भोपाल: आखिर वो कौन सी वजह थी कि जिसमें मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव की दौड़ में फिनिशिंग लाइन तक अनुराग जैन ही पहुचे. 1989 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अनुराग जैन की ऐसी क्या खूबिया थीं कि वे सीएम डॉ. मोहन यादव की राइट च्वाइस बन गए. फेहरिस्त लंबी है लेकिन वरिष्ठ आईएएस अनुराग जैन का नाम देश के उन अफसरों में शुमार हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल मे जो योजनाएं शुरु की, वे मिसाल बन गईं. एमपी में लोकसेवा गारंटी कानून से लेकर मोदी सरकार में आई जनधन योजना तक इन योजनाओं का सेहरा अनुराग जैन के सिर पर ही बंधा है.
मोहन के लिए कैसे राइट च्वाइस बनें अनुराग
नौ महीने पहले जो नाम मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव के लिए सुर्खियों में रहा, नौ महीने बाद भी उस नाम पर मुहर लगी. आखिर क्या वजह रही कि अनुराग जैन अपने समकालीन अफसरों से आगे निकल गए. ये उनकी कार्यकुशलता के साथ जिस भूमिका में रहे उसे सौ फीसदी देने का जज्बा है. अनुराग जैन जहां जिस भूमिका में रहे वहां एक मील का पत्थर लगाकर गए हैं. वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं, ''वे भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के पहले मुख्यमंत्री काल में उनके ओएसडी भी रहे हैं. मैं कह सकता हूं कि वे एमपी के पहले प्रैक्टिकल चीफ सेक्रेटरी साबित होंगे. क्योंकि वे ज्यादा से ज्यादा काम खुद करते हैं.''