भोपाल :मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल, 16 जनवरी से प्रदेश के हजारों कर्मचारी 46 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरने वाले हैं. कर्माचरी संघों ने सरकार से अपनी 46 सूत्रीय मांगों पर विचार करने की बात कही थी, और मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी. वहीं अब प्रदेश के सरकारी अधिकारी व कर्मचारी पूरे एक महीने तक एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं.
क्यों सड़क पर उतर रहे मध्य प्रदेश के कर्मचारी?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में 16 जनवरी से 16 फरवरी तक प्रदेशभर में ये आंदोलन चलाए जाने का निर्णय लिया गया है. रविवार को जिला स्तर की बैठकों में फैसला लिया गया कि सरकार द्वारा लंबित मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने और उन्हें पूरा नहीं करने की वजह से कर्मचारी संघ इस आंदोलन के लिए बाध्य हैं.
1 महीने तक चलेगा कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी ने बताया, '' गुरुवार 16 जनवरी को सभी जिला कलेक्टरों को कर्मचारी संघों द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के नाम ज्ञापन सौंपा जाना है. इस ज्ञापन में फिर 46 सूत्रीय मांगें बताई जाएंगी, जिनपर अगर विचार नहीं हुआ तो दूसरे चरण में प्रदर्शन करते हुए 24 जनवरी को सभी विधायकों और सांसदों को यह ज्ञापन सौंपे जाएंगे.''