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वेस्ट डिस्टर्बेंस से बढ़ने जा रही ठिठुरन, इन जिलों में पड़ने वाला है पाला, ऐसे बचाएं फसल - RATLAM FROST FALL ALERT

मध्य प्रदेश में शीतलहर के बाद पाला गिरने की आशंका है. पश्चिमी विक्षोंभ की वजह से वेस्ट एमपी के कई जिलों में पाले से फसलों के बचाव के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है.

RATLAM FROST FALL ALERT
शीतलहर के बाद गिर सकता है पाला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 10 hours ago

Updated : 9 hours ago

रतलाम: पश्चिमी मध्य प्रदेश में एक बार फिर शीतलहर का असर देखने को मिल रहा है. लगातार दूसरे दिन भी सर्द हवा से ठिठुरन बढ़ गई है. उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच जिले में तापमान 6 डिग्री से नीचे पहुंचते ही पाला पड़ने की आशंका बनी हुई है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट के साथ पाला गिर सकता है. जिससे रबी सीजन की फसलों पर प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है.

2 दिनों बाद मिलेगी शीतलहर से राहत

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी 1-2 दिन तक तापमान में कमी बनी रहेगी. जिन क्षेत्रों में रात का तापमान 6 डिग्री से नीचे पहुंचेगा, वहां पाला पड़ने की संभावना बनी हुई है. वहीं 2 दिनों के बाद बादल छाने का अनुमान भी है. जिससे शीतलहर से फौरी राहत मिल सकती है. रतलाम स्थित मौसम सूचना संकलन केंद्र के निलेश खराड़ी ने बताया कि "बीती रात जिले में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री दर्ज किया गया है.आगामी 2 दिनों तक तापमान में गिरावट जारी रह सकती है."

इन जिलों में पाला गिरने के आसार

मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में शीतलहर के बाद पाला पड़ने की आशंका जताई गई है. जिसमें रतलाम, उज्जैन, मंदसौर और नीमच सहित आसपास के क्षेत्र शामिल हैं. बताया गया कि इन जिलों के कुछ इलाकों में रात का तापमान करीब 5 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. वहीं, तापमान में तेजी से गिरावट होने पर पाला गिरने से फसलों को काफी नुकसान हो सकता है.

कैसे करें पाले से बचाव

तापमान गिरने और सर्द हवा चलने की वजह से पानी की बूंदे बर्फ बनकर जमने लगती हैं. ऐसे में रबी की फसलों में नुकसान हो सकता है. पाले से बचाव के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. कृषि विभाग के उप संचालक नीलम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि "किसान अपनी फसलों को पाला पड़ने से बचाने के लिए एडवाइजरी के अनुसार दिए गए उपाय करें तो काफी हद तक बचाव किया जा सकता है."

फसलों को पाले से बचाने के उपाय

  • कृषक अपनी फसलों में हल्की सिंचाई करें.
  • इस समय फसलों में सल्फर युक्त रसायनों का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है. डाइमिथाइल सफ्लो ऑक्साइड का 0.2 फीसदी या 0.1 फीसदी थायो यूरिया का छिड़काव करें.
  • फसल को पाले से बचाने के लिए खेत की मेड़ पर फसल के अवशेष जलाकर धुआं करें.
  • शीतलहर की स्थिति में फसलों के साथ ही पशुओं को भी ठंड से बचाव करें.

रतलाम: पश्चिमी मध्य प्रदेश में एक बार फिर शीतलहर का असर देखने को मिल रहा है. लगातार दूसरे दिन भी सर्द हवा से ठिठुरन बढ़ गई है. उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच जिले में तापमान 6 डिग्री से नीचे पहुंचते ही पाला पड़ने की आशंका बनी हुई है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट के साथ पाला गिर सकता है. जिससे रबी सीजन की फसलों पर प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है.

2 दिनों बाद मिलेगी शीतलहर से राहत

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी 1-2 दिन तक तापमान में कमी बनी रहेगी. जिन क्षेत्रों में रात का तापमान 6 डिग्री से नीचे पहुंचेगा, वहां पाला पड़ने की संभावना बनी हुई है. वहीं 2 दिनों के बाद बादल छाने का अनुमान भी है. जिससे शीतलहर से फौरी राहत मिल सकती है. रतलाम स्थित मौसम सूचना संकलन केंद्र के निलेश खराड़ी ने बताया कि "बीती रात जिले में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री दर्ज किया गया है.आगामी 2 दिनों तक तापमान में गिरावट जारी रह सकती है."

इन जिलों में पाला गिरने के आसार

मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में शीतलहर के बाद पाला पड़ने की आशंका जताई गई है. जिसमें रतलाम, उज्जैन, मंदसौर और नीमच सहित आसपास के क्षेत्र शामिल हैं. बताया गया कि इन जिलों के कुछ इलाकों में रात का तापमान करीब 5 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. वहीं, तापमान में तेजी से गिरावट होने पर पाला गिरने से फसलों को काफी नुकसान हो सकता है.

कैसे करें पाले से बचाव

तापमान गिरने और सर्द हवा चलने की वजह से पानी की बूंदे बर्फ बनकर जमने लगती हैं. ऐसे में रबी की फसलों में नुकसान हो सकता है. पाले से बचाव के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. कृषि विभाग के उप संचालक नीलम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि "किसान अपनी फसलों को पाला पड़ने से बचाने के लिए एडवाइजरी के अनुसार दिए गए उपाय करें तो काफी हद तक बचाव किया जा सकता है."

फसलों को पाले से बचाने के उपाय

  • कृषक अपनी फसलों में हल्की सिंचाई करें.
  • इस समय फसलों में सल्फर युक्त रसायनों का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है. डाइमिथाइल सफ्लो ऑक्साइड का 0.2 फीसदी या 0.1 फीसदी थायो यूरिया का छिड़काव करें.
  • फसल को पाले से बचाने के लिए खेत की मेड़ पर फसल के अवशेष जलाकर धुआं करें.
  • शीतलहर की स्थिति में फसलों के साथ ही पशुओं को भी ठंड से बचाव करें.
Last Updated : 9 hours ago
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