शहडोल। इस प्रचंड तपिश में एक युवा साइकिल चलाते हुए शहडोल पहुंचा है. इनका नाम सुरेंद्र बामने है, जो इन दिनों एक विशेष अभियान के तहत मध्यप्रदेश के हर जिले में साइकिल यात्रा कर रहे हैं और उनके इस काम की अब हर ओर तारीफ हो रही है. इतना ही नहीं अब तो इन्हें लोग एमपी का 'पैडमैन' भी कहने लगे हैं.
महिलाओं को जागरुक करने का प्रण
इन दिनों मई का महीना चल रहा है, तापमान 42 डिग्री के आसपास बना हुआ है. इस भीषण गर्मी में जहां सुबह 10 बजे के बाद से ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है. ऐसे माहौल में भी मध्य प्रदेश का एक युवा अपने एक विशेष प्रण को लेकर प्रदेश के हर जिले का दौरा साइकिल से ही कर रहा है. सुरेन्द्र बामने जगह-जगह जाकर महिलाओं को पैड इस्तेमाल करने के लिए जागरुक कर रहे हैं. उनके इस अभियान को लेकर अब उन्हें एमपी के पैडमैन के नाम से भी लोग बुलाने लगे हैं.
इस घटना के बाद शुरू की मुहिम
सुरेंद्र बामने इस प्रचंड गर्मी में साइकिल चलाते हुए शहडोल पहुंचे. सुरेंद्र बामने बताते हैं कि वो जिला नर्मदापुरम के रहने वाले हैं. साल 2021 में वो मुंबई से इटारसी के लिए ट्रेन में सफर कर रहे थे, तभी एक बालिका को उन्होंने ट्रेन में पीरियड टाइम में परेशान होते देखा. वो लड़की भीख मांग रही थी, उसके पास कोई व्यवस्था नहीं थी, उसके कपड़े उन्हें गंदे दिखे और उसकी तकलीफ भी उनसे नहीं देखी गई, जिसके बाद उन्होंने मासिक धर्म स्वच्छता अभियान की शुरुआत करने का प्रण किया.
सैनिटरी पैड मुफ्त देने की मांग
सुरेंद्र बामने बताते हैं कि"मैं ग्रामीण क्षेत्रों में गया महिलाओं से मिला तो मुझे पता चला कि कई महिलाएं आज भी जागरूक नहीं हैं और आज भी ग्रामीण महिलाएं सैनिटरी पैड की जगह गंदा कपड़ा ही इस्तेमाल करती हैं. जिसकी वजह से कई महिलाओं को बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं, सर्वाइकल कैंसर भी गंदा कपड़ा इस्तेमाल करने से होता है. इसी जागरूकता के लिए वो मध्य प्रदेश के सभी जिलों में साइकल यात्रा कर रहे हैं. उनके साइकल यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की सभी महिलाओं और बालिकाओं को सैनिटरी पैड मुफ्त दिया जाए."