पटनाः पटना हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार एक साथ 30 वकीलों को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया है. पूर्ण पीठ ने यह निर्णय लेकर कानूनी जगत में एक नई मिसाल कायम की है. सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिलने से अनुभवी वकीलों की संख्या बढ़ेगी, जिससे जटिल मामलों में बेहतर कानूनी सलाह और मजबूत पैरवी का रास्ता खुलेगा. अदालतों में मामलों के जल्द निपटारे की उम्मीद भी बढ़ी है.
47 वकीलों के नाम पर हुई चर्चाः पटना हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में वकीलों को सीनियर एडवोकेट बनाया गया है. पटना हाईकोर्ट के सभी जजों की फुल बेंच के समक्ष 47 वकीलों को सीनियर एडवोकेट बनाये जाने के लिए नाम रखे गये. उनमें पूर्ण पीठ ने 30 वकीलों को सीनियर एडवोकेट बनाये जाने पर सहमति दी. इतनी बड़ी संख्या में पटना हाईकोर्ट ने पहली बार सीनियर एडवोकेट बनाया है.
इनको बनाया गया सीनियर एडवोकेटः जिन लोगों को सीनियर एडवोकेट बनाया गया उनके नाम इस प्रकार से हैं. एडवोकेट अंशुल, अजय, साजिद सलीम खान, आशीष गिरी, संजीव मिश्रा, धर्मेश्वर मिश्रा, सर्वेश कुमार सिंह, जितेन्द्र प्रसाद सिंह, संतोष कुमार, आलोक कुमार सिंह, राजू गिरी, सैय्यद फिरोज राजा, एस एम अशरफ और आलोक कुमार चौधरी को सीनियर एडवोकेट बनाया गया.
दो महिला भी बनीं सीनियर एडवोकेटः इनके अलावा आलोक सिन्हा, प्रसून सिन्हा, सत्यवीर भारती, शेखर सिंह, आनंद कुमार ओझा, राजीव कुमार सिंह, प्रदीप कुमार, मनोज प्रियदर्शी, अभिनव श्रीवास्तव, विनोदानंद मिश्र, गौरांग चटर्जी, राजेश कुमार सिंह, डी वी पैथी और सुधांशु कुमार लाल को सीनियर एडवोकेट बनाया गया. इनके साथ दो महिला एडवोकेट नम्रता मिश्रा व अर्चना सिन्हा को सीनियर एडवोकेट बनाया गया.
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