नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी निवास को पिछले कई महीनों से विलासिता का स्मारक, केजरीवाल का शीशमहल का नाम देकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ आक्रामक प्रचार कर रही थी. मगर अब उसी पर पलटवार करते हुए 'आप' ने भाजपा को इसी शीशमहल और राजमहल की राजनीति में फंसाकर रखने का दांव खेल दिया है.
सूत्रों की मानें तो भाजपा जल्द ही नेगेटिव कैंपेन से हटकर अपनी सरकार की उपलब्धियों और सरकार बनने पर दिल्ली वालों को दिए जाने वाले तोहफे पर नई रणनीति के साथ दिल्ली में आक्रामक प्रचार में उतरेगी. अभी तक भाजपा इस जुगत में थी कि केजरीवाल पर भ्रष्टाचार को लेकर आक्रामक होकर उन्हें उनके ही निर्वाचन क्षेत्र में फंसाकर रखेगी.
लेकिन आम आदमी पार्टी ने अब शीशमहल के इस आरोप का तोड़ निकाल लिया है और इस मुद्दे में सीधे प्रधानमंत्री निवास पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है. अब भाजपा शीशमहल के मुद्दे पर पशोपेश में है, क्योंकि यह मुद्दा बीजेपी ने भ्रष्टाचार को लेकर उठाया था और उसके एवज में आप का इसके खिलाफ पीएम मोदी पर अटैक कहीं से भी तर्क संगत नहीं.
सूत्रों की मानें तो जल्द ही भाजपा इस मुद्दे से हटकर जनता के लिए किए गए केंद्र सरकार के कार्यों पर आएगी और भाजपा दिल्ली वालों को क्या तोहफा देने जा रही उसे भी जोर शोर से बताया जाएगा.
भाजपा सूत्रों की मानें तो शीशमहल और राजमहल का ये ड्रामा पार्टी को ऐसा लगता है कि देश की राजधानी के पढ़े-लिखे मतदाताओं को ज्यादा नहीं लुभा पाएगा और यही वजह है कि पार्टी के रणनीतिकार जल्द ही रचनात्मक चुनाव अभियान के साथ मैदान में उतरने वाले हैं. भाजपा अब तक सोशल मीडिया और पोस्टर बैनर के माध्यम से आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर करती रही है. लेकिन अब लोगों के बीच दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी में तब्दील करने का खाका रखेगी.
भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ने किस तरह दिल्लीवालों को शराब की लत लगाई है, इसे यहां की जनता ने भुगता है. उन्हीं शराब माफियाओं के साथ मिलकर दिल्ली की जनता के खून पसीने की कमाई से आने वाले टैक्स को शराब माफिया को लुटाया गया. इस 'आप' की 'आपदा' को इस बार दिल्ली के लोग जड़ से खत्म करने का ठान चुके हैं.
चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही दिल्ली में 'शीशमहल' बनाम 'राजमहल' को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है. आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली में जोरदार चुनावी घमासान देखने को मिल सकता है. सूत्रों की मानें तो भाजपा के बड़े नेता जल्द ही चुनावी मैदान में नई रणनीति और मुद्दों के साथ उतरेंगे. दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे.
बुधवार को 'आप' के नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज मीडिया के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, मगर वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. इन नेताओं की सुरक्षाकर्मियों की तीखी नोकझोंक भी हुई. इस पर भाजपा ने 'आप' पर निशाना भी साधा.
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, "...अरविंद केजरीवाल, लालू प्रसाद यादव को भ्रष्ट नेता कहते थे और उन्हें उनके बेटे तेजस्वी यादव का समर्थन मिल रहा है… ऐसा इसलिए है क्योंकि अरविंद केजरीवाल सबसे धोखेबाज, बेईमान व्यक्ति हैं."
BJP vs AAP की लड़ाई के बीच फायदा उठाने की कोशिश में कांग्रेस
वहीं, आप और भाजपा के बीच चल रहे शीशमहल और राजमहल के ड्रामे के बीच कांग्रेस इस कोशिश में है कि इसका फायदा वो उठा ले जाए. कांग्रेस नेता गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि बीजेपी 'शीशमहल' विवाद को लेकर AAP पर निशाना साध रही है, जबकि AAP पीएम आवास को लेकर बीजेपी पर हमले बोल रही है.
उन्होंने कहा कि दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इन सबके बीच एक तीसरी पार्टी है, कांग्रेस. कांग्रेस पार्टी ने 55 साल तक राज किया है और गांधी परिवार के तीन सदस्य प्रधानमंत्री रहे हैं. आज भी अगर आप सोनिया गांधी के निवास पर जाएंगे तो आपको सादगी का अहसास होगा. यह वो परिवार है जिसने अपना आनंद भवन देश के लिए दान कर दिया.
बीजेपी ने बुधवार को कथित 'शीशमहल' को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 'विलासिता का स्मारक' भी करार दिया और कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं की ओर से उस आवास पर मीडिया को ले जाने की कोशिश न सिर्फ वहां जबरन प्रवेश करने का प्रयास था बल्कि अलोकतांत्रिक प्रक्रिया भी है.
बहरहाल, बुधवार के आम आदमी पार्टी की इस सियासी चाल पर भाजपा पशोपेश में पड़ी है. यही वजह है कि AAP की इस चाल में फंसने से बेहतर अपने अभियान की नई रणनीति तैयार करने में जुट गई है.
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