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शिक्षा की धरोहर 'नालंदा' पर पेपर लीक के दाग, रंजीत डॉन से लेकर संजीव मुखिया तक ने मचाया बवाल - paper leak Nalanda module

NEET PAPER LEAK नालंदा, जिसका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा है, नीट पेपर लीक के कारण एक बार फिर चर्चा में है. 19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन किया था, लेकिन अब इस शहर का नाम नीट पेपर लीक के मामले से जुड़ गया है. इस ताजा खुलासे के बाद नालंदा मॉड्यूल फिर से विवादों में घिर गया है. क्योंकि, इसी नालंदा के कुख्यात रंजीत डॉन ने 2000-2001 में सीबीएसई, मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं के पेपर लीक कराए थे.

पेपर लीक.
पेपर लीक. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 27, 2024, 6:21 PM IST

नीट पेपर लीक का तार नालंदा से जुड़ रहा है. (ETV Bharat)

नालंदाः बिहार का नालंदा इन दिनों पूरे देश में सुर्खियों में है. नीट पेपर लीक मामले में खुलासे के बाद नालंदा मॉड्यूल की चर्चा हो रही है. पेपर लीक से नालंदा का तार पहली बार नहीं जुड़ा है. 2000-01 में नालंदा के रंजीत डॉन ने सीबीएसई, मेडिकल और इंजीनियर की परीक्षाओं के पेपर लीक और स्कॉलर को बैठाकर दूसरे छात्र को पास कराने के कारण चर्चा में आया था. 2003 में कैट एग्जाम में पेपर लीक के बाद सीबीआई ने रंजीत डॉन को पकड़ा था, और तब उसने कई खुलासे किए थे. विशेषज्ञ का मानना है कि बिना सत्ता संरक्षण के इस तरह का गिरोह सफल नहीं हो सकता है.

"प्रश्न पत्र लीक करने वाले गिरोह के कारनामे को देखकर हतप्रभ हूं. बिना सत्ता संरक्षण का इस तरह का गिरोह ना तो बिहार में लंबे समय तक काम कर सकता है और ना ही गुजरात और अन्य राज्यों में. जरूरत है ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो जिससे युवाओं का भविष्य बर्बाद ना हो सके."- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, एएन सिंहा इंस्टीट्यूट

विद्यार्थी विकास (ETV Bharat)

संजीव मुखिया है मास्टर माइंडः आज संजीव मुखिया के कारनामे से नालंदा फिर से चर्चा में आ गया है. हाल में मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए ली जाने वाली नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने सबसे पहले खुलासा किया और उसके बाद अब सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है. संजीव मुखिया का नाम इन दिनों चर्चा में है. संजीव मुखिया नालंदा का रहनेवाला है और नीट पेपर लीक में उसकी बड़ी भूमिका मानी जा रही है. नीट पेपर लीक से पहले बीएससी टियर 3 के प्रश्न पत्र लीक में भी नालंदा के नगरनौसा का संजीव मुखिया और उनका बेटा डॉक्टर शिव मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.

फर्जीवाड़े को लेकर भी चर्चा में रहा है नालंदाः इसके अलावा सिपाही भर्ती परीक्षा, अग्निशमन एवं उत्पाद दरोगा सहित अन्य पदों पर बहाली के लिए ली गयी परीक्षा, यूजीसी नेट सहित कई परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले में नालंदा का लिंक कहीं ना कहीं जुड़ा रहा है. नालंदा केवल पेपर लीक के कारण ही चर्चा में नहीं रहा है, बल्कि फर्जीवाड़ा के कई मामलों को लेकर भी सुर्खियों में रहा है. भू-माफिया ने सरकारी जमीन, पहाड़, नदी और तालाब तक बेच दी थी. जब यह बात सामने आई तब हड़कम्प मच गया था. भू माफिया ने 1000 के सरकारी बॉन्ड पर सरकारी तालाब पहाड़ बेचने का काम किया था. प्रशासनिक मिलीभगत से सब कुछ हुआ था. इसमें कई लोगों पर गाज गिरी थी.

