम करूंगा."-नंदकिशोर यादव, भाजपा नेता
प्रेम कुमार को मंत्रिमंडल में जगहः प्रेम कुमार 69 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं. आठ बार से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं. गया विधानसभा सीट से इन्हें लगातार प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. बिहार सरकार में इन्हें 15 साल तक मंत्री बने रहने का अवसर प्राप्त हुआ है. 2020 में मंत्रिमंडल में प्रेम कुमार को शामिल नहीं किया जा सका था लेकिन 2024 में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद अति पिछड़ों को तवज्जों देने के क्रम में प्रेम कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.