पटना : राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने एक बड़ा दावा किया है कि सरकार देर रात तक बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के लिए री एग्जाम की घोषणा करेगी. उनका कहना है कि जिस तरह से ठंड में अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरना स्थल पर अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं, और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार को पत्र लिखा है, इसका सरकार पर असर जरूर होगा.
तेजस्वी यादव का पत्र और सरकार पर दबाव : शक्ति सिंह यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पत्र को लेकर कहा कि तेजस्वी यादव ने दो बार सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करके फिर से परीक्षा लेनी चाहिए. यादव का मानना है कि जब अभ्यर्थियों की मांग जायज है, तो सरकार को इस पर कुछ न कुछ जवाब देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा सरकार के लिए गंभीर हो सकता है क्योंकि जो लोग उन्हें सत्ता में लाए हैं, वही भविष्य में उन्हें सत्ता से नीचे भी कर सकते हैं.
प्रशांत किशोर पर हमला और आंदोलन की भूमिका : शक्ति सिंह यादव ने प्रशांत किशोर पर भी हमला बोला. उन्होंने उन्हें सत्ता का बिचौलिया बताते हुए कहा कि प्रशांत किशोर जैसे लोग आंदोलन में घुसकर इसे खत्म करना चाहते थे, लेकिन अभ्यर्थियों ने अपनी संजीदगी का परिचय दिया और अब भी गर्दनीबाग में सत्याग्रह कर रहे हैं. उनका कहना था कि इस आंदोलन को अनदेखा नहीं किया जा सकता.
वाम दलों का समर्थन, राजद की रणनीति : राजद प्रवक्ता ने वाम दलों, कांग्रेस और सांसद पप्पू यादव का धन्यवाद किया, जो री एग्जाम की मांग में सड़क पर उतरकर आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. हालांकि, राजद इस आंदोलन में प्रदर्शन में कहीं नजर नहीं आ रहा है, लेकिन शक्ति सिंह यादव ने भरोसा जताया कि सरकार जल्द ही निर्णय लेगी.
सरकार पर अंतिम दबाव और री एग्जाम की उम्मीद : शक्ति सिंह यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि "आज रात ही सरकार री एग्जाम की घोषणा करेगी", और उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार को युवाओं की ताकत का एहसास हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह मांग पूरी तरह से विचाराधीन है और सरकार इस पर विचार कर रही है. अब देखना यह है कि शक्ति सिंह यादव का यह दावा सच साबित होता है या नहीं.
बीपीएससी की तैयारी जारी, भविष्य में क्या होगा? : वहीं, बीपीएससी ने परीक्षा केंद्रों पर तैयारी पूरी कर ली है, जहां कल यानी 4 जनवरी को एक परीक्षाकेंद्र के परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा आयोजित है. अब यह देखना है कि सरकार की ओर से कब और क्या निर्णय लिया जाएगा?
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