पटना:“बिहार के रतन टाटा", "वो सूरज हैं, जहां जाएंगे , प्रकाश फैलाएंगे”, "बिहार के लिए एक युग का अंत", ''कभी-कभी भगवान को भी भगवान की जरूरत पड़ती है.", “लोग आज धर्म के नाम पर लाठी चला देते हैं....इन्होंने धर्म के नाम पर बन्दूक छोड़ दी थी.” समस्तीपुर की संसद और किशोर कुणाल की बहू शांभवी चौधरी के ये यह शब्द हैं.
किशोर कुणाल को सांसद बहू ने दी श्रद्धांजलि:शांभवी चौधरी ने अपने ससुर आचार्य किशोर कुणाल को सोशल मीडिया के जरिए श्रद्धांजलि दी है. इस पोस्ट से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शांभवी चौधरी के अंदर अपने ससुर आचार्य किशोर कुणाल के लिए कितनी आस्था और सम्मान है.
"मैं भाग्यशाली हूं":समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी यही नहीं रुकी उन्होंने अपने ससुर स्वर्गीय आचार्य किशोर कुणाल के प्रति आगे लिखा है कि 'यह मेरे शब्द नहीं हैं. ये उन लोगों के शब्द हैं जिन्होंने आपको सही मायने में जाना और आपके साथ रहे, जिन्होंने आपकी उपस्थिति, आपकी बुद्धिमत्ता और आपके प्यार का अनुभव किया. शांभवी ने लिखा है कि 'सौभाग्यशाली हूं क्योंकि महादेव ने मुझे आपकी बहु बनने का आशीर्वाद दिया.' शांभवी खुद को भाग्यशाली बताया है.
"मैं सच में सबसे भाग्यशाली हूं, क्योंकि इस जीवन में मुझे आपका सान्निध्य और आशीर्वाद मिला. यह मेरा सौभाग्य था कि मैंने आपके अनुभव और आपके विचारों को जाना-समझा और उनसे सीखा. आपके द्वारा अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए की गई अथक मेहनत को देखा, और उन मूल्यों और आदर्शों से आकार लिया, जिन्हें आप हमेशा दृढ़ता से मानते थे. आपकी यादें आपकी सीख मेरे लिए दीपक समान हैं, जो सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे."-शांभवी चौधरी, सांसद, एलजेपीआर
आपसे अपनत्व और सम्मान मिला: शांभवी ने लिखा कि जिस क्षण मैंने इस परिवार में कदम रखा, मैंने आप पर विश्वास किया और बदले में मुझे ऐसा अपनत्व और सम्मान मिला जिसे मैं हमेशा संजोकर रखूंगी. मैं हमेशा उन गौरवान्वित पलों को याद करूंगी जो आपने मेरे लिए महसूस किया, और वह मुझे वही ऊर्जा और संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा. हर भाषण, हर साक्षात्कार के बाद, मैं आपके उत्साहवर्धक शब्दों को अपने दिल में सुनूंगी, और मुस्कुराऊंगी, यह जानते हुए कि कहीं न कहीं आप भी मुस्कुरा रहे होंगे और मुझे आशीर्वाद दे रहे होंगे.
क्या कहती हैं शांभवी:'मैं कभी नहीं भूलूंगी कि आपने अपनी बहु के लिए जिस दृढ़ विश्वास से प्रचार किया, वह अद्वितीय रहेगा. कोई और कभी मेरे साथ वैसे खड़ा नहीं होगा जैसा आप रहे. मैं हमेशा आपके अनुशासन को याद रखूंगी कि वह आपके लिए कितना महत्वपूर्ण था और उसने आपके हर कार्य को कैसे प्रभावित किया. निराशा के समय में, आप निडर खड़े रहे. आपकी बहादुरी मेरे लिए एक प्रकाश स्तंभ बन गई, जिसका अनुसरण मैं करती रहूंगी. आपकी ईमानदारी, जिसने सबसे शक्तिशाली को भी हिलाकर रख दिया, मेरे लिए सत्य की ताकत का स्थायी अनुस्मारक बनकर रहेगी.'
"आपके साथ एक युग का अंत हो गया पापा": आचार्य किशोर कुणाल की बहू ने आगे लिखा है कि 'दुनिया आपको एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद रखेगी, पापा, जिन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में आपको याद रखेगी, जिसकी ईमानदारी अडिग थी. मैं अपने हर कार्य में उन सिद्धांतों को जीवित रखने और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगी.
शांभवी सबसे कम उम्र की सांसद: शांभवी चौधरी, किशोर कुणाल के इकलौते पुत्र सायन किशोर की पत्नी है. वो बिहार सरकार के कद्दावर मंत्री अशोक चौधरी की बड़ी पुत्री भी है. शादी के डेढ़ साल बाद चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास से समस्तीपुर से सांसद चुनी गई. यह देश की सबसे कम उम्र की सांसद बनी है. 28 नवम्बर 2024 को ही शांभवी और सायन ने अपनी शादी का दूसरा वर्षगांठ मनाया था.
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