नालंदाः बिहार का नालंदा इन दिनों पूरे देश में सुर्खियों में है. नीट पेपर लीक मामले में खुलासे के बाद नालंदा मॉड्यूल की चर्चा हो रही है. पेपर लीक से नालंदा का तार पहली बार नहीं जुड़ा है. 2000-01 में नालंदा के रंजीत डॉन ने सीबीएसई, मेडिकल और इंजीनियर की परीक्षाओं के पेपर लीक और स्कॉलर को बैठाकर दूसरे छात्र को पास कराने के कारण चर्चा में आया था. 2003 में कैट एग्जाम में पेपर लीक के बाद सीबीआई ने रंजीत डॉन को पकड़ा था, और तब उसने कई खुलासे किए थे. विशेषज्ञ का मानना है कि बिना सत्ता संरक्षण के इस तरह का गिरोह सफल नहीं हो सकता है.
"प्रश्न पत्र लीक करने वाले गिरोह के कारनामे को देखकर हतप्रभ हूं. बिना सत्ता संरक्षण का इस तरह का गिरोह ना तो बिहार में लंबे समय तक काम कर सकता है और ना ही गुजरात और अन्य राज्यों में. जरूरत है ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो जिससे युवाओं का भविष्य बर्बाद ना हो सके."- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, एएन सिंहा इंस्टीट्यूट
संजीव मुखिया है मास्टर माइंडः आज संजीव मुखिया के कारनामे से नालंदा फिर से चर्चा में आ गया है. हाल में मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए ली जाने वाली नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने सबसे पहले खुलासा किया और उसके बाद अब सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है. संजीव मुखिया का नाम इन दिनों चर्चा में है. संजीव मुखिया नालंदा का रहनेवाला है और नीट पेपर लीक में उसकी बड़ी भूमिका मानी जा रही है. नीट पेपर लीक से पहले बीएससी टियर 3 के प्रश्न पत्र लीक में भी नालंदा के नगरनौसा का संजीव मुखिया और उनका बेटा डॉक्टर शिव मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
फर्जीवाड़े को लेकर भी चर्चा में रहा है नालंदाः इसके अलावा सिपाही भर्ती परीक्षा, अग्निशमन एवं उत्पाद दरोगा सहित अन्य पदों पर बहाली के लिए ली गयी परीक्षा, यूजीसी नेट सहित कई परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले में नालंदा का लिंक कहीं ना कहीं जुड़ा रहा है. नालंदा केवल पेपर लीक के कारण ही चर्चा में नहीं रहा है, बल्कि फर्जीवाड़ा के कई मामलों को लेकर भी सुर्खियों में रहा है. भू-माफिया ने सरकारी जमीन, पहाड़, नदी और तालाब तक बेच दी थी. जब यह बात सामने आई तब हड़कम्प मच गया था. भू माफिया ने 1000 के सरकारी बॉन्ड पर सरकारी तालाब पहाड़ बेचने का काम किया था. प्रशासनिक मिलीभगत से सब कुछ हुआ था. इसमें कई लोगों पर गाज गिरी थी.
नालंदा में साइबर अपराधी हैं सक्रियः नालंदा के सेटरों के तार न केवल प्रश्न पत्र लीक मामले में बल्कि अब साइबर अपराध से भी जुड़े हुए हैं. नीट पेपर लीक से चर्चा में आया नालंदा मॉड्यूल के बारे में कभी नालंदा के एसपी रहे पूर्व डीजीपी अभयानंद ने बताया कि साल 1989 में जब वह एसपी थे तो मैट्रिक परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. उन्होंने हिलसा में जमीन खोदकर मैट्रिक का पेपर निकलवाया था. परीक्षा माफिया मैट्रिक के प्रश्न पत्र को जमीन में गाड़कर छुपाए थे. नालंदा मिनी गन फैक्ट्री के कारण भी चर्चा में रहा है. नालंदा के एसपी रहे अभयानंद का कहना है कि यहां, हथियार बनाने का हुनर रखने वाले कारीगर बहुत हैं.