नई दिल्ली: ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी उबर ने किराए को लेकर एक ऐलान किया है. ताजा जानकारी के मुताबिक किराए के मोड में बदलाव करते हुए कंपनी ने कहा कि ऑटो ड्राइवर से अब कमीशन लेना बंद कर दिया गया है. अब कमीशन की जगह एक निश्चित शुल्क सदस्यता सिस्टम की शुरुआत की गई है.
बता दें, यह सिस्टम नम्मा यात्री और रैपिडो के बराबर ही होगी. वहीं, कंपनी ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि 18 फरवरी से सभी ऑटो जर्नी केवल नकद ही स्वीकार की जाएंगी. उबर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ड्राइवरों के लिए सदस्यता-आधारित मॉडल की ओर इंडस्ट्री के बदलाव को देखते हुए हमने यह दृष्टिकोण अपनाने का निर्णय लिया है, ताकि कपंनी प्रतिस्पर्धा में बनी रहे और नुकसान न उठाना पड़े.
इस बदलाव का साफ असर किराए पर पड़ेगा और यात्री मोलभाव कर सकेंगे. कंपनी की तरफ से यह भी बताया गया कि ऐप में जो किराया दिखाया जाता है वह सिर्फ एक सुझाव मात्र है, जबकि अंतिम किराया ड्राइवर और यात्री के बीच बार्गेनिंग के बाद तय होगा. वहीं, कंपनी अब किराए को लेकर किसी भी तरह के विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगी. इसके साथ-साथ कंपनी ने सुरक्षा को लेकर भी बात कही है. उसने कहा कि सुरक्षा संबंधी सभी मामलों को हमेशा की तरह गंभीरता से लिया जाएगा और यात्रियों की जर्नी सुरक्षित करने के लिए जरूरी कदम उठाते रहेंगे.
कर सकेंगे मोलभाव
उबर कंपनी के इस नए सिस्टम से यात्रियों को यात्रा करने में फायदा होगा. अब किराए को लेकर मोलभाव किया जा सकेगा. अगर आपको लगता है कि ड्राइवर आपसे ज्यादा किराया वसूल रहा है तो बिना किसी रद्दीकरण चार्जेस के आप यात्रा से इंकार भी कर सकते हैं, लेकिन कंपनी की तरफ से अभी सदस्यता शुल्क की कोई घोषणा नहीं की गई है.
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