ETV GFX. (ETV Bharat)

नालंदा में साइबर अपराधी हैं सक्रियः नालंदा के सेटरों के तार न केवल प्रश्न पत्र लीक मामले में बल्कि अब साइबर अपराध से भी जुड़े हुए हैं. नीट पेपर लीक से चर्चा में आया नालंदा मॉड्यूल के बारे में कभी नालंदा के एसपी रहे पूर्व डीजीपी अभयानंद ने बताया कि साल 1989 में जब वह एसपी थे तो मैट्रिक परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. उन्होंने हिलसा में जमीन खोदकर मैट्रिक का पेपर निकलवाया था. परीक्षा माफिया मैट्रिक के प्रश्न पत्र को जमीन में गाड़कर छुपाए थे. नालंदा मिनी गन फैक्ट्री के कारण भी चर्चा में रहा है. नालंदा के एसपी रहे अभयानंद का कहना है कि यहां, हथियार बनाने का हुनर रखने वाले कारीगर बहुत हैं.

"किसी को सत्ता संरक्षण बिहार में नहीं दिया जाता है. इस मामले में जो भी आरोपी हैं वो लोग गिरफ्तार किए गए हैं और कई की गिरफ्तारी की जानी है."- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री व नालंदा विधायक

श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री. (ETV Bharat)

कौन है रंजीत डॉनः रंजीत सिंह उर्फ रंजीत डॉन, नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड के लोदीपुर का रहने वाला है. जब भी मुन्ना भाई के नाम की चर्चा होती है रंजीत डॉन का नाम सामने आ जाता है. 1994 में दरभंगा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में रंजीत डॉन ने दाखिला लिया था, लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र देने के आरोप में वहां से निकाला गया. उसके बाद रंजीत डॉन ने 2000 के दशक में पेपर लीक और अभ्यर्थी की जगह दूसरे छात्र को बैठाकर कई लोगों को डॉक्टर बनाया था. इसी तरह इंजीनियरिंग के एग्जाम में भी फर्जीवाड़ा किया था.

कैट का प्रश्न पत्र किया था लीकः भारतीय प्रबंधन संस्थान कैट प्रवेश परीक्षा में भी क्वेश्चन आउट करवाया था. कैट की परीक्षा देश के 26 शहरों में 137 केंद्र बनाए गए थे और एक घंटा पहले पेपर लीक करवा दिया था. बाद में एग्जाम भी रद्द हो गया. मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने रंजीत डॉन को दिल्ली के होटल से गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने जब रंजीत डॉन को पकड़ा था तो कई खुलासे हुए थे. कहा था कई एग्जाम का पेपर लीक करवा चुका है. कैट के पेपर लीक करवाने के लिए अभ्यर्थियों से 10-10 लाख लिए थे. इसी तरह मेडिकल और इंजीनियरिंग और बैंक सहित कई परीक्षाओं को पास कराने के लिए भी लाखों रुपए रंजीत डॉन ने कमाए थे.

राजनीति में हाथ आजमा रहा रंजीत डॉनः रंजीत डॉन के साथ कई सेंटर भी पकड़ में आया था. रंजीत डॉन एग्जाम सेंटर खरीद लेता था. रंजीत डॉन के बारे में या चर्चा थी कि हजार करोड़ से अधिक की उसके पास संपत्ति है. उस समय रंजीत डॉन को 10 साल की सजा भी हुई थी. हालांकि पिछले कुछ सालों से जमानत पर जेल से बाहर है और राजनीति में सक्रिय है. लोजपा के टिकट पर विधानसभा, विधान परिषद का चुनाव भी लड़ चुका है. सफलता अभी तक नहीं मिली है. रंजीत डॉन के बारे में यह भी पता चला था कि कई दवा कंपनी फर्जी तरीके से बनाकर काले धन को सफेद करने की कोशिश की थी.

कौन है संजीव मुखियाः नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया, नालंदा के नगर नौसा का रहने वाला है. संजीव मुखिया बिहार शरीफ के नूरसराय स्थित नालंदा कॉलेज ऑफ़ हॉर्टिकल्चर में तकनीकी सहायक के पद पर काम कर रहा है. संजीव मुखिया का नाम सबसे पहले बीपीएससी टियर 3 के प्रश्न पत्र लीक में आया था. संजीव मुखिया के साथ उसका डॉक्टर बेटा शिव कुमार भी इस पेपर लीक में शामिल था. अब नीट पेपर लीक में भी संजीव मुखिया और उसके कई साथियों का नाम सामने आ रहा है. संजीव मुखिया और उसकी पत्नी ममता देवी भी राजनीति में सक्रिय है. लोजपा रामविलास के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई नेताओं के साथ ममता देवी की तस्वीर सामने आयी है. विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है.

